MSc Bioinformatics कोर्स : एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स या मास्टर ऑफ साइंस इन बायोइंफॉर्मेटिक्स साइंस स्ट्रीम में एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसे छात्रों द्वारा 2 वर्षो में पूरा किया जा सकता है। एमएससी बायोइनफॉरमैटिक्स कोर्स विज्ञान मूल रूप से आधुनिक जीव विज्ञान और चिकित्सा में डेटा के मैनेजमेंट के लिए है।
इस कोर्स को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता के आधार पर किया जा सकता है। यह कोर्स विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है इसलिए ये कोर्स पूरा करने के बाद आप सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर में बेहतर पद पर नौकरी की उम्मीद कर सकते है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स के बाद उम्मीदवार विभिन्न सेक्टर में डेटाबेस प्रोग्रामर, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट, लेक्चरर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर, रिसर्च साइंटिस्ट, बायोइंफॉर्मेटिक्स सॉफ्टवेयर डेवलपर आदि के रूप में 3 से 10 लाख तक का पैकेज पा सकते है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन बायोइंफॉर्मेटिक्स |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 2,50,000 |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | डेटाबेस प्रोग्रामर, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट, बायोइंफॉर्मेटिक्स सॉफ्टवेयर डेवलपर, रिसर्च साइंटिस्ट, प्रोफेसर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर आदि। |
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स की फीस प्रत्येक संस्थान की अलग अलग होती है जो कि विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है, भारत में एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स की औसत फीस 30,000 से 2,50,000 रुपये के बीच है। इस क्षेत्र में उम्मीदवार की स्किल्स के आधार पर कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को भारत में औसत वार्षिक प्रारंभिक वेतन के रूप में 3 से 8 लाख रुपये के बीच दिया जाता है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स क्या है?
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स या मास्टर ऑफ साइंस इन बायोइंफॉर्मेटिक्स साइंस स्ट्रीम में एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसकी अवधि 2 वर्ष है। यह कोर्स जैव सूचना विज्ञान में मूल रूप से आधुनिक जीव विज्ञान और चिकित्सा में डेटा के मैनेजमेंट के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स या मास्टर ऑफ साइंस इन बायोइंफॉर्मेटिक्स आधुनिक जीव विज्ञान और चिकित्सा में डेटा के मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स है। यह कोर्स छात्रों को डेटाबेस प्रोग्रामर, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट, लेक्चरर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर, रिसर्च साइंटिस्ट, बायोइनफॉरमैटिक्स सॉफ्टवेयर डेवलपर आदि जैसे विशिष्ट जॉब रोल्स रूप में नौकरी करने का अवसर प्रदान करता है।
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एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स को करने के कई कारण हैं। इसलिए एमएससी जैव सूचना विज्ञान का अध्ययन करने के कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:
- छात्र इस एमएससी कोर्स को करके किसी विशेष क्षेत्र के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।
- यह कोर्स छात्रों को विशेष विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करता है और साथ ही एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स डिग्री छात्रों के करियर को बढ़ावा देती है।
- इस कोर्स में छात्रों को वैज्ञानिकों द्वारा अत्याधुनिक तरीके से पढ़ने का भी मौका मिलता है और साथ ही रिसर्च में गहन अनुभव भी प्राप्त होता है।
- यह कोर्स जीनोम सीक्वेंसिंग द्वारा डेटा की बड़ी मात्रा की व्याख्या करने के लिए उपयोग की जाने वाली नई और मौजूदा विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक समझता है।
- एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स ग्रेजुएट्स की मांग चिकित्सा क्षेत्र के साथ – सतह अन्य क्षेत्रो में भी है इसलिए ये कोर्स करियर के नजरिए से भी एक बेहतर विकल्प है।
- भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल, बायोटेक और सॉफ्टवेयर कंपनियां बायोइंफॉर्मेटिक्स में अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल्स को नियुक्त अच्छे वेतन पर नियुक्त करते हैं, जहां वह बड़ी मात्रा में जैविक और स्वास्थ्य देखभाल की जानकारी के साथ काम करते हैं।
MSc Bioinformatics कोर्स के Types
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स में उम्मीदवार अपनी इच्छा के अनुसार विभिन्न विश्वविद्यालयों या कॉलेजो की मदद से डिस्टेंस एंव रेगुलर मोड़ में पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स रेगुलर एजुकेशन : एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स में वह सभी उम्मीदवार एडमिशन के लिए योग्य है जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से साइंस स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इस रेगुलर कोर्स में उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा या फिर मेरिट के आधार पर भारत के विभिन्न संस्थान में एडमिशन ले सकते है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ ही ऐसे संस्थान हैं जो वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव छात्रों को डिस्टेंस मोड में कोर्स करने की सुविधा प्रदान करते हैं। आमतौर पर, इस डिस्टेंस कोर्स को उम्मीदवार 2 वर्षो में पूरा कर सकते है, डिस्टेंस मोड में कोई भी उम्मीदवार साइंस स्ट्रीम के साथ ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे विश्वविद्यालय में आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Bioinformatics कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स में एडमिशन केवल उन्हीं छात्रों को दिया जाता है जो न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। भारत में इस कोर्स के लिए योग्यता में वे छात्र शामिल हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से न्यूनतम 40% अंको के साथ विज्ञान स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो। इस कोर्स के लिए कोई भी विशेष आयु सीमा नहीं है इसलिए छात्र किसी भी आयु में एडमिशन ले सकते है। छात्रों को शीर्ष संस्थान में एडमिशन के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
MSc Bioinformatics कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स को करने के लिए, छात्रों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे न्यूनतम योग्यता मानदंडों को पूरा करते हैं। एडमिशन के लिए आवेदन विश्वविद्यालय की वेबसाइट से या सीधे कॉलेज के एडमिशन कार्यालय में जाकर उपलब्ध हैं। छात्रों को बायोइंफॉर्मेटिक्स में एमएससी को पूरा करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा। भारत में राष्ट्रीय, राज्य एंव विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।
अधिकतम कॉलेज और विश्वविद्यालय छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट तैयार कर एडमिशन की अनुमति देते है।
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एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स करने के बाद छात्रों के पास बहुत स्कोप है, हो सकता है आप उच्च अध्ययन या नौकरी करने का विकल्प चुन सकते है। कई लोग उच्च अध्ययन के लिए विषयों की गहन के लिए जैव सूचना विज्ञान से संबंधित किसी विशेष विषय में शोध करना चाहते हैं। साथ ही, अधिक शिक्षा प्राप्त करने से छात्रों को शिक्षण में करियर बनाने में मदद मिल सकती है यदि उनकी रुचि है।
भारत में एमएससी जैव सूचना विज्ञान डिग्री धारक के लिए औसत वेतन 3 – 10 के आसपास है। यह छात्रों के थेओरिटिकल ज्ञान, प्रैक्टिकल ज्ञान और इंटर्नशिप के अनुभव पर निर्भर करता है। साथ ही, यह संगठन/कंपनी के आकार और भौगोलिक क्षेत्र पर भी निर्भर करता है।
एमएससी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स के बाद उच्च शिक्षा के विकल्प :
- एमफिल
- पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स
- एमएससी गणित या विज्ञान
- यूजीसी नेट / सेट फॉर जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप