MA Economics कोर्स : एमए अर्थशास्त्र कोर्स या मास्टर ऑफ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स 2 वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। यह कोर्स समाज में अर्थशास्त्र के सभी पहलुओं जैसे मैक्रोइकॉनॉमिक्स, सूक्ष्मअर्थशास्त्र, सार्वजनिक अर्थशास्त्र, अर्थमिति, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और फाइनेंस जैसे विषयों पर केंद्रित है।
अर्थव्यवस्था किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलु होता है जिसके बिना किसी भी देश के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह बैंकिंग, मार्केट, बीमा, निवेश और अर्थव्यवस्था के कई अन्य क्षेत्रों में संसाधनों के उपयोग पर एक व्यापक कोर्स है। यह कोर्स करने के बाद उम्मीदवार बैंकिंग, इन्सुरेंस, फाइनेंसियल मार्केट आदि में फाइनेंसियल एनालिस्ट, इक्विटी एनालिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट आदि के रूप में भारत की विभिन्न कंपनियों में काम कर सकते है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए अर्थशास्त्र |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट / प्रवेश परीक्षा आधारित |
कोर्स फीस | 15,000 से 70,000 प्रति वर्ष |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, म्यूच्यूअल फंड कंपनियां आदि |
नौकरी प्रोफाइल | फाइनेंसियल एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकर, इकोनॉमी एनालिस्ट, बिज़नेस एनालिस्ट आदि |
एमए अर्थशास्त्र कोर्स की फीस विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है जैसे कि उम्मीदवार प्राइवेट कॉलेज या सरकारी कॉलेज से पढ़ाई करने का विकल्प चुनता है। सरकारी विश्वविद्यालयों में प्राइवेट विश्वविद्यालयों की तुलना में कम फीस होती है। इसलिए सरकारी कॉलेज से आप इस कोर्स को 15,000 से 20,000 में कर सकते है जबकि, एक प्राइवेट विश्वविद्यालय या कॉलेज की 60,000 से 70,000 रुपये रहती है।
एमए अर्थशास्त्र कोर्स क्या है?
क्या अर्थशास्त्र में एमए कठिन है? नहीं, एमए अर्थशास्त्र 2 साल की पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय डिग्री है जिसमें आर्थिक विकास की बारीकियों और अर्थशास्त्र की विभिन्न शाखाओं का विस्तृत अध्ययन शामिल है। इस कोर्स में मौद्रिक अर्थशास्त्र, प्राथमिक सांख्यिकी, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जैसे विभिन्न विषयों को विस्तारपूर्वक पढ़ाया जाता है।
इसके अलावा, इस कोर्स में आपको यह भी समझने को मिलेगा कि बाजारों में होने वाली सप्लाई आधारित गतिविधियों सहित डिमांड और उत्पादन कैसे होता है। एमए अर्थशास्त्र में एक प्रोफेशनल डिग्री धारक सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में काम करने के आकर्षक करियर के अवसर पा सकते हैं। बैंकिंग, फाइनेंसियल संस्थान, श्रम बाजार कुछ शीर्ष कार्य क्षेत्र है जिनमें आप अपने करियर की शुरुआत कर सकते है।
एमए इकोनॉमिक्स का प्रमुख कार्य धन सृजन, वितरण, और समाज में उपभोक्ता के जीवन को समझने में होता है। इसमें मूल्य निर्धारण, उत्पादन, और रोजगार जैसे विषयों को शामिल किया गया है, साथ ही माइक्रोइकोनॉमिक्स के अवधारणाओं को भी शामिल किया जाता है।
इस कोर्स में दर्शाया गया है कि देश के हर पहलू, व्यक्तियों और व्यवसायों से लेकर सरकार और सेवाओं तक, सब कुछ अर्थशास्त्र से जुड़े है।
एमए इकोनॉमिक्स करने के बाद छात्र बैंकिंग, फाइनेंस, और श्रम बाजार जैसे क्षेत्रों में अवसर खोज सकते हैं, जो कि सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में हो सकते हैं।
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हिंदी कोर्स क्यों करना चाहिए?
यह कोर्स छात्रों के लिए विभिन्न अवसर के द्वार खोल सकता है इसके अलावा एमए अर्थशास्त्र कोर्स क्यों करना चाहिए इसके कारण है जो इस प्रकार है:
एमए अर्थशास्त्र छात्रों को विषय की अच्छी समझ विकसित करने में मदद करता है क्योंकि यह बढ़ती मांगों के मूल्य और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के सीमित साधनों का कैसे उपयोग किया जाए इस बारे में सिखाता है।
एमए अर्थशास्त्र कोर्स करने से आपको अन्य पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की तुलना में उच्च वेतन वाली नौकरियों का अच्छा अवसर मिल सकता है। इस डिग्री के माध्यम से उम्मीदवार बैंकिंग, शैक्षणिक और संगठनात्मक, सरकार और निवेश जैसे क्षेत्र में बेहतर करियर बना सकते है। इसके अलावा उच्च शिक्षा के लिए उसी क्षेत्र में पीएचडी करने के लिए भी दरवाजे खुल जाते हैं।
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में अर्थशास्त्रियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वे बाजार में चल रहे संरचनात्मक परिवर्तनों की पहचान करने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा से निपटने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
MA Economics कोर्स के Types
एमए अर्थशास्त्र कोर्स को आप अपनी सुविधा के अनुसार विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालय की मदद से रेगुलर, डिस्टेंस एवं ऑनलाइन मोड कर सकते है जिसका विस्तार पूर्वक वर्णन आपको नीचे दिया गया है:
एमए अर्थशास्त्र रेगुलर एजुकेशन : भारत में कोई भी योग्य उम्मीदवार विभिन्न विश्वविद्यालय एंव कॉलेजो की मदद से रेगुलर मोड़ में एमए अर्थशास्त्र कोर्स कर सकता है रेगुलर कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने ग्रेजुएशन डिग्री हासिल की होनी चाहिए और वह इसमें मेरिट या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
एमए अर्थशास्त्र डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में एमए अर्थशास्त्र कोर्स को करने के इच्छुक छात्रों को यह जानना चाहिए कि एक रेंगकर डिग्री के अलावा, इग्नू, बैंगलोर विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों द्वारा डिस्टेंस डिग्री के रूप में भी एमए अर्थशास्त्र कोर्स उपलब्ध है। जिनके माध्यम से वह अपने काम के साथ पढ़ाई जारी रख सकता है।
एमए अर्थशास्त्र ऑनलाइन एजुकेशन : उम्मीदवार जिन्हे ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ना अच्छा लगता है या किसी कारणवश कॉलेज जाने में असमर्थ है ऑनलाइन मोड में एमए अर्थशास्त्र कोर्स करने का विकल्प चुन सकते है। इच्छुक छात्र ग्रेजुएशन के बाद इसमें ऑनलाइन आवेदन कर एडमिशन ले सकते है और इसे कुल 30,000 से 80,000 रुपये में पूरा किया जा सकता है।
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MA Economics कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमए अर्थशास्त्र कोर्स में प्रवेश परीक्षा और योग्यता के आधार पर एडमिशन लिया जा सकता है। जहां प्रत्येक संस्थान अलग योग्यता की मांग कर सकता है लेकिन यहां आपको उस न्यूनतम योग्यता की जानकारी दी गयी है जिसे अधिकतम विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों द्वारा अपनाया जाता है।
- इच्छुक उम्मीदवार ने एमए अर्थशास्त्र कोर्स एडमिशन में लिए एक मान्य विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की होनी चाहिए।
- इसके साथ ही उम्मीदवार से ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% अंको की मांग की जाती है।
- भारत के कुछ विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए आरक्षित छात्रों को न्यूनतम आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
- कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों में एडमिशन राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होनी वाली प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किया जाता है।
MA Economics कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमए अर्थशास्त्र डिग्री कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया काफी सरल है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उम्मीदवार भारत में कौन से कॉलेज के लिए आवेदन कर रहा है, उनमें से कुछ अपनी प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते हैं, जबकि कुछ ग्रेजुएशन के अंको के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
- मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया में छात्रों को पहले आवेदन करना होता अहइ और फिर आपके ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट सूची जारी की जाती है जिसमें स्थान पाने पर आपका एडमिशन हो जाता है।
- प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया में छात्रों को पहले प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है और फिर कुछ दिन परीक्षा में शामिल होना होता है। फिर आपका एडमिशन प्रवेश परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर किया जाता है।
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एमए अर्थशास्त्र कोर्स के भविष्य में अवसर
अर्थशास्त्र में एमए करने के बाद मैं क्या कर सकता हूं? एमए अर्थशास्त्र के बाद नौकरी के विभिन्न अवसर है जिनमे आप काम कर सकते है क्योंकि हर कंपनी का एक फाइनेंस विभाग होता है और उन्हें संभालने के लिए फाइनेंस और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कुशल ग्रेजुएट्स की आवश्यकता होती है। जहां एमए अर्थशास्त्र ग्रेजुएट्स को दिया जाने वाला औसत पैकेज लगभग 3 से 7 लाख प्रति वर्ष है।
कहते है शिक्षा कभी खत्म नहीं होती है, और अगर आपमें आगे पढ़ने की क्षमता और इच्छा है, तो आप अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पीएचडी भी कर सकते है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), लोयोला कॉलेज, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे शीर्ष विश्वविद्यालय हैं जिनके माध्यम से पीएचडी किया जा सकता है।