MSc Microbiology कोर्स: एमएससी माइक्रोबायोलॉजी एक स्पेशलाइजेशन कोर्स है जिसके दौरान छात्रों को रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। यह 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है जिसे छात्र बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, फिजियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कर सकते है। इसमें पर्यावरण और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के संबंध का अध्ययन है।
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स के लिए आप योग्यता और प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है जहां दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, आदि में एडमिशन आम तौर पर ग्रेजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर करते है। जबकि कुछ शीर्ष संस्थान लोकप्रिय प्रवेश परीक्षा जैसे IPU CET, DUET, JNUEE, आदि के माध्यम से एडमिशन करते हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी माइक्रोबायोलॉजी |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन माइक्रोबायोलॉजी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नही है |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 40,000 से 3,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4 से 10 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | फार्माकोलॉजिस्ट, रिसर्च एनालिस्ट, रिसर्च असिस्टेंट आदि। |
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स क्या है?
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी भारत में कई कॉलेज एंव विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाने वाला दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। ये कोर्स जीवित चीजों और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ उनके संबंधों को समझने के लिए जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान की अवधारणाओं को जोड़ने का अध्ययन है।
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी में सूक्ष्मजीवों और मानव जीवन पर उनके प्रभाव का अध्ययन कराया जाता है। ये कोर्स में छात्र वेस्ट मैनेजमेंट और किण्वित खाद्य पदार्थों के उत्पादन में इन सूक्ष्मजीवों की भूमिका के बारे में सीखते हैं। इस कोर्स के दौरान, छात्र विस्तृत सूक्ष्म जीव विज्ञान विषयों के साथ अन्य विषयों का भी अध्ययन करते हैं।
वर्तमान समय में महामारी के बाद से, माइक्रोबायोलॉजी कोर्सेस की मांग बढ़ रही है क्योंकि बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल आदि जैसे सूक्ष्मजीवों के कारण होने वाली प्रतिक्रिया को समझने की एक माइक्रोबायोलॉजी एक्सपर्ट की आवश्यकता होती है।
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एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या माइक्रोबायोलॉजी एक अच्छा करियर है? एमएससी माइक्रोबायोलॉजी एक पोस्ट ग्रेजुएशन है और यह छात्रों के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करता है। छात्र यदि इस कोर्स को विषय ज्ञान और सही योग्यता के बारे में ईमानदारी के साथ पूरा करते हैं, तो उन्हें विभिन्न इंडस्ट्री में आकर्षक नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल आदि को समझने के लिए विभिन्न रिसर्च और दवा उद्योग दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्हें ऐसे युवा दिमाग की आवश्यकता होती है, जिन्हें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों की समझ हो और इसके लिए वे ऐसे छात्रों को नियुक्त करते हैं, जिन्होंने अपना एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स पूरा कर लिया है।
इस कोर्स में नौकरी के बेहतर अवसर मिलने के अलावा, छात्र शोध के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं और वैज्ञानिक के रुप में भी अपने करियर की शुरुआत कर सकते है।
यदि कोई छात्र कॉलेज और विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो वे उच्च शिक्षा के लिए भी जा सकते हैं। कई छात्र एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में एक साल के एमफिल प्रोग्राम या पीएचडी कोर्स के लिए जाने का विकल्प चुनते हैं।
MSc Micro Biology कोर्स के Types
भारत में कौशल माइक्रोबायोलॉजी ग्रेजुएट्स की काफी डिमांड है इसलिए छात्र अपनी रुचि एंव प्राथमिकताओं के अनुसार एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स को रेगुलर या डिस्टेंस लर्निंग मोड में करने का विचार कर सकते है :
फुल टाइम एमएससी माइक्रोबायोलॉजी : एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स ज्यादातर कॉलेज एंव विश्वविद्यालय में रेगुलर मोड के माध्यम से पढ़ाया जाता है। रेगुलर मोड में छात्रों को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल कांसेप्ट के माध्यम से सिखाया जाता हैं। रेगुलर मोड में आप बीएससी ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी माइक्रोबायोलॉजी : भारत के कुछ ही विश्वविद्यालय है जिन्हे यूजीसी ने डिस्टेंस मोड में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स कराने की मंजूरी दी है। जिसमें छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि छात्रों की समस्त पढ़ाई ई – लर्निंग या साप्ताहिक क्लासेस के माध्यम से कराई जाती है। इच्छुक उम्मीदवार विश्वविद्यालय में सीधे आवेदन कर ग्रेजुएशन के बाद एडमिशन ले सकते है।
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MSc Micro Biology कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों को नीचे दी गई न्यूनता योग्यता मानदंड को पूरा करना होगा :
- उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की होनी चाहिए।
- वह उम्मीदवार भी एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन के योग्य है जिन्होंने बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, फिजियोलॉजी के क्षेत्र में ग्रेजुएशन पूरा किया है।
- साथ ही छात्रों से ग्रेजुएशन के दौरान न्यूनतम 40% अंको की उम्मीद की जाती है।
- भारत में शीर्ष संस्थान में एडमिशन के लिए प्रवेश प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती हैं, छात्रों को प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए और इसे कट ऑफ या मेरिट सूची में आना चाहिए।
MSc Micro Biology कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
भारत में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा और मेरिट के आधार पर होता है।
भारत में प्रमुख संस्थान एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। यह या तो राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा हो सकती है। इच्छुक छात्र ऑनलाइन आवेदन सकते हैं और संबंधित संस्थान में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
भारत में विभिन्न संस्थानों में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन के लिए आपको पहले आवेदन करना होता है और फिर आपके ग्रेजुएशन में प्राप्त स्कोर के आधार पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
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MSc Micro Biology कोर्स फीस
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों और प्राइवेट कॉलेजों के लिए लगभग 40,000 से 3,00,000 रुपये के बीच है। हालंकि प्रत्येक कॉलेज की फीस एक दुसरे से भिन्न होती है, इसलिए सटीक फीस की जानकारी के लिए कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पुष्टि करे।
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
माइक्रोबायोलॉजी में एमएससी के बाद क्या कर सकते हैं? विभिन्न इंडस्ट्री में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी नौकरियों के अवसर उपलब्ध है। जिन क्षेत्रों में सूक्ष्म जीव विज्ञानियों की आवश्यकता होती है उनमें से कुछ हैं फार्मेसी, जल उद्योग, रासायनिक प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी आदि।
ये एक डिमांडिंग कोर्स है क्योंकि यह सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में छात्रों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करता है। एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स करने के बाद आप टॉप रिक्रूटर्स द्वारा दिया जाने वाला वेतन के रूप 4 लाख से 10 लाख प्रति वर्ष पा सकते है।
उच्च शिक्षा के लिए माइक्रोबायोलॉजी में एमफिल या पीएचडी करने का विकल्प चुन सकते है, इससे न केवल किसी व्यक्ति के लिए अधिक शोध के अवसर मिलेंगे, बल्कि उन्हें उच्च मान्यता के साथ क्षेत्र में उच्च नौकरी अवसर भी प्राप्त होंगे।
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स करने के बाद छात्रों के पास विभिन्न करियर विकल्प होते है जहां से वह अपने करियर की शुरुआत कर सकते है। यहां आपको कुछ जॉब प्रोफाइल की सूची दी गयी है जिनमें आप ये कोर्स करने के बाद काम कर सकते है।