BBA Shipping & Port Management कोर्स : बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट 3 साल का यूजी कोर्स है जो विभिन्न संस्थानों द्वारा रेगुलर और डिस्टेंस मोड के जरिए ऑफर किया जाता है। शिपिंग और बंदरगाह इंडस्ट्री के कमर्शियल और मैनेजरियल तत्व इस विशेष डिग्री कोर्स के मुख्य विषय हैं और इसमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, लॉगिस्टिक्स, परिवहन, सप्लाई चैन मैनेजमेंट जैसे विषय भी शामिल है।
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट एक मैनेजमेंट शिक्षा पाठ्यक्रम है जो शिपिंग और पोर्ट मैनेजमेंट क्षेत्र पर केंद्रित है। इसके अलावा, इसके पाठ्यक्रम में शिपिंग के विभिन्न पहलुओं को भी शामिल किया गया है, जैसे – लाइनर व्यापार, बंदरगाह ऑपरेशन और चार्टिंग, सीमा शुल्क प्रक्रिया, परिवहन और डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | 12वी पास |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 20,000 से 1,50,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | शिपिंग कंपनियां, बंदरगाह, परामर्श एजेंसियां, मल्टीनेशनल कंपनियां , लॉगिस्टिक्स कंपनियां आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | लॉजिस्टिक मैनेजर, सप्लाई चेन प्लानिंग मैनेजर, इन्वेंटरी कंट्रोल मैनेजर, वेयरहाउस मैनेजर आदि। |
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स को भारत के कई विश्वविद्यालयों एंव कॉलेजो द्वारा कराया जाता है जिनमे इच्छुक उम्मीदवार 12वी के बाद एडमिशन ले सकता है। इस कोर्स की फीस भारतीय संस्थानों में 20,000 से 1,50,000 रुपये के बीच है हालंकि ये फीस प्रत्येक संस्थान की एक दुसरे से भिन्न होती है।
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट में बीबीए क्या है? शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है जो उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो पोर्ट्स, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स से संबंधित क्षेत्रों में मैनेजमेंट जिम्मेदारियों के लिए खुद को तैयार करना चाहते हैं। यह कोर्स उम्मीदवारों को समस्याओं को पहचानने और उनको हल करने और बंदरगाहों में लगातार बदलते परिदृश्य में व्यापार की भूमिका को समझने के लिए उनकी क्षमताओं को विकसित करने में सहायता करता है।
यह एक ग्रेजुएशन स्तर का डिग्री कोर्स है जिसकी अवधि 3 वर्ष है और इसे 6 सेमेस्टर में वर्गीकृत किया गया है। यह एक बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स है जो शिपिंग उद्योग की जरूरतों पर आधारित है। यह छात्रों को प्रशिक्षित करता है जिससे वह शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में अपना करियर बना सके।
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स को शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ऐसे प्रोफेशनल्स को तैयार करता है जो उपर्युक्त क्षेत्रों में प्रशासनिक और प्रबंधकीय भूमिका निभा सकते हैं।
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बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज पेपर ने लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट को आगामी फलते-फूलते उद्योग के रूप में नामित किया है क्योंकि लगभग हर कंपनी अपने माल को ग्राहक तक पहुंचाने के लिए शिपिंग एंड पोर्ट पर ही निर्भर है। बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट छात्रों को एक सफल करियर बनाने में मदद करता है।
यह कोर्स पूरा करने पर, उम्मीदवारों को आकर्षक वार्षिक पैकेज मिलते हैं जहां वह 3 से 7 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच कमा सकते हैं।
लॉगिस्टिक्स इंडस्ट्री, बीमा उद्योग, पोर्ट, बैंकिंग और फाइनेंस क्षेत्र, ई-कॉमर्स सहित कई प्रकार के उद्योग हैं जो बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट से ग्रेजुएट छात्रों को नियुक्त करते हैं।
चूंकि लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट एक उभरता हुआ क्षेत्र है, इसलिए इसमें रोजगार के ढेर सारे अवसर हैं। इनमें से कुछ में ऑपरेशंस मैनेजर, शिपिंग कोऑर्डिनेटर, वेयरहाउस सुपरवाइज़र आदि शामिल हैं।
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट : कोर्स के Types
भारत में कुछ ही कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जिनकी मदद से उम्मीदवार अपनी रूचि के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड में बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स करने का विकल्प चुन सकते है, जिसकी विस्तृत जानकारी नीचे दी गयी है :
फुल टाइम बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट : फुल- टाइम बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स दो वर्ष का होता हैं जिसे उम्मीदवार 12वी के बाद विभिन्न संस्थानों की मदद कर सकते है। इस रेगुलर कोर्स में उम्मीदवार को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल के माध्यम से अध्ययन कराया जाता है इसलिए वह छात्र जो रेगुलर मोड़ में पढ़ाई चाहते है वह योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट : भारत में ऐसे भी कुछ विश्वविद्यालय है जो आपको बीबीए डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने का मौका देते है और डिस्टेंस लर्निंग मोड को अक्सर वर्किंग प्रोफेशनल्स द्वारा चुना जाता है क्योंकि इसमें फिजिकल क्लासेस लेने की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए इसे कही भी रहकर किया जा सकता है। इच्छुक उम्मीदवार डिस्टेंस कोर्स में सीधे आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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BBA Shipping & Port Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 उत्तीर्ण (कोई भी स्ट्रीम) या समकक्ष किया होना चाहिए। साथ ही प्रतिष्ठित संस्थानों में छात्रों से 12वी स्तर पर न्यूनतम 50% अंको की मांग की जाती है हालंकि आरक्षित वर्ग के छात्रों को 5% की छूट प्रदान की जाती है।
BBA Shipping & Port Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
भारत में दो तरीके से एडमिशन की प्रक्रिया अपनायी जाती है जिनके अधिकतम विश्वविद्यालय एंव कॉलेज संस्थान योग्यता के आधार ओर एडमिशन की प्रक्रिया को अपनाते है जबकि कुछ शीर्ष संस्थान प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है और उसके प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन: वह छात्र जो शीर्ष भारतीय संस्थान के माध्यम से बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स करना चाहते है, उन्हें सर्वप्रथम प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। क्योंकि संस्थान द्वारा आपके प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन की अनुमति देता है।
योग्यता आधारित एडमिशन: मेरिट के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया अपनाने वाले संस्थान छात्रों 12वी कक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है, जहां पहले छात्र को आवेदन करना होता है और फिर कुछ दिन बाद विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा मेरिट सूची जारी की जाती है जिसमें आधार पर आपके एडमिशन का निर्णय लिया जाता है।
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बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
क्या बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट भविष्य के लिए अच्छा है? बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स को शिपिंग क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। बीबीए शिपिंग एंड पोर्ट मैनेजमेंट कोर्स ग्रेजुएट्स को सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर में नौकरी के विभिन्न अवसर प्रदान करता है।
उम्मीदवार अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद शिपिंग कंपनियां, बंदरगाह, परामर्श एजेंसियां, मल्टीनेशनल, कंपनियां, लॉगिस्टिक्स कंपनियां आदि क्षेत्रो में लॉजिस्टिक मैनेजर, सप्लाई चेन प्लानिंग मैनेजर, इन्वेंटरी कंट्रोल मैनेजर, वेयरहाउस मैनेजर आदि के रूप में काम कर सकते है।
उच्च शिक्षा में रूचि रखने वाले उम्मीदवार ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद संबधित स्पेशलाइजेशन में एमबीए करने का विचार कर सकते है।