MSc Medical Biochemistry कोर्स : एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री में 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें एडमिशन की इच्छा रखने वाले इच्छुक छात्रों को बीएससी पूरा करना आवश्यक है। साथ ही किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से कम से कम 40% कुल अंकों के साथ वनस्पति विज्ञान, जूलॉजी, पोषण, खाद्य विज्ञान या पशु विज्ञान, चिकित्सा और पशु चिकित्सा विज्ञान में ग्रेजुएशन पूरा किया होना चाहिए।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स करने के बाद उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्र जैसे कि फॉरेंसिक साइंस, बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों, फार्मास्युटिकल कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों आदि क्षेत्रों में आसानी से नौकरी पा सकते हैं। इसके साथ ही कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार एक फ्रेशर के रूप में 2 से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष का वेतन पा सकते है, हालंकि वेतन उम्मीदवार की स्किल्स, स्थान, कंपनी और अनुभव पर निर्भर करता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन मेडिकल बायोकैमिस्ट्री |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + साइंस स्ट्रीम |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 40,000 से 3,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | रिसर्च संस्थान, जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां, फोरेंसिक विज्ञान क्षेत्र, पर्यावरण एजेंसी, फार्मा कंपनी आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, मेडिकल एडिटर, ट्रेनी मेडिकल कोडर आदि। |
भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट संस्थानों में एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स की फीस लगभग 40,000 से 3,00,000 रुपये के बीच है हालंकि इस कोर्स की फीस पूरी तरह से कॉलेज या विश्वविद्यालय पर निर्भर करती है। जिस तरह अगर आप सरकारी कॉलेज से एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स करते है तो प्राइवेट कॉलेज की तुलना में बहुत कम फीस के साथ पढ़ाई पूरी कर सकते है।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स क्या है?
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के साथ – साथ जैविक प्रक्रियाओं का व्यापक अध्ययन भी शामिल है। इस कोर्स में जीव विज्ञान और चिकित्सा के विषयों को एक साथ पढ़ाया जाता है। यह कोर्स व्यापक रूप से करियर आधारित है जो छात्रों को इसके पूरा होने के बाद आकर्षक करियर विकल्प चुनने में मदद करता है।
इस कोर्स को करने के बाद आपको तंग शेड्यूल में काम करने की आवश्यकता हो सकती है चूंकि यह क्षेत्र चिकित्सा विज्ञान से संबंधित है, इसलिए ऐसे उम्मीदवार जो दक्षता के साथ समाज को अपनी सेवा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स अवश्य करना चाहिए।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स करने के बाद ग्रेजुएट्स टीचिंग, रिसर्च और टेक्नोलॉजी आड़ू क्षेत्र में बेहतर वेतन के साथ जॉब कर सकते है।
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एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी बायोकैमिस्ट्री के क्या फायदे हैं? भारत के जिन क्षेत्रों में एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री ग्रेजुएट्स की भर्ती की जाती है, उनमें सरकारी अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, फार्मा कंपनी, रिसर्च संस्थान, जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां, फोरेंसिक विज्ञान क्षेत्र, पर्यावरण एजेंसी, फार्मा कंपनी आदि शामिल है जहां उम्मीदवार एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत कर सकते है।
मेडिकल बायोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में एमएससी का अध्ययन करने से उन छात्रों के लिए एक मजबूत नींव तैयार होती है जो भविष्य में चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च प्रोग्राम में जाने की इच्छा रखते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद, आगे पढ़ाई करने के इच्छुक उम्मीदवार मेडिकल बायोकैमिस्ट्री में पीएचडी करने का भी विकल्प चुन सकते है ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप नौकरी करने का विकल्प चुनते है या आगे पढ़ाई करने का विकल्प चुनते है।
MSc Medical Biochemistry कोर्स के Types
भारत में वर्किंग प्रोफेशनल्स के पास समय की कमी रहती है इसलिए यूजीसी ने कई विश्वविद्यालय को रेगुलर मोड के अलावा डिस्टेंस मोड में भी पढ़ाई कराने की मंजुरी दी है जिससे उम्मीदवार पढ़ाई के सत्य अपना काम जारी रख सकते है।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री रेगुलर एजुकेशन : रेगुलर एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स को इच्छुक उम्मीदवार रेगुलर मोड में ग्रेजुएशन के बाद कर सकते है। रेगुलर मोड में छात्रों को फिजिकल कॉलेज क्लासेस और असाइनमेंट के माध्यम से सिखाया जाता है क्योंकि इस लर्निंग मोड में आपको कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करनी होती है। इसलिए इच्छुक छात्र डिस्टेंस मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स में मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में यूजीसी ने कुछ ही संस्थान को डिस्टेंस लर्निंग मोड में वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव इच्छुक उम्मीदवारों को पढ़ाई कराने की मंजूरी दी हैं। डिस्टेंस एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स में छात्रों को ई – लर्निंग, स्टडी मटेरियल और असाइनमेंट आदि के माध्यम से अध्ययन कराया जाता है। इच्छुक उम्मीदवार इस डिस्टेंस कोर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Medical Biochemistry कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को इस कोर्स की न्यूनतम योग्यता मानदंड को पूरा करना होगा, जो इस प्रकार हैं:
- उम्मीदवारों को यूजीसी / एआईयू के द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 40% अंकों के साथ विज्ञान में ग्रेजुएशन किया होना चाहिए।
- ग्रेजुएशन के दौरान उम्मीदवार ने अपना बीएससी बायोकैमिस्ट्री, केमिस्ट्री, जूलॉजी, न्यूट्रिशन, फूड साइंस, बॉटनी या बीएससी में से किसी एक विषय में डिग्री पूरी की होनी चाहिए।
- आवेदकों को प्रतिष्ठित कॉलेजों और संस्थानों में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय, राजू या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
MSc Medical Biochemistry कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
वह उम्मीदवार जो एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स में एडमिशन चाहते हैं। वह मेडिकल बायोकेमिस्ट्री से संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा न्यूनतम मानदंडों को पूरा करते हुए योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
वह संस्थान जो योग्यता के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया को अपनाते है उनमें एडमिशन आपके ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर लिया जाता है। जिसमें पहले आपको अपनी पसंद के कॉलेज में आवेदन करना होता है और फिर आपके अंको के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है फिर उसके बाद योग्य पाए जाने पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
हालांकि कुछ शीर्ष संस्थान प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन की अनुमति देते है, जिसमें प्रवेश के लिए आपको प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
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एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स करने के बाद आप विभिन्न क्षेत्र में नौकरी का अवसर पा सकते है, साथ ही अगर आप नौकरी करने की बजाय रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहते है तो उसके लिए आप कोर्स पूरा करने के बाद पीएचडी भी कर सकते है जो कि सबसे उच्च दर्जे की डिग्री मानी जाती है।
एमएससी मेडिकल बायोकैमिस्ट्री कोर्स करने के बाद छात्रों को रिसर्च संस्थानों, जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों, फोरेंसिक विज्ञान क्षेत्रों, पर्यावरण एजेंसी आदि क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलता है। जहां वह मेडिकल कोडर, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन आदि के रूप में काम कर सकते है।