बैचलर ऑफ़ साइंस इन एनवायर्नमेंटल साइंस, जिसे आमतौर पर बीएससी एनवायर्नमेंटल साइंस के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स को करने के इच्छुक उम्मीदवार 3 वर्ष की अवधि में पूरा कर सकते है। यह कोर्स 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है जहां प्रत्येक 6 महीने की अवधि का एक सेमेस्टर होता है। इसके अलावा डिस्टेंस मोड में इस कोर्स को न्यूनतम 3 वर्ष एंव अधिकतम 6 वर्ष में किया जा सकता है।
बैचलर ऑफ साइंस इन एनवायर्नमेंटल साइंस या बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स का उद्देश्य योग्य उम्मीदवारों को सतत विकास, पारिस्थितिक स्थिरता, पर्यावरणीय स्वास्थ्य आदि से संबधित विषयों के बारे में ज्ञान प्रदान करना है। यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों और पर्यावरण की रक्षा के लिए किए जा सकने वाले उपायों के बारे में विस्तारपूर्वक पढ़ना चाहते है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीएससी पर्यावरण विज्ञान |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ साइंस इन एनवायर्नमेंटल साइंस |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 + साइंस स्ट्रीम |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 3,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | फ़ूड मेकर उद्योग, वेस्ट मेकर उद्योग, खनन कंपनियाँ, शहरी नियोजन आयोग, कपड़ा मिलें, तेल रिफाइनरियाँ, आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | पर्यावरण पत्रकार, वेस्ट मैनेजमेंट अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पर्यावरण सलाहकार आदि |
बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स कराने वाले कॉलेज के आधार पर कोर्स की औसत कुल फीस 30,000 रुपये से 3,00,000 रुपये के बीच है। हालंकि एक प्राइवेट कॉलेज सरकारी कॉलेज की तुलना में अधिक फीस लेते है। इसलिए छात्रों को सलाह दी जाती है कि वह एडमिशन से पहले फीस की पुष्टि कर ले।
बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स क्या है?
बीएससी पर्यावरण विज्ञान अंडर-ग्रेजुएट कोर्स है जिसे 3 वर्षो में पूरा किया जा सकता है। जैसा कि यह एक ग्रेजुएशन स्तर का कोर्स है, इसलिए ये न केवल मुख्य पर्यावरण से संबंधित विषयों पर बल्कि बुनियादी भूगोल, भौतिक और पृथ्वी विज्ञान आदि पर भी केंद्रित है।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को पर्यावरण संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने और उस पर काम करने, अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करने और विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस कोर्स में रिसर्च परियोजनाएं, शोध मैनेजमेंट और फील्डवर्क भी शामिल हैं। बीएससी पर्यावरण विज्ञान के विषयों का अध्ययन करने वाले छात्र पर्यावरण इंजीनियरिंग में बीटेक करने का भी विकल्प चुन सकते हैं।
ये भी पढ़े : बीएससी एग्रीकल्चर
बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या एमएससी पर्यावरण विज्ञान अच्छा है? जी हाँ, बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स आपको क्यों करना चाहिए इसके कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- इस कोर्स के दौरान छात्र पर्यावरण से संबधित विभिन्न जटिलताओं की जांच करने और पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान खोजने में सक्षम होंगे।
- यह कोर्स समाज के हर क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि पर्यावरण को स्वच्छ रखना हर क्षेत्र की प्रमुख आवश्यकता है।
- इस कोर्स के बाद छात्रों को प्लेसमेंट के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। वह विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में पर्यावरणविद् के रूप में नौकरी पा सकते हैं या फिर वह एनजीओ में काम कर सकते हैं और विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में लोगों को शिक्षित करने पर काम कर सकते हैं।
- उम्मीदवार पर्यावरण से होने वाले नुकसान की मात्रा को कम करने के लिए अपशिष्ट पदार्थों के उचित निपटान के लिए समाधान खोजने के लिए प्राइवेट एंव सरकारी कंपनियों के लिए भी काम कर सकते हैं। इन सभी नौकरी के साथ वह एक फ्रेशर के रूप में लगभग 3 से 6 एलपीए का औसत वेतन आसानी से पा सकते है।
बीएससी पर्यावरण विज्ञान : कोर्स के Types
बीएससी पर्यावरण विज्ञान को उम्मीदवार अपनी जीवनशैली के अनुसार विभिन्न लर्निंग मोड जैसे कि डिस्टेंस एंव रेगुलर मोड़ में कर सकते है।
बीएससी पर्यावरण विज्ञान रेगुलर एजुकेशन : बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स को अधिकतम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फुल-टाइम या रेगुलर मोड में कराया जाता है। जहां छात्र को फिजिकल रूप से कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करनी होती है। रेगुलर मोड में उम्मीदवार 12वी के बाद मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन के सकते है।
बीएससी पर्यावरण विज्ञान डिस्टेंस एजुकेशन : कुछ विश्वविद्यालय को छात्रों को बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स जी डिस्टेंस मोड में करने विकल्प देते हैं। जहां छात्रों को ई – लर्निंग, स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन असाइनमेंट जैआदि का उपयोग करके छात्रों को घर पर अध्ययन करने की अनुमति दी जाती है। डिस्टेंस बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स में उम्मीदवार सीधे ही आवेदन कर 12वी के बाद एडमिशन ले सकते है।
ये भी पढ़े : बीएससी भूविज्ञान
बीएससी एनवायर्नमेंटल साइंस : न्यूनतम योग्यता
बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स में एडमिशन पाने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से कक्षा 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है। साथ ही 12वीं कक्षा में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विज्ञान विषय होना आवश्यक है, और न्यूनतम स्कोर की आवश्यकता 40% कुल अंक है। इसके अलावा किसी भी उम्मीदवार की आयु 17 से कम और 25 वर्ष से अधिकतम नहीं होनी चाहिए। कुछ संस्थान है आरक्षित वर्ग के छात्रों को न्यूनतम आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान करते है।
बीएससी एनवायर्नमेंटल साइंस : एडमिशन प्रक्रिया
योग्य उम्मीदवारों के लिए बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स में एडमिशन प्रक्रिया या तो योग्यता के आधार पर या विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर होती है। जहां योग्यता के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाने वाले संस्थान छात्रों के 12वी के अंको के आधार पर मेरिट सूची तैयार कर एडमिशन की अनुमति देते है।
वही दूसरी तरफ कुछ शीर्ष संस्थान है जो बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है जिसमें एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों को शामिल होना अनिवार्य है और फिर इस प्रवेश परीक्षा में छात्र द्वारा किये गए स्कोर के आधार पर एडमिशन का निर्णय लिया जाता है।
ये भी पढ़े : बीएससी माइक्रोबायोलॉजी
BSc Environmental Science: फीस
भारत में बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स की फीस आमतौर पर 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच है। हालंकि यह विश्वविद्यालय, कॉलेज, और क्षेत्र के आधार पर अलग -अलग हो सकती हैं।
सरकारी कॉलेज / विश्वविद्यालय: प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में, सरकारी संस्थानों में बीएससी पर्यावरण विज्ञान की लागत कम होती है। सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए वार्षिक शुल्क आमतौर पर 10,000 रुपये से 30,000 रुपये तक हो सकता है।
प्राइवेट कॉलेज / विश्वविद्यालय: प्राइवेट संस्थान में शुल्क आमतौर पर अधिक होता है और कॉलेज की स्थिति और स्थान पर भी भिन्न हो सकता है। कोर्स शुल्क आमतौर पर 30,000 रुपये से 2 लाख रुपये या उससे भी अधिक हो सकता हैं।
नोट: आरक्षित श्रेणियों (SC/ST/OBC/EWS) के छात्र सरकारी और प्राइवेट संस्थानों दोनों में शिक्षा शुल्क में छूट पा सकते हैं, या उन्हें शुल्क से मुक्ति या अनुदान की सुविधा भी प्राप्त हो सकती है।
बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स के भविष्य में अवसर
पर्यावरण विज्ञान में बीएससी का स्कोप क्या है? बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र नौकरी के लिए जा सकते हैं या फिर उच्च अध्ययन करने का विकल्प चुन सकते हैं। बीएससी पर्यावरण विज्ञान के बाद कुछ और स्कोप हैं जो इस प्रकार है:
मास्टर डिग्री: ग्रेजुएट पर्यावरण विज्ञान में मास्टर्स करने के लिए एमएससी करने का विचार कर सकते है और अगर मास्टर्स के बाद भी बढ़ना चाहते है तो फिर पीएचडी का विकल्प भी चुन सकते है।
नौकरी : बीएससी पर्यावरण विज्ञान कोर्स करने के बाद ग्रेजुएट विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर में पर्यावरण पत्रकार, वेस्ट मैनेजमेंट अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पर्यावरण सलाहकार आदि के रूप में काम कर सकते है।
सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करें: ग्रेजुएट विभिन्न सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन भंडार आदि में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।