बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स एक अंडर – ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जिसे अक्सर उन छात्रों द्वारा किया जाता है जो जर्नलिज्म, मीडिया, न्यूज एजेंसी आदि में काम करना करना चाहते है। इसलिए अगर आप भी जर्नलिज्म के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत करना चाहते है तो बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन एक बेहतर कोर्स है।
क्या बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन एक अच्छा कोर्स है? जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन में अधिक ज्ञान प्राप्त करने में रुचि रखने वाले ग्रेजुएट्स ये कोर्स पूरा करने के बाद संबधित विषय एमए पढ़ाई कर सकते है या फिर विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट नौकरी के लिए आवेदन भी कर सकते है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 10,000 से 80,000 |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | मीडिया, पब्लिशिंग हाउस, न्यूज एजेंसी, ब्लॉग, टीवी चैनल आदि |
नौकरी प्रोफाइल | कंटेंट राइटर, एंकर, न्यूज एडिटर, प्रूफ रीडर एंव जॉर्नलिस्ट आदि |
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स क्या है?
बीए जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन एक ग्रेजुएशन कोर्स है जिसकी अवधि 3 साल है और इसे 6 सेमेस्टर में बाँटा गया है। यह कोर्स छात्रों को तकनीकी कौशल और सामाजिक समझ के बारे में लेखन और जानकारी देने के लिए तैयार करता है ताकि सामान्य लोगों के लिए – व्यापार, इतिहास, संस्कृति, बजट, सरकारी मुद्दे, मनोरंजन, खेल, टीवी, रेडियो और वेब-आधारित सामाजिक नेटवर्क जैसे जन संचार के माध्यम से जानकारी पहुंचाई जा सकती है।
इस कोर्स के पाठ्यक्रम में शामिल प्रमुख विषयों में कम्युनिकेशन सिस्टम और मॉडल, जनसंपर्क, डिजाइन और ग्राफिक्स, डिजिटल मीडिया, प्रिंट मीडिया के लिए रिपोर्टिंग और संपादन, रेडियो प्रोडक्शन, इवेंट मैनेजमेंट और मीडिया कानून और मीडिया एथिक्स आदि शामिल हैं।
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बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स क्यों करना चाहिए?
- यह कोर्स छात्रों को जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में उपयोग होने वाली सभी स्किल्स को सिखाने में मदद करता है।
- इस कोर्स में छात्रों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, और नए युग के मीडिया के विभिन्न आयामों जैसे कंप्यूटर अनुप्रयोग, और सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, रेडियो, टीवी और इंटरनेट आदि के बारे में भी सिखाया जाता है जिससे छात्र इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विस्तार से समझ सके।
- जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन ग्रेजुएट्स टीवी, रेडियो, फिल्मों और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी विभिन्न पदों पर आसानी से नौकरी पा सकते है।
- यह कोर्स उन छात्रों को वह सभी स्किल्स सिखाने में अहम भूमिका निभाता है जो डिजिटल मीडिया, जर्नलिज्म, ब्लॉग, न्यूज एजेंसी आदि में काम करने के लिए आवश्यक है।
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन Course : कोर्स के Types
भारत में विभिन्न विश्वविद्यालय और कॉलेज है जिनके माध्यम से उम्मीदवार विभिन्न लर्निंग मोड में बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर सकते है। इन सभी लर्निंग मोड के बारे में नीचे जानकारी दी गयी है:
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन रेगुलर एजुकेशन : भारत में हजारों की संख्या में विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से रेगुलर मोड में पढ़ाई की जा सकती है। उम्मीदवार मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है। एडमिशन के बाद आपको क्लासेस, असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है।
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कई विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से डिस्टेंस मोड में बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स किया जा सकता है। जिसे उम्मीदवार 12वी के बाद 10,000 से 60,000 रुपये में समस्त कोर्स की पढ़ाई कर सकते है। डिस्टेंस मोड वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन ऑनलाइन एजुकेशन : भारत में कुछ ही विश्वविद्यालय है जिन्हे यूजीसी से ऑनलाइन मोड में बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स कराने की मंजूरी दी है। ऑनलाइन पढ़ने में रूचि रखने वाले उम्मीदवार 12वी के बाद 15,000 से 60,000 रुपये में कोर्स की पढ़ाई कर सकते है।
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बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं 12वीं के बाद बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कर सकता हूं? जी हाँ, बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम योग्यता नीचे दी गई है:
- जिन उम्मीदवारों ने अपनी 10+2 स्कूली शिक्षा किसी भी स्ट्रीम में कुल 40% अंकों के साथ पूरा किया है, वह इस कोर्स में एडमिशन के लिए योग्य हैं।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग , विकलांग और अन्य आरक्षित श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों को आवश्यक अंकों में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
- इस कोर्स को आमतौर पर आर्ट्स स्ट्रीम के छात्रों द्वारा किया जाता है लेकिन जर्नलिज्म के क्षेत्र में रूचि रखने वाले छात्र साइंस एंव कॉमर्स स्ट्रीम के साथ भी एडमिशन ले सकते है।
- वह विश्वविद्यालय है जो एडमिशन प्रवेश परीक्षा के आधार पर देते है उन विश्वविधालयों में एडमिशन के लिए पहले आपको प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा, उसके बाद ही आप बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन : एडमिशन प्रक्रिया
अधिकांश विश्वविद्यालय मेरिट आधारित सिस्टम के माध्यम से बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन प्रदान करते हैं। छात्रों को 12वी बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर सीधे एडमिशन दिया जाता है। छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन के माध्यम से मेरिट-आधारित एडमिशन प्रक्रिया को अपनाने वाले कॉलेजों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन प्रक्रिया में छात्रों को एडमिशन लेने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होता है। भारत में कुछ ही संस्थान है जो बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को आवेदन कराना होगा और ऑनलाइन मोड से भुगतान करना होगा। प्रवेश परीक्षा के अंकों को स्वीकार करने वाले संस्थान प्रवेश परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
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बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स के भविष्य में अवसर
बीए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन डिग्री धारको को दिया जाने वाला औसत प्रारंभिक वेतन 4 से 10 एलपीए है, जो क्षेत्र में वर्षों के कार्य अनुभव और ज्ञान के साथ बढ़ता है।