बीएससी जियोलॉजी: बीएससी भूविज्ञान 3 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें पृथ्वी और उसके विभिन्न संरचनात्मक तत्वों का अध्ययन शामिल है। भूविज्ञान में बीएससी एक ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें ठोस सतहों, खगोलीय पिंडों के गुणों, उल्काओं, संरचनाओं आदि से संबंधित विषयों के बारे में पढ़ाया जाता हैं।
भूविज्ञान एक बहुत व्यापक विषय है और इसमें विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसमें पृथ्वी दे संबधित सभी पहलुओं को विस्तारपूर्वक कवर किया हैं। मिट्टी के अध्ययन और निर्माण में इसके अनुप्रयोगों से लेकर पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न खनिजों के बारे में जानने तक, बीएससी भूविज्ञान सभी को कवर करता है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीएससी भूविज्ञान |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ साइंस इन जियोलॉजी |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 |
आयु | 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 2,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 10 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | भूवैज्ञानिक, भूकम्पविज्ञानी, पेट्रोलियम भूविज्ञानी, जलभूविज्ञानी, खदान पर्यवेक्षक, जीवाश्म विज्ञानी, पृथ्वी विज्ञान शिक्षक आदि। |
भारत में विभिन्न विश्वविधालयों एंव कॉलेजो द्वारा इस कोर्स के लिए ली जाने वाली औसत फीस 30,000 रुपये से 1,50,00 0 रुपये के बीच है। इसके साथ ही उम्मीदवार आईआईएसईआर, कोलकाता जैसे कुछ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा 5 साल की अवधि में बीएससी जियोलॉजी + एमएससी जियोलॉजी डबल डिग्री कोर्स को भी कर सकते है।
बीएससी जियोलॉजी कोर्स क्या है?
क्या बीएससी जियोलॉजी एक अच्छा कोर्स है? जी हाँ, बीएससी जियोलॉजी एक ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसे 3 वर्ष में पूरा किया जा सकता है। इस कोर्स को 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है जहां प्रत्येक सेमेस्टर 6 माह का होता है। यह कोर्स छात्रों को विभिन्न चट्टानों, खनिजों, जीवाश्म, क्रिस्टल आदि के बारे में सिखाता है जो पृथ्वी की सतह पर और उसके नीचे पाए जाते हैं। साथ ही इसमें खनिज विज्ञान, जीवाश्म विज्ञान, पेट्रोलॉजी, आर्थिक भूविज्ञान, जलभूविज्ञान, स्तरिकी, संरचनात्मक भूविज्ञान आदि का अध्ययन भी शामिल है।
भूविज्ञान कोर्स में अनिवार्य फील्डवर्क और विभिन्न सिद्धांत विषयों के प्रयोग भी शामिल हैं। इसके अलावा, इसमें आपको प्रकृति और विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी आदि के बारे में समझने को मिलेगा कि वे कैसे होते हैं, उनके बाद के प्रभाव आदि के बारे में एक गहन ज्ञान विकसित होगा।
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बीएससी जियोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
बीएससी जियोलॉजी या भूविज्ञान कोर्स युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है और भारत में प्रमुख कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जा रहा है। यह कोर्स इन दिनों बहुत सारे छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है और इसका अनुसरण किया जा रहा है। छात्र नीचे इस लेख में बताए अनुसार बीएससी जियोलॉजी कोर्स करने के महत्वपूर्ण कारण के बारे में जान सकते है कि आपको ये कोर्स क्यों करना चाहिए:
नौकरी के अवसर: यह बीएससी जियोलॉजी कोर्स करने के लिए मुख्य हाइलाइट्स में से एक है क्योंकि ग्रेजुएशन इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में भूवैज्ञानिक, जीवाश्म विज्ञानी, जलभूविज्ञानी, समुद्री भूवैज्ञानिक आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
उच्च वेतन: ये बीएससी जियोलॉजी कोर्स को करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कारक हैं। बीएससी जियोलॉजी के छात्रों का मूल शुरुआती वेतन 4 से 5 लाख प्रति वर्ष के बीच होता है। साथ ही छात्र संबंधित क्षेत्र में उच्च अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रति वर्ष 18 लाख तक कमा सकते हैं।
मल्टीपल करियर स्कोप: बीएससी जियोलॉजी कोर्स करने के बाद छात्रों के पास करियर के रूप में तलाशने के लिए कई विकल्प हैं। छात्र या तो भूविज्ञान में एमएससी कर सकते हैं या फिर वह एमबीए या पीएचडी करने का विकल्प चुन सकते हैं।
बीएससी जियोलॉजी : कोर्स के Types
बीएससी भूविज्ञान कोर्स में एडमिशन की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार अपनी जीवनशैली एंव रूचि के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड का चुनाव कर सकते है :
बीएससी भूविज्ञान रेगुलर एजुकेशन : बीएससी भूविज्ञान कोर्स को छात्र भारत में स्थित विभिन्न संस्थानों की मदद से रेगुलर मोड़ में कर सकते है। इस रेगुलर कोर्स में एडमिशन के लिए साइंस स्ट्रीम के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है और फिर आप इसमें योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
बीएससी भूविज्ञान डिस्टेंस एजुकेशन : कई कॉलेज हैं जो डिस्टेंस मोड में बीएससी जियोलॉजी कोर्स करने की अनुमति देते हैं। यह ज्यादातर प्रोफेशनल्स या उन लोगों के लिए है जो अपने काम के साथ-साथ एक साइड विकल्प के रूप में बीएससी जियोलॉजी का अध्ययन करना चाहते हैं। डिस्टेंस बीएससी भूविज्ञान के लिए न्यूनतम योग्यता लगभग रेगुलर कोर्स के समान है। उम्मीदवार इसमें सीधे आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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बीएससी जियोलॉजी: न्यूनतम योग्यता
बीएससी जियोलॉजी कोर्स को करने के लिए, उम्मीदवारों को नीचे दी गई न्यूनतम मानदंड को पूरा करना होगा:
- उम्मीदवार द्वारा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
- छात्र ने 12वीं कक्षा में मुख्य विषयों के रूप में गणित और भौतिकी के साथ-साथ रसायन विज्ञान/जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी/कंप्यूटर विज्ञान के रूप में वैकल्पिक विषयों में से एक का अध्ययन किया होना चाहिए।
- साथ ही उम्मीदवार ने 12वी स्तर पर न्यूनतम 40% अंक प्राप्त किए होने चाहिए।
बीएससी जियोलॉजी: एडमिशन प्रक्रिया
बीएससी जियोलॉजी की एडमिशन प्रक्रिया आम तौर पर मेरिट लिस्ट के आधार पर होती है। हालाँकि, कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं जो बीएससी भूविज्ञान कोर्स में एडमिशन देने के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं।
बीएससी जियोलॉजी मेरिट-आधारित एडमिशन
मेरिट-आधारित एडमिशन प्रक्रिया में उम्मीदवार द्वारा 12वी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है। इस प्रक्रिया में छात्र सीधे विश्वविद्यालय एंव कॉलेज में आवेदन कर सकते है।
बीएससी भूविज्ञान प्रवेश-आधारित प्रवेश
बीएससी जियोलॉजी कोर्स में प्रवेश आधारित प्रवेश उम्मीदवार द्वारा राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर या कॉलेज स्तर की प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है। एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय बीएससी भूविज्ञान कोर्स में एडमिशन के लिए बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों के अलावा अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
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बीएससी जियोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
जियोलॉजी में बीएससी करने के बाद क्या स्कोप है? बीएससी जियोलॉजी ग्रेजुएट्स को भूवैज्ञानिकों को विभिन्न निर्माण फर्मों, खनन कंपनियों और सर्वेक्षण संगठनों द्वारा नियुक्त किया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद प्राइवेट कंपनियों के साथ-साथ सरकारी संगठनों में भी नौकरियां उपलब्ध हैं। चूंकि भूविज्ञान इतना विविध क्षेत्र है, ऐसे उम्मीदवारों के लिए बहुत संभावनाएं हैं जो भूवैज्ञानिक रिसर्च में अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त करने से इस क्षेत्र में कई अन्य अवसर खुल जाते है।
बीएससी जियोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद आपको नौकरी के विभिन्न अवसर मिल सकते है क्योंकि ये कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट कंपनियों में नौकरी पा सकते है। नौकरी के क्षेत्रो में ऑइल इंडस्ट्री, रिसर्च एरिया, मिनरल इंडस्ट्री एंव माइनिंग इंडस्ट्री शामिल है।