MA Mathematics कोर्स : एमए गणित कोर्स या मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मैथमैटिक्स दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन एंव स्पेशलाइजेशन कोर्स है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जो सांख्यिकी, रिसर्च, कैलकुलस या शिक्षण आदि में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
यह कोर्स पूरी तरह से गणित के अध्ययन पर आधारित है। यह गणित के क्षेत्र में करियर स्थापित करने के लिए गणित विषय में ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों द्वारा किया जाता है। इसे करने के बाद नौकरी के कुछ अवसर लेखाकार, कंप्यूटर प्रोग्रामर, जनसांख्यिकी विशेषज्ञ, गणितज्ञ, शोधकर्ता, सांख्यिकीविद्, तकनीकी लेखक, ट्रेजरी मैनेजमेंट विशेषज्ञ, वायुगतिकी विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, ऋण अधिकारी आदि हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए गणित |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन मैथमैटिक्स |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + गणित |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 2,00,000 |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | संस्थान, कॉलेज, बैंक, फाइनेंसियल संगठन, इंजीनियरिंग फर्म, सरकारी और प्राइवेट संगठन आदि |
नौकरी प्रोफाइल | अकाउंटेंट, अर्थशास्त्री, शोधकर्ता, ऐरोडीनमिक्स स्पेशलिस्ट, अध्यापक, स्टटिस्टिशन आदि |
भारत में एमए गणित कोर्स के लिए औसत कोर्स फीस लगभग 30,000 से 2,00,000 रुपये है। भारत में विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जिनमें प्रत्येक की फीस एक दुसरे से भिन्न है। इसलिए आवेदन से पहले फीस की जांच करना सुनिश्चित करे।
एमए गणित कोर्स क्या है?
गणित में मास्टर ऑफ आर्ट्स दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है। यह कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए है जो अपने विश्लेषणात्मक ज्ञान और गणितीय ज्ञान को बढ़ाना चाहते हैं।
मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मैथमेटिक्स एक पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है जिसमें गणित का अध्ययन कराया जाता है। ये कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवार आमतौर पर एकाउंटिंग, कंप्यूटर प्रोग्रामर, जनसंख्या विज्ञानी, एविएशन स्पेसलिस्ट, अर्थशास्त्री, ऋण अधिकारी, गणितज्ञ, शोधकर्ता, सांख्यिकीयज्ञ, तकनीकी लेखक, और Treasury Management Specialist के रूप में आमतौर पर रोजगार करते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर का ये कोर्स वास्तविक दुनिया में विभिन्न थेओरेम्स, एल्गोरिथ्म्स, कैलकुलस और गणित के विभिन्न व्यावहारिक अनुप्रयोगों का अध्ययन कराता है। यह कोर्स करने के बाद छात्र विश्लेषिकी क्षेत्र में विभिन्न सेक्टर में काम कर सकते है।
यह कोर्स व्यक्ति की मानसिक क्षमता का परीक्षण करता है और कोई भी उम्मीदवार जिसकी समस्याओं का विश्लेषण करने में गहरी रुचि है, उसे इस कोर्स को अवश्य करना चाहिए। एमए गणित का उद्देश्य छात्रों को समस्या और विषय के अनुसंधान और विश्लेषण के लिए तैयार करना है।
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एमए गणित कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमए गणित कोर्स को पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री के रूप में चुनने के कारण अलग-अलग उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग हो सकते है। एमए गणित कोर्स को पसंद का करियर क्यों होना चाहिए, इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं।
व्यापक करियर अवसर: एक एमए गणित ग्रेजुएट कई संगठनों और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रो में काम करने में सक्षम होता है। एक शिक्षक या एक प्रोफेसर के रूप में काम कर सकता है या एक शोधकर्ता या एक सांख्यिकीविद् के रूप में कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम कर सकता है। कई सरकारी एंव प्राइवेट संगठन है जो एमए गणित ग्रेजुएट्स को विभिन्न भूमिकाओं में नियुक्त करते हैं।
उच्च उच्च के अवसर: जो छात्र एमए गणित कोर्स करने के बाद प्लेसमेंट की तलाश के बजाय उच्च अध्ययन का विकल्प चुनते हैं, उनके पास कई विकल्प उपलब्ध होते हैं। वह गणित में एमफिल या पीएचडी जैसे अनुसंधान आधारित कोर्सेस से लेकर एमबीए जैसे मैनेजमेंट कोर्स को करने का विचार कर सकते है। इसके अलावा आईसीडब्ल्यूए जैसे प्रोफेशनल कोर्स की भी तैयारी कर सकते हैं।
उच्च वेतन: एमए गणित पाठ्यक्रम पूरा करने और सफलतापूर्वक डिग्री प्राप्त करने के बाद, कोई भी कुशल उम्मीदवार 3 से 10 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का उच्च वेतन प्राप्त करने के लिए पात्र हो जाता है।
MA Mathematics कोर्स के Types
वर्तमान समय में भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट संस्थानों की मदद से एमए गणित कोर्स को सिर्फ रेगुलर और डिस्टेंस मोड में ही कर सकते है, क्योंकि अभी तक एमए हिंदी कोर्स को ऑनलाइन मोड में कराने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय को यूजीसी से मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए हम रेगुलर और डिस्टेंस बीए गणित कोर्स के बारे में जानते है:
एमए गणित रेगुलर एजुकेशन : भारत के ज्यादातर संस्थान की मदद से रेगुलर मोड में बीए गणित कोर्स किया जा सकता है। जहां छात्रों को फिजिकल क्लासरूम, असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाया जाता है। रेगुलर कोर्स में कोई भी योग्य उम्मीदवार योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
एमए गणित डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ ही संस्थान है जहां से इच्छुक छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स डिस्टेंस मोड में एमए गणित कोर्स कर सकते है। डिस्टेंस मोड में कोई भी उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद सीधे विश्वविद्यालय में आवेदन कर एडमिशन ले सकता है। डिस्टेंस एमए गणित कोर्स को इच्छुक उम्मीदवार 20,000 से 1,50,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
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MA Mathematics कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं गणित में एमए कर सकता हूं? जी हाँ, बीए गणित में एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों को पहले इसके योग्यता मानदंड को पूरा करना होगा, जो कि कॉलेज से कॉलेज में अलग-अलग हो सकते है। लेकिन अधिकतम संस्थानों में एडमिशन के लिए लागू न्यूनतम पात्रता मानदंड जानकारी इस प्रकार है:
- उम्मीदवारों ने एक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की होनी चाहिए।
- उम्मीदवार द्वारा ग्रेजुएशन स्तर पर 40% से अधिक का न्यूनतम कुल स्कोर करना अनिवार्य है।
- इसके साथ ही ग्रेजुएशन स्तर पर गणित एक अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए।
MA Mathematics कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
बीए गणित कोर्स में एडमिशन पाने के लिए, छात्रों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे भारत में एमए गणित के पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। इसमें योग्यता के आधार पर या परीक्षा के आधार पर एडमिशन लिया जा सकता है भारत में गणित विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग होती है।
मेरिट आधारित एडमिशन: बीए गणित कोर्स को कराने वाले अधिकतम कॉलेज एंव विश्वविद्यालय आमतौर पर छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट जारी कर एडमिशन की अनुमति देते है।
प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन: भारत में कुछ शीर्ष एमए गणित कॉलेजों में एडमिशन प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से होता है। ये संस्थान राष्ट्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओ के आधार पर एडमिशन के अनुमति देते है। कुछ प्रवेश परीक्षाएँ जिनमें अधिकांश उम्मीदवार आवेदन करते हैं बीएचयू पीईटी, आईपीयू सीईटी आदि हैं।
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एमए गणित कोर्स के भविष्य में अवसर
संस्थानों, कॉलेजों, बैंकों, फाइनेंसियल संगठनों, इंजीनियरिंग फर्मों, सरकारी और प्राइवेट संगठनों आदि और अन्य कार्य क्षेत्र है जहां एमए गणित प्रोफेशनल्स को काम पर रखा जाता है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, एडवर्ड जोन्स, इंटेल, क्वालकॉम, गूगल आदि कुछ शीर्ष भर्ती एजेंसियों के साथ, एक एमए गणित ग्रेजुएट औसत वेतन के रूप में 5 से 12 एलपीए तक पा सकता है।
कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, उम्मीदवार न केवल नौकरी के क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकता है, बल्कि उच्च अध्ययन के लिए भी जा सकते है। जिसके लिए वह गणित में एमफिल या पीएचडी करने का विचार कर सकते है।