MSc Agriculture कोर्स : एमएससी एग्रीकल्चर 2 साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है, जो देश के विभिन्न मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। इस कोर्स में मुख्य रूप से कृषि अध्ययन और कृषि में शामिल विभिन्न वैज्ञानिक प्रक्रियाएं आदि शामिल है। इस कोर्स के लिए योग्य होने के लिए, छात्रों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कृषि, या समक्ष विषयों में बीएससी की डिग्री होनी चाहिए।
सीयूईटी पीजी, पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए बहुत लोकप्रिय है इसलिए अगर आप ग्रेजुएशन के बाद एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है तो आप सीयूईटी पीजी प्रवेश परीक्षा क उत्तीर्ण कर भारत के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन ले सकते है।
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स एग्रोनॉमी, बायोटेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स एंड फार्म मैनेजमेंट, प्लांट फिजियोलॉजी और एंटोमोलॉजी जैसी कई स्पेशलाइजेशन प्रदान करता है। यानि कि कुल मिलाकर 12 स्पेशलाइजेशन में बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स कर सकते है।
Notification: IMTS Institute ने MSc Agriculture कोर्स के लिए प्रवेश शुरू किया है। इच्छुक उम्मीदवार अंतिम तिथि 31 मार्च 2024 से पहले प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस नंबर पर कॉल करें: 9210989898.
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी एग्रीकल्चर |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ साइंस इन एग्रीकल्चर |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी एग्रीकल्चर या समकक्ष डिग्री |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 1,00,000 से 2,50,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | कॉरपोरेट सेल्स मैनेजर, रिसर्च साइंटिस्ट, लेक्चरर/प्रोफेसर, फील्ड ऑफिसर, ब्रीडर, एग्रोनोमिस्ट, फार्म मैनेजर आदि |
एमएससी एग्रीकल्चर फीस स्ट्रक्चर हर कॉलेज के लिए अलग – अलग है। एमएससी एग्रीकल्चर डिग्री के लिए औसत फीस 1,00,000 से 2,50,000 रुपये के बीच है। इस कोर्स के लिए फीस विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं जैसे आवास, भोजन, औद्योगिक प्रशिक्षण आदि के आधार पर तय की जाती है।
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स क्या है?
एमएससी एग्रीकल्चर में क्या होता है? बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री पूरी करने के बाद एमएससी कृषि सबसे अधिक मांग वाले कोर्सेस में से एक है। एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स में जैव रसायन, कृषि मशीनरी, कृषि क्षेत्र के मैनेजमेंट पहलु, वृक्षारोपण मैनेजमेंट आदि जैसे विषय शामिल है।
एमएससी एग्रीकल्चर दो साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है जो कृषि और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में सिखाता है। एमएससी कृषि कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए है जो मानव जाति को लाभ पहुंचाने में पौधों की क्षमता के बारे में बेहतर जानकारी चाहते हैं। यह कोर्स छात्रों को एग्रीकल्चर के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
सरकारी क्षेत्र हो या प्राइवेट क्षेत्र, एमएससी एग्रीकल्चर डिग्री वाले उम्मीदवार दोनों ही क्षेत्रो में विभिन्न नौकरी की भूमिकाएं पा सकते हैं। जिनमें कृषि अधिकारी, उत्पादन मैनेजर, फार्म मैनेजर जैसे जॉब प्रोफाइल शामिल है। जो कि एक उम्मीदवार को कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर प्रदान करता है।
ये भी पढ़े : एमएससी जूलॉजी कोर्स
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या एमएससी एग्रीकल्चर एक अच्छा करियर विकल्प है? जी हाँ, एमएससी एग्रीकल्चर भारत में एक अत्यधिक समृद्ध कोर्स माना जाता है क्योंकि हमारा देश एक कृषि आधारित देश है। इसके कारण भारत भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कृषि कोर्सेस की हमेशा बहुत मांग रही है। एमएससी कृषि की डिग्री हासिल करने के कुछ सबसे महत्वपूर्ण कारण यहां दिए गए हैं:
छात्रों को खेती में शामिल विभिन्न आधुनिक तकनीकों के बारे में जानने का मौका मिलेगा, जो कि कृषि उद्योग के विकास में बहुत मदद करते है।
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स में सभी विषय कृषि के वैज्ञानिक अध्ययन के इर्द-गिर्द घूमते हैं। जो छात्रों को ऐसे तकनीक सिखाते है जिनसे उपज की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलती है और उत्पादन दर में भी वृद्धि होती है। एमएससी कृषि कोर्स भी कृषि प्रणालियों में आर्थिक और सामाजिक विचारों की एक एकीकृत समझ प्रदान करता है।
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स करने के बाद एक फ्रेशर के रूप में आप लगभग 3 से 6 एलपीए की नौकरी पा सकते है। हालंकि आपके अनुभव के साथ सैलरी भी बढ़ेगी।
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स के Types
भारत में विभिन्न कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से आप रेगुलर या डिस्टेंस मोड में पढ़ाई कर सकते है:
फुल टाइम एमएससी एग्रीकल्चर : एमएससी एग्रीकल्चर एक फुल-टाइम कोर्स है जिसमें आप फिजिकल क्लास के माध्यम से पढ़ाई जारी रखते है। रेगुलर कोर्स में छात्र एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करने के बाद योग्यता या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी एग्रीकल्चर : भारत में कुछ ही विश्वविद्यालय है वर्किग प्रोफेशनल्स को डिस्टेंस मोड में एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स करने की सुविधा देते है जिसके माध्यम से वह अपने काम या नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रख सकते है। इस कोर्स में कोई ही छात्र एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन उत्तीर्ण करने के बाद सीधे एडमिशन ले सकता है।
ये भी पढ़े : एमएससी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री
MSc Agriculture कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स में एडमिशन के लिए पहले छात्रों को इसकी न्यूनतम योग्यता को पूरा करना आवश्यक है इसलिए, निम्नलिखित पात्रता मानदंड को पूरा किया जाना चाहिए:
छात्रों को एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स पूरा करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री या एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन पूरा करना होगा।
छात्र ने ग्रेजुएशन के दौरान न्यूनतम 40% अंक प्राप्त किए होने चाहिए। एमएससी एग्रीकल्चर में एडमिशन लेने के लिए अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को अंकों में 5% की छूट दी जाती है।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश के मामले में, एमएससी कृषि कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
MSc Agriculture कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी एग्रीकल्चर एडमिशन प्रक्रिया योग्यता आधारित और प्रवेश-आधारित दोनों होती है। हालाँकि, मेरिट-आधारित और प्रवेश परीक्षा -आधारित एडमिशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग आयोजित की जाती है। एडमिशन प्रक्रिया में कुछ नियम और प्रक्रियाएं शामिल हैं जिनका छात्रों को अपना एडमिशन सुरक्षित करने के लिए पालन करना होता है। एमएससी कृषि एडमिशन प्रक्रिया नीचे दी गयी है:
प्रवेश परीक्षा आधारित प्रक्रिया में उम्मीदवारों को एमएससी कृषि प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण करना होगा और इसे आवश्यक कटऑफ के साथ पास करना होगा जबकि योग्यता आधारित एडमिशन के लिए छात्रों को एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की आवश्यकता नहीं है।
विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश परीक्षाओं के सभी आवेदन पत्र और अंक प्राप्त करने के बाद, प्रोफ़ाइल मूल्यांकन किया जाता है और छात्रों को योग्यता सूची के अनुसार एमएससी कृषि में एडमिशन की अनुमति दे दी जाती है।
ये भी पढ़े : एमएससी फूड टेक्नोलॉजी
एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी एग्रीकल्चर एक ऐसा कोर्स है जो एग्रीकल्चर के क्षेत्र में एक विशेष स्पेशलाइजेशन के माध्यम से एक विशेष क्षेत्र को समझने में मदद करता है। एमएससी एग्रीकल्चर का वेतन प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग होता है – सरकारी और प्राइवेट और नौकरी का प्रकार या यहां तक कि उम्मीदवार के पास कौशल पर भी निर्भर करता है। एक वर्ष से कम अनुभव वाले उम्मीदवार के लिए, औसत वेतन लगभग 4 लाख रुपये से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष होता है।
FAQs
प्रश्न: MSc Agriculture क्या है और इसमें कौन-कौन से विषय पढ़ाए जाते हैं?
उत्तर: MSc Agriculture मास्टर ऑफ़ साइंस एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें विभिन्न कृषि संबंधित विषयों को पढ़ाया जाता है, जैसे कि फसल विज्ञान, जैव विज्ञान, भूगोलिक सूचना प्रणाली, वनस्पति रोग, कृषि अर्थशास्त्र, और अन्य कृषि संबंधित विषय।
प्रश्न: MSc Agriculture के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: MSc Agriculture में एडमिशन लेने के लिए आम तौर पर आपको BSc Agriculture या किसी समकक्ष डिग्री में पास होना आवश्यक होता है। हालंकि पात्रता मानदंड विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, इसलिए आपको अपने चयनित कॉलेज से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न: MSc Agriculture के बाद क्या करियर विकल्प हैं?
उत्तर: MSc Agriculture के उपलब्ध करियर विकल्प विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि कृषि अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान सहायक, कृषि विभाग में अधिकारी, कृषि उत्पादन इकाई में व्यवसायिक प्रबंधन, उद्यमिता में उद्यमी, और कृषि शिक्षा में प्रोफेसर या शिक्षक आदि।
प्रश्न: MSc Agriculture की एडमिशन प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर: MSc Agriculture में एडमिशन विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं या मेरिट आधारित होता है। अधिकांश प्रवेश परीक्षाओं के लिए, आपको निर्धारित तारीख तक आवेदन करना होगा और प्रवेश परीक्षा में सफलता के बाद, आपको चयनित संस्थान में एडमिशन मिलेगा। मेरिट आधारित एडमिशन के लिए, आपको उच्चतम अंक प्राप्त करना होगा जो आपके ग्रेजुएशन अंकों पर आधारित होता है।
प्रश्न: MSc Agriculture में अध्ययन करने के लिए कौन-कौन से विश्वविद्यालय या संस्थान सबसे अच्छे हैं?
उत्तर: भारत में MSc Agriculture के लिए कई उच्च शिक्षा संस्थान उपलब्ध हैं जो विभिन्न विषयों में स्पेशलाइजेशन प्रदान करते हैं। कुछ बेहतर विश्वविद्यालय जो MSc Agriculture कराते हैं उनमें से कुछ नाम हैं: इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI), न्यू दिल्ली, तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (TNAU), कोयंबटूर, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, पूना, और चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, हरियाणा।