BSc Hotel Management कोर्स : बीएससी होटल मैनेजमेंट यानि बैचलर ऑफ साइंस इन होटल मैनेजमेंट एक ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसे ग्रेजुएशन पास उम्मीदवार 3 वर्ष की अवधि में पूरा कर सकते है। इस कोर्स के 6 सेमेस्टर के दौरान छात्रों को होटल चलाने, मैनेज करने, होटल प्रशासन और ग्राहकों की सेवा करने के सभी आवश्यक स्किल्स सिखायी जाती है। इसके साथ ही अंतिम 2 सेमेस्टर उम्मीदवार के अध्ययन की चुनी हुई स्पेशलाइजेशन पर आधारित होते हैं।
बीएससी होटल मैनेजमेंट उम्मीदवारों को एक वैध डिग्री की गारंटी देता है। जिससे उम्मीदवार यह कोर्स के लिए उपलब्ध नौकरी के अवसर होटल मैनेजर, हाउसकीपिंग मैनेजर, होटल डेवलपमेंट मैनेजर, रेस्टोरेंट मैनेजर, सेल्स मैनेजर और बारटेंडर आदि में तलाश सकते है और बेहतर वेतन पर नौकरी पा सकते है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीएससी होटल मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 1,00,000 से 3,50,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | होटल मैनेजमेंट ट्रेनी, सेल्स मैनेजर, रेस्टोरेंट मैनेजर, हाउसकीपिंग मैनेजर, होटल डेवलपमेंट मैनेजर, होटल मेंटेनेंस मैनेजर आदि। |
भारत में बीएससी मैनेजमेंट कोर्स के लिए लिया जाने वाली औसत फीस 3 साल की अवधि के लिए लगभग 1,00,000 से 3,50,000 रूपये के बीच है, और देश में ऐसे प्रोफेशनल्स को दिया जाने वाला औसत वार्षिक वेतन 3 और 7 लाख के बीच है, जो अनुभव और विशेषज्ञता के साथ बढ़ता है।
बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
बीएससी होटल मैनेजमेंट एक ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसकी अवधि 3 वर्ष है और इसे 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इस कोर्स के दौरान छात्रों को होटल प्रशासन, उसके पर्यावरण और मैनेजमेंट के बारे में आवश्यक कौशल और उपकरणों के साथ सिखाया जाता है जो एक होटल को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक हैं।
बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स में छात्रों को मुख्य विषय के रूप में ऑपरेशन, कानून, खाद्य और पेय मैनेजमेंट, मैनेजमेंट कम्युनिकेशन, मैनेजमेंट और संगठन व्यवहार, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, इनफार्मेशन सिस्टम एंव मार्केटिंग, पर्यटन और विभिन्न स्ट्रेटेजी आदि को पढ़ाया जाता है।
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बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या होटल मैनेजमेंट एक अच्छा काम है? बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स करने की इच्छा उम्मीदवार पर निर्भर करती है। क्योंकि प्रत्येक उम्मीद विभिन्न कारणों की बजह से इस कोर्स को करने का विचार कर सकता है जो इस प्रकार है:
- होटल उद्योग की बढ़ती गति रोजगार के विभिन्न अवसर प्रदान कर रही है, इसलिए उम्मीदवार ये कोर्स करने के बाद पसंद का करियर चुन सकते हैं।
- वैश्विक स्तर पर उम्मीदवार का एक्सपोजर उनके व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करता है।वह होटल मैनेजमेंट के साथ-साथ विज्ञान के क्षेत्र में भी समझ विकसित करते है।
- इस कोर्स से उम्मीदवारों को होटल और उद्यमिता स्थापित करने का एक स्पष्ट विचार मिलता है। वह दूसरों की तुलना में अधिक आसानी से होटल स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।
- यह एक फैंसी नौकरी होने के कारण इस क्षेत्र के ग्रेजुएट्स के लिए अन्य प्रोफेशन की तुलना में अधिकतम वेतन के साथ बड़े फाउंडेशन में नौकरी मिलती है।
- उम्मीदवार इस कोर्स को करने के बाद बेहतर भविष्य के लिए पोस्ट-ग्रेजुएशन, डिप्लोमा या एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स भी कर सकते हैं।
बीएससी होटल मैनेजमेंट : कोर्स के Types
भारत में बहुत से छात्र है जो समय की कमी के कारण रेगुलर कोर्स ज्वाइन नहीं कर पाते है, इन्ही सभी परेशानियों को देखते हुए कुछ विश्वविधालय बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स को रेगुलर मोड में करने के अलावा डिस्टेंस मोड में भी करने का विकल्प देते है।
फुल टाइम बीएससी होटल मैनेजमेंट : बीएससी होम साइंस रेगुलर कोर्स को भारत के अधिकतम कॉलेज एंव विश्वविद्यालयो द्वारा कराया जाता है। जिसमें कोई ही उम्मीदवार जिसने एक मान्यता प्राप्त बोर्ड 12वी पास कर लिया है वह एडमिशन के लिए आवेदन कर सकता है। इसमें उम्मीदवार मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन सकते है।
डिस्टेंस बीएससी होटल मैनेजमेंट : कुछ संस्थानों द्वारा वर्किंग प्रोफेशनल्स को उनकी उनकी समय की कमी को देखते हुए डिस्टेंस मोड में बीएससी होटल मैनेजमेंट करने की अनुमति देते है जिसमें उम्मीदवार 12वी के बाद एडमिशन ले सकता है और इस डिस्टेंस कोर्स को उम्मीदवार लगभग 60,000 से 1,20,000 रूपये में कर सकते है। डिस्टेंस मोड में उम्मीदवार सीधे आवेदन एडमिशन ले सकते है।
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BSc Hotel Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
उम्मीदवार जो बीएससी होटल मैनेजमेंट करना चाहता है। उन्हें पहले नीचे दी गयी न्यूनतम योग्यता को पूरा करना होगा, तभी वह एडमिशन के लिए योग्य माने जायेगे।
- उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास होना चाहिए।
- उम्मीदवार के पास 12वीं कक्षा के दौरान अंग्रेजी मुख्य विषय के रूप में होना चाहिए।
- उम्मीदवार 12वी स्तर पर न्यूनतम 40% अंक प्राप्त किए होने चाहिए। इसके अलावा आरक्षित वर्ग के छात्रों को न्यूनतम आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
BSc Hotel Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया प्रत्येक संस्थान द्वारा अलग – अलग अपनाई जाती है जिसमें अधिकतम संस्थान योग्यता के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है जबकि कुछ् संस्थान प्रवेश के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है।
प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन मूल रूप से संस्थानों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर होता है। वह संस्थान जी मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया को अपनाते है वह छात्रों के 12वी में प्रात अंको के आधार पर एडमिशन का निर्णय लेते है।
इसके अलावा होटल कुछ संस्थान एडमिशन के लिए राष्ट्रीय होटल मैनेजमेंट संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (NCHMCT JEE) में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है। कट ऑफ अंक प्राप्त करने के बाद, योग्य उम्मीदवार को विभिन्न आईएचएम में आयोजित व्यक्तिगत साक्षात्कार में भी शामिल होना होता है।
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बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
बीएससी होटल मैनेजमेंट के बाद कौन सी नौकरी मिलती है? बीएससी होटल मैनेजमेंट के छात्र या तो नौकरी कर सकते हैं या रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए आगे की पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते हैं।
उम्मीदवार बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट या होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में सेल्स मैनेजर, होटल मैनेजर, कैटरर, हाउसकीपर, शेफ आदि के साथ अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत कर सकते है। दुनिया के टॉप होटल एंव हॉस्पिटैलिटी कंपनियां होटल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को बेहतर वेतन के साथ नौकरी ऑफर करते है।
एमएससी होटल एंड कैटरिंग मैनेजमेंट: उम्मीदवार ग्रेजुएशन करने के बाद एमएससी होटल एंड कैटरिंग मैनेजमेंट के लिए जा सकते हैं। यह 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। यह उम्मीदवार को होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने में मदद करेगा।
मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन : बीएससी होटल मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद एमबीए करने पर प्राथमिकता दी जाती है और छात्रों को आसानी से नौकरी मिल जाती है और उन्हें कम संघर्ष करना पड़ता है। एमबीए कोर्स में एडमिशन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के आधार पर किया जाता है और कुछ कॉलेज सीधे उम्मीदवारों को भी लेते हैं।