MA Journalism & Mass Communication कोर्स : एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स एक ग्रेजुएशन स्तरीय प्रोग्राम है जिसे आमतौर पर उन छात्रों द्वारा किया जाता है जो मीडिया, जर्नलिज्म, न्यूज एजेंसी आदि में काम करने की इच्छा रखते है। इसलिए अगर आप भी जर्नलिज्म केमें अपना करियर बनाना चाहते है तो एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन के इस कोर्स में समाचारों की अवधारणा, समाज में जर्नलिज्म की भूमिका, जर्नलिज्म का इतिहास, समाचारों की पहचान करने की स्किल और विशेष समाज के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को भी शामिल किया गया है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स करने के बाद उम्मीदवार भारत की विभिन्न कंपनियों, न्यूज़ एजेंसी एंव मीडिया हाउस में आर्ट डायरेक्टर, फैशन फोटोग्राफर, काटूनिस्ट, कंटेंट राइटर, न्यूज़ एडिटर, प्रूफ रीडर, जर्नलिस्ट एंव फ्रीलान्स राइटर आदि के रूप में काम कर सकते है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 20,000 से 1,00,000 |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | मीडिया, पब्लिशिंग हाउस, न्यूज एजेंसी, ब्लॉग, टीवी चैनल आदि |
नौकरी प्रोफाइल | कंटेंट राइटर, एंकर, न्यूज एडिटर, प्रूफ रीडर एंव जॉर्नलिस्ट आदि |
भारत में, इस कोर्स की औसत फीस 30, 000 से 1.5 लाख के बीच है। इसमें एडमिशन के लिए, छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करनी चाहिए। कुछ कॉलेजों में प्रवेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स क्या है?
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन 2 वर्षीय पोस्टग्रेजुएशन कोर्स है जो विभिन्न ऐसे विषयों का अध्ययन है जिसे समझने के बाद व्यक्ति मास मीडिया के माध्यम से आबादी के बड़े हिस्से तक जानकारी पहुंचा सकते हैं। यह कोर्स आम तौर पर रिपोर्टिंग, लेखन, संपादन, फोटोग्राफिंग इत्यादि के बारे में शिक्षण और प्रशिक्षण प्रदान करता है।
यह 4 सेमेस्टर का कोर्स करने के बाद उम्मीदवार जर्नलिज्म के विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल जर्नलिज्म, विज्ञान जर्नलिज्म, पर्यावरण जर्नलिज्म, फैशन जर्नलिज्म, फिल्म निर्माण, विज्ञापन, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, विज्ञापन एजेंसियों, पुस्तकों और उपन्यासों, अखिल भारतीय रेडियो, फोटोग्राफी कंपनियों, प्रसारण निगमों, प्रेस सूचना ब्यूरो, रेडियो प्रसारण कंपनियों, टीवी चैनलों, वेबसाइटों आदि में काम कर सकते है।
टेक्नोलॉजी में वृद्धि और बढ़ते सोशल मीडिया, टेलीविजन, अख़बार, ई-मैगज़ीन, और रेडियो जैसी कम्युनिकेशन नेटवर्क की व्यापन के कारण, जर्नलिज्म के क्षेत्र बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। इसके कारण छोटे से घटनाओं के लिए भी पत्रकारिता को विशेष रूप से वृद्धि मिली है। समाचार रिपोर्टिंग का प्रसारण अब केवल स्थानीय, क्षेत्रीय, या राष्ट्रीय सीमाओं से सीमित नहीं है।
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एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स क्यों करना चाहिए?
- यह कोर्स छात्रों को जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में प्रोफेशनल बनने के लिए सभी आवश्यक स्किल्स को सिखाता है।
- इस कोर्स के दौरान छात्रों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, और आधुनिक युग के मीडिया या डिजिटल युग के विभिन्न पहलु जैसे कंप्यूटर, वेबसाइट, सॉफ्टवेयर, रेडियो, टीवी और इंटरनेट आदि के बारे में सिखाया जाता है जिससे छात्र डिजिटल मीडिया को अच्छे से समझ सके।
- एमए जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन ग्रेजुएट्स टीवी, रेडियो, वेबसाइट, फिल्मों और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म में भी नौकरी के लिए आवेदन कर है।
- यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स उन छात्रों के लिए वह सभी स्किल्स सिखाता है जो डिजिटल मीडिया, जर्नलिज्म, ब्लॉग, वेबसाइट, न्यूज एजेंसी आदि में काम करने के लिए आवश्यक है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स के प्रकार
भारत में विभिन्न विश्वविद्यालय और कॉलेज संस्थान है जिनके जरिए आप रेगुलर, डिस्टेंस एंव ऑनलाइन लर्निंग मोड में एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स कर सकते है। इन सभी लर्निंग मोड के बारे में विस्तृत जानकारी नीचे दी गयी है:
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन रेगुलर एजुकेशन : भारत में लाखों की संख्या में कॉलेज है जिनके माध्यम से आप रेगुलर मोड में पढ़ाई कर सकते है। जिनमें कोई भी योग्य उम्मीदवार मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकता है। इसमें कोर्स के दौरान छात्रों को रेगुलर क्लासेस, असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाया जाता है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से आप डिस्टेंस मोड में एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स कर सकते है। जिसमें एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की मांग की जायेगी और फिर आप इसे 20,000 से 80,000 रुपये में पूरा कर सकते है। डिस्टेंस मोड वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन ऑनलाइन एजुकेशन : भारत में कुछ विश्वविद्यालय है जिन्हे यूजीसी ने ऑनलाइन मोड में एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स कराने की अनुमति दी है। ऑनलाइन पढ़ने में रूचि रखने वाले छात्र ग्रेजुएशन के बाद 25,000 से 90,000 रुपये में कोर्स की पढ़ाई पूरी कर सकते है।
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MA Journalism & Mass Communication कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स को करने में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए आवश्यक न्यूनतम पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
- आवेदकों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में न्यूनतम 40% अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। इसके
- कुछ प्रतिष्ठित संस्थान और विश्वविद्यालय एमए (जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन) में एडमिशन पाने के लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं।
- इस कोर्स में एडमिशन पाने के लिए अंग्रेजी कम्युनिकेशन छात्र में एक प्लस पॉइंट है।
- कुछ संस्थान आरक्षित वर्ग के छात्रों को एडमिशन म 5% की छूट प्रदान करते है ये पूरी तरह से संस्थान पर निर्भर करता है।
MA Journalism & Mass Communication कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन का कोर्स कैसे करें? कुछ विशेष विश्वविधालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर जर्नलिज्म कोर्स में एडमिशन की अनुमति दी जाती है। उम्मीदवारों द्वारा लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर, शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन प्रक्रिया पूरी कराई जाती है।
कुछ संस्थानों को छोड़कर अधिकतम कॉलेज एंव विश्वविद्यालयो में मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है यानि कि छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है जिसमें अगर उम्मीदवार स्थान प्राप्त कर लेता है तो वह काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन ले सकता है।
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एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स के भविष्य में अवसर
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन कोर्स में डिग्री पूरी करने के बाद छात्र पीएचडी या एमफिल के क्षेत्र में उच्च अध्ययन का विकल्प भी चुन सकते हैं। इसके साथ ही उम्मीदवार यूजीसी-नेट या जेआरएफ के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इन सब के अलावा भारत में विभिन्न सरकारी परीक्षा है जो पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर आयोजित की जाती है उम्मीद इनकी तैयारी कर विभिन्न तरह की सरकारी भी पा सकते है।
एमए जर्नलिज्म & मास कम्युनिकेशन में सफल छात्र विज्ञापन एजेंसियों, पुस्तकों और उपन्यासों, अखिल भारतीय रेडियो, फोटोग्राफी कंपनियों, प्रसारण निगमों, केंद्रीय सूचना सेवा, पत्रिकाओं, कानूनी मामलों के विभागों आदि जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं।