बीए हिंदी कोर्स : हिंदी में बैचलर ऑफ़ आर्ट्स, जिसे बीए हिंदी कोर्स के नाम से भी जाना जाता है, बीए हिंदी 3 साल का ग्रेजुएशन स्तरीय डिग्री कोर्स है। इस कोर्स में कम्युनिकेशन स्किल, हिंदी साहित्य का इतिहास, समकालीन हिंदी साहित्य आदि जैसे विषय शामिल हैं। यह बीए अंग्रेजी के बाद किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय ग्रेजुएशन कोर्सेस में से एक है।
हिंदी कम्युनिकेशन के एक आम माध्यम के रूप में भारत की राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रसिद्ध है, क्योंकि भारत में हिंदी सबसे ज्यादा बोले जाने बाली भाषाओं में से एक है। आज की वैश्विकीकृत दुनिया में हिंदी भाषा का महत्व बढ़ रहा है। साथ ही योग और अन्य भारतीय परंपरागत मूल्यों के प्रसार के साथ ही लोगों ने अब हिंदी के महत्व को समझा है और इस भाषा की सीखने की शुरुआत भी की है। हिंदी भाषा का एक बहुत प्राचीन और व्यापक साहित्य भी है और इतना ही नहीं यह एक भारतीय संस्कृति की समझने का एक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
यह कोर्स न केवल हिंदी भाषा की मूल बातें जैसे कम्युनिकेशन स्किल, हिंदी साहित्य, लेखन कौशल आदि को कवर करेगा, बल्कि यह हिंदी साहित्य के अन्य पहलु जैसे समकालीन और आधुनिक हिंदी साहित्य, हिंदी भाषा में विभिन्न प्रकार की कविता को भी कवर करता है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीए हिंदी |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन हिंदी |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 + हिंदी अनिवार्य विषय |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | प्रवेश परीक्षा / मेरिट |
कोर्स फीस | 25,000 से 60,000 प्रति वर्ष |
औसत वेतन | 2.5 से 5 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | मीडिया हाउस, स्कूल एंव कॉलेज, न्यूज़ पेपर & मैगज़ीन आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | हिंदी अध्यापक, हिंदी न्यूज एंकर, वॉइस आर्टिस्ट, हिंदी न्यूजपेपर एडिटर आदि। |
बीए हिंदी कोर्स क्या है?
इस कोर्स में आपको पूरी हिंदी भाषा उसका इतिहास और विकास, व्याकरण और साहित्य के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके पाठ्यक्रम को प्रत्येक वर्ष 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है जहां प्रत्येक वर्ष में 2 सेमेस्टर शामिल होंगे। इस कोर्स को करने से, उम्मीदवार हिंदी कम्युनिकेशन स्किल – मौखिक और लिखित दोनों, हिंदी भाषा के विभिन्न रूपों और बोलियों, भाषा का उचित व्याकरण आदि सीख सकते हैं।
इतना ही नहीं, बीए हिंदी कोर्स में विभिन्न हिंदी साहित्य – गद्य और पद्य दोनों, इसके इतिहास और विकास का विस्तृत अध्ययन भी शामिल है। बीए हिंदी का पाठ्यक्रम अलग-अलग विश्वविद्यालयों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
BA हिंदी करने में कितना खर्च आता है? अगर आप बीए हिंदी कोर्स की न्यूनतम योग्यता को पूरा करते है तो आप विभिन्न इस कोर्स को विश्वविद्यालयों की मदद से इस कोर्स को 25,000 से 60,000 रुपये में पूरा कर सकते है जबकि सटीक फीस विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय में भिन्न होती है।
हिंदी कोर्स क्यों करना चाहिए?
- जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिंदी भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है। आजकल कई आईटी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को क्षेत्रीय भाषाओं में लॉन्च करना चाहती हैं और इसके लिए हिंदी उनकी पहली पसंद है। इसलिए, इन कंपनियों के लिए हिंदी ग्रेजुएट्स की मांग है, जो भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है।
- इस कोर्स को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को विभिन्न तरह की नौकरी के अवसर मिल सकते है। जिनमे शिक्षक, हिंदी न्यूज़ एंकर, वॉइस आर्टिस्ट, हिंदी के प्रसिद्ध लेखक, हिंदी समाचार पत्र/पत्रिका संपादक आदि शामिल हैं।
- बीए हिंदी कोर्स में पढ़ाई का ज्यादा लोड नहीं है। अगर आप जॉब भी करना चाहते हैं, तो आप इसे आराम से कर सकते हैं, और आप पढ़ाई और काम दोनों को एक साथ बड़ी आसानी से मैनेज कर सकते हैं।
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बीए हिंदी : कोर्स के Types
बीए हिंदी कोर्स को छात्र एवं वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी जीवनशैली के अनुसार विभिन्न मोड में कर सकते है, जिनकी जानकारी आपको नीचे दी गयी है।
बीए हिंदी रेगुलर एजुकेशन : भारत में ज्यादातर विश्वविद्यालय / कॉलेजो रेगुलर मोड़ में ही बीए हिंदी कोर्स कराते है जिसमें आपको रोजाना कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करनी होती है। रेगुलर मोड में योग्य उम्मीदवार मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
बीए हिंदी डिस्टेंस एजुकेशन : डिस्टेंस मोड एक ऐसा माध्यम से जिसकी मदद से आप अपनी नौकरी या अन्य काम के साथ पढाई जारी रख सकते है। डिस्टेंस बीए हिंदी कोर्स को भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा 12वी करने का बाद कराया जाता है। उम्मीदवार इस कोर्स को कुल 20,000 से 50,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
बीए हिंदी ऑनलाइन एजुकेशन : ऑनलाइन मोड में छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस, रिकार्डेड लेक्चर, ई – लर्निंग पोर्टल, डिजिटल लाइब्रेरी एंव ऑनलाइन असाइनमेंट की मदद से पढ़ाया जाता है। इच्छुक छात्र किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हिंदी अनिवार्य विषय के साथ 12वी उत्तीर्ण करने के बाद सीधे ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन ले सकते है। आमतौर पर ऑनलाइन हिंदी कोर्स को 30,000 से 80,000 रुपये में किया जा सकता है।
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बीए हिंदी कोर्स : न्यूनतम योग्यता
वह उम्मीदवार जो बीए हिंदी कोर्स में एडमिशन लेना का विचार कर रहे है उन्हें पहले निम्न योग्यता मापदंडो को पूरा करना होगा:
- छात्र को अनिवार्य भाषा के रूप में हिंदी के साथ किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10 + 2 पूरा करना होगा।
- ये जरूरी नहीं है कि आप 10+2 की पढ़ाई आर्ट्स स्ट्रीम से ही करें, किसी भी स्ट्रीम के छात्र इसमें एडमिशन ले सकते है बशर्ते हिंदी एक अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए।
- विश्वविद्यालय इस कोर्स में एडमिशन के लिए 10+2 में न्यूनतम 40% अंकों की मांग करते हैं। हालांकि आरक्षित छात्रों को आवश्यक न्यूनतम अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
बीए हिंदी कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
यूजीसी से मान्यता प्राप्त कई विश्वविद्यालय है जहां से उम्मीदवार बीए हिंदी कोर्स की पढ़ाई कर सकते है। भारत में बीए हिंदी कोर्स में एडमिशन में एडमिशन मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जा सकता है। मेरिट प्रक्रिया में छात्रों के 12वी के अंकों के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। जबकि कुछ विश्वविद्यालय ऐसे है जिनमें एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की अनुमति देने वाले विश्वविद्यालय छात्र द्वारा प्रवेश परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर मेरिट सूची जारी करते है जिसमें यदि उम्मीदवार स्थान प्राप्त कर लेता है तो उसको एडमिशन की अनुमति मिल जाती है।
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बीए हिंदी कोर्स के भविष्य में अवसर
बीए हिंदी में क्या बन सकते हैं? इस कोर्स को पूरा करने के बाद, उम्मीदवार जर्नलिज्म, हिंदी में वेब कंटेंट राइटिंग, टीचिंग सहित अन्य क्षेत्रों में आसानी से नौकरी पा सकते हैं। इनके साथ ही, उम्मीदवारों को वरिष्ठ ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, हिंदी न्यूज़ एंकर, वॉयस आर्टिस्ट, हिंदी लेखक, हिंदी समाचार पत्रों/पत्रिकाओं के संपादक आदि जैसी नौकरियों के रूप में भी काम कर सकते है।
बीए हिंदी ग्रेजुएट या तो नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है या अपनी इच्छा के अनुसार आगे की पढ़ाई का विकल्प चुन सकता है। अगर उम्मीदवार आगे की पढ़ाई के लिए जाना चाहता है, तो वह हिंदी में एमए कर सकता है। एमए पूरा करने के बाद उम्मीदवार पीएचडी करने का निर्णय भी ले सकता है।
यदि उम्मीदवार एक शिक्षक बनना चाहते है, तो ऐसे उम्मीदवार एमए पूरा करने के बाद बीएड कोर्स में अपना आवेदन करा सकते हैं। फिर वह शिक्षा के क्षेत्र में एमएड या पीएचडी भी कर सकते हैं। ये उम्मीदवार जर्नलिज्म में भी एडमिशन ले सकते हैं और जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर सकते हैं। साथ ही उम्मीदवार एलएलबी जैसी कानून की डिग्री करने का विकल्प भी चुन सकते है।