एमए समाजशास्त्र कोर्स : मास्टर ऑफ आर्ट्स इन सोशियोलॉजी यानि एमए समाजशास्त्र 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसके विभिन्न विषयों को 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। यह कोर्स आमतौर पर उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो समाज और समाज के विभिन्न पहलुओं से संबंधित पहलुओं का विस्तृत अध्ययन करना चाहते है।
क्या मैं एमए समाजशास्त्र के बाद शिक्षक बन सकता हूं? हाँ, एमए समाजशास्त्र कोर्स समाज के विस्तृत अध्ययन से संबंधित है। समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री पाने वाले छात्र कई अंतरराष्ट्रीय नौकरी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर पा सकते हैं, इसके साथ ही वह एक संपादक, लेखक, शिक्षक आदि की भूमिका भी निभा सकते हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए समाजशास्त्र |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ आर्ट्स इन सोशियोलॉजी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट / प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 1,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 2.5 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | सरकारी विभाग, एनजीओ, स्कूल एंव कॉलेज, समाज कल्याण विभाग आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर, मार्किट रिसर्च एनालिस्ट, पब्लिक रिलेशन स्पेशलिस्ट आदि। |
एमए समाजशास्त्र कोर्स क्या है?
एमए समाजशास्त्र एक पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जिसमें समाज और समाज से संबधित विभिन्न तंत्रों का विस्तृत अध्ययन शामिल है। एमए समाजशास्त्र में शामिल विषयों को सामाजिक विज्ञान के सन्दर्भ में ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो समाज, मानव सामाजिक व्यवहार और सामाजिक संपर्क पैटर्न पर केंद्रित है। भारत में एमए सोशियोलॉजी जॉब स्कोप काफी अच्छा है क्योंकि यह कोर्स टॉप रेटेड और मांग में उच्च है।
समाजशास्त्र डिग्री प्रोग्राम में एप्लाइड सोशियोलॉजी, तुलनात्मक समाजशास्त्र, सांस्कृतिक समाजशास्त्र, सामूहिक व्यवहार, अपराध, समुदाय और जनसांख्यिकी आदि विषयों के बारे में पढ़ाया जाता हैं। एमए समाजशास्त्र डिग्री प्रोग्राम को मोटे तौर पर समाज के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया गया है।
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एमए समाजशास्त्र कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमए समाजशास्त्र हमेशा से एक बहुत लोकप्रिय कोर्स रहा है, खासकर भारत में। यह भारत के कई प्रसिद्ध विश्वविद्यलायों एंव कॉलेजो द्वारा पेश किया जाता है। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि आपको एमए समाजशास्त्र क्यों करना चाहिए:
इस कोर्स की मदद से छात्रों को समझने में आसानी होगी कि वे किस समाज के हैं। वे समाज के विभिन्न तत्वों और एक दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं। इस कोर्स के दौरान छात्र समाज की विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान आदि के बारे में भी समझते है जिससे समाज को बेहतर बनाने में योगदान दिया का सके।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को उनके आसपास के विभिन्न समुदायों की बेहतर समझ होगी और वह समुदाय के सुधार के लिए आवश्यक उपाय कर सकते हैं। उन्हें पता चलेगा कि इस समकालीन दुनिया में समाज कैसे काम करते हैं।
एक फ्रेशर के रूप में इस कोर्स को करने के बाद औसत वेतन लगभग 3.5 से 6.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष है। वेतन काफी हद तक आपके जॉब प्रोफाइल और आपके द्वारा चुने गए कंपनी या संस्थान पर निर्भर करेगा। समय और अनुभव के साथ निश्चित रूप से वेतन में वृद्धि होती है।
बीए समाजशास्त्र कोर्स के बाद छात्र विभिन्न क्षेत्रों में शोध भी कर सकते हैं जिसके लिए वह पीएचडी या समाजशास्त्र में एम.फिल भी कर सकते हैं। भारत में कई विश्वविद्यालय है जो समाजशास्त्र में पीएचडी की पेशकश करते हैं।
एमए समाजशास्त्र कोर्स के Types
एमए समाजशास्त्र कोर्स को उम्मीदवार अपनी सुविधा के फुलटाइम, पार्ट टाइम एंव डिस्टेंस मोड में कर सकते है जिनकी जानकारी इस प्रकार है:
एमए समाजशास्त्र रेगुलर कोर्स : एमए सोशियोलॉजी कोर्स फुल टाइम या रेगुलर तीन साल का कोर्स है जिसमें छात्रों को कॉलेज जाकर सभी क्लास, असाइनमेंट एंव परीक्षा आदि में भगा लेना होता है इसलिए ये वर्किंग प्रोफेशनल के लिए संभव नहीं है।
पार्ट टाइम एमए समाजशास्त्र कोर्स : पार्ट टाइम के माध्यम से उम्मीदवार अपने घर पर रहकर पढ़ाई कर सकते है कुछ विश्वविद्यालय एंव कॉलेज छात्रों को पार्ट टाइम में पढ़ाई करने का मौका देते है। जिसमें साप्ताहिक क्लासेस आयोजित की जाती है जिससे छात्र अपने काम के साथ पढ़ाई को जारी रख सकते है।
डिस्टेंस एमए समाजशास्त्र कोर्स : डिस्टेंस एमए समाजशास्त्र कोर्स विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा कराया जाता है। यह कोर्स प्रोफेशनल्स के विचारों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जो छात्र कक्षाओं में भाग लेने का मैनेज नहीं कर सकते हैं या कोई काम कर काम कर रहे हैं और रेगुलर कोर्स में एडमिशन के लिए समय नहीं निकाल सकते हैं, उन्हें यह डिस्टेंस मोड में अपनी पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है।
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एमए समाजशास्त्र कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमए समाजशास्त्र कोर्स में एडमिशन की न्यूनतम योग्यता कॉलेज के आधार पर प्रत्येक की अलग – अलग हो सकती है। फिर भी यहां आपको अधिकतम संस्थानों द्वारा अपनाये जाने वाली योग्यता की जानकारी दी गयी है:
- उम्मीदवार ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की होनी चाहिए।
- इसके साथ ही छात्रों से ग्रेजुएशन पर न्यूनतम 40% अंको की मांग की जाती है। इसके अलावा आरक्षित श्रेणी के छात्रों को आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
- भारते के कुछ शीर्ष विश्वविधालयों में एडमिशन के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है।
एमए समाजशास्त्र कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमए समाजशास्त्र में एडमिशन दो तरह से होता है यह या तो प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर या ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर हो सकता है।
एमए समाजशास्त्र एडमिशन प्रक्रिया किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या संस्थान से बीए समाजशास्त्र या किसी अन्य समकक्ष डिग्री में 45% से 50% के न्यूनतम कुल स्कोर वाले छात्र के साथ शुरू होती है। जिनमें अधितम संस्थान आपके ग्रेजुएशन के अंको के आधार पर आपको एडमिशन की अनुमति देते है जबकि कुछ संस्थान एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है और उसके आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
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एमए समाजशास्त्र : प्रवेश परीक्षा
कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालयों में एडमिशन लिए प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रवेश परीक्षा की तारीख से कुछ महीने पहले आवेदन पत्र जारी किए जाते हैं। इसलिए अगर आप एमए सोशियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है तो इनमें से किसी भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते है।
IPUCET: IPUCET गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाती है जिसके तहत विभिन्न आप विभिन्न यूजी या पीजी कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
TISSNET: TISSNET टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है। ये परीक्षा हर साल जनवरी में आयोजित की जाती है और इसके माध्यम से टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान में एडमिशन ले सकते है।
PU CET: PU CET पंजाब विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा है। यह राज्य स्तर की परीक्षा है जो पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है। इसमें आवेदन पत्र मार्च में जारी किए जाते हैं।
MGU CAT: MGU CAT महात्मा गांधी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा है जो विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाती है। ये परीक्षा अप्रैल में आयोजित होती है और आवेदन पत्र फरवरी में जारी किए जाते हैं।
AUAT: AUAT अलिया विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा है। इसमें आवेदन पत्र मार्च में जारी होते हैं और परीक्षा आमतौर पर जून में आयोजित की जाती है।
एमए समाजशास्त्र कोर्स के भविष्य में अवसर
समाजशास्त्र में एमए के बाद हम क्या कर सकते हैं? एमए समाजशास्त्र कोर्स में भविष्य का बहुत अच्छा स्कोप है। छात्रों के पास इस क्षेत्र में सफल होने के काफी अवसर हैं।
एमए समाजशास्त्र के छात्र उच्च अध्ययन का विकल्प भी चुन सकते हैं। वह पीएचडी कोर्स के लिए जा सकते हैं। या समाजशास्त्र में एम.फिल कोर्स करने का विकल्प भी चुन सकते है यदि वे शैक्षणिक क्षेत्र में बने रहना चाहते हैं। इसके अलावा उम्मीदवार विभिन्न स्वास्थ्य और कल्याण संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, कानून फर्मों आदि में नौकरियों की तलाश कर सकते हैं। एमए समाजशास्त्र के छात्रों के लिए कुछ सबसे लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर, मार्किट रिसर्च एनालिस्ट, पब्लिक रिलेशन स्पेशलिस्ट आदि शामिल हैं।