MBA Banking कोर्स : एमबीए बैंकिंग या मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन बैंकिंग 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। इस कोर्स का प्राथमिक उद्देश्य इच्छुक छात्रों को विभिन्न बैंकिंग कौशल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना है।
एमबीए बैंकिंग कोर्स करने के बाद कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला औसत वेतन पैकेज 3 लाख से 10 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच है हालंकि वेतन उम्मीदवार के स्किल्स और अनुभव के साथ बढ़ता जाता है। बैंकिंग में एमबीए के बाद नौकरी की भूमिकाओ में मर्चेंट बैंकिंग, एसेट मैनेजर, इन्वेस्टमेंट बैंकर, रिस्क मैनेजर, प्राइवेट बैंकिंग, कंसल्टेंट, कैश मैनेजर, फाइनेंस डायरेक्टर आदि शामिल हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमबीए बैंकिंग |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन बैंकिंग |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 2,00,000 से 10,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 5 से 12 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक, इन्वेस्टमेंट बैंक, एसेट मैनेजमेंट कंपनियां आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | मर्चेंट बैंकिंग, एसेट मैनेजर, इन्वेस्टमेंट बैंकर, रिस्क मैनेजर, प्राइवेट बैंकिंग, कंसल्टेंट, कैश मैनेजर, फाइनेंस डायरेक्टर आदि। |
भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट कॉलेजो में एमबीए बैंकिंग कोर्स के लिए ली जाने बाली औसत फीस लगभग 2,00,000 से 10,00,000 रुपये है। हालंकि प्रत्येक कॉलेज एंव विश्वविद्यालय फीस पूरी तरह से संस्थान पर निर्भर करती है इसलिए एडमिशन से पहले फीस पुष्टि अवश्य कर ले।
एमबीए बैंकिंग कोर्स क्या है?
एमबीए बैंकिंग कोर्स में छात्रों को कई प्रकार के बैंकों जैसे भुगतान बैंक, शहरी सहकारी बैंक, ग्रामीण सहकारी बैंक, छोटे बैंक, वाणिज्यिक बैंक, सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक, विदेशी बैंक, क्षेत्रीय बैंक और कई अन्य में काम करने के अवसर मिल सकते हैं।
बैंकिंग में एमबीए आपको फाइनेंसियल मैनेजमेंट, बैंकिंग ऑपरेशन और इंडस्ट्री नियमों की मजबूत समझ प्रदान कर सकता है। आप इस कोर्स के दौरान रिस्क मैनेजमेंट, फाइनेंसियल एनालिसिस, और स्ट्रेटेजिक योजना जैसे क्षेत्रों में गया हासिल कर सकते है, जो आपको बैंकिंग क्षेत्र में काम करने में मदद करेगा। बैंकिंग में एमबीए के साथ, आप निवेश बैंकिंग, कॉमर्स बैंकिंग, और फाइनेंसियल जैसी भूमिकाएं में करियर शुरू करने के लिए तैयार होंगे।
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एमबीए बैंकिंग कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या मैं बैंकिंग जॉब के बाद एमबीए कर सकता हूं? जी हाँ, यह कोर्स आपको बेकिंग के क्षेत्र में आवश्यक स्किल्स विकसित करने में मदद करता है। इस कोर्स को करने के बाद ऐसी व्यावसायिक रणनीति तैयार करने में सक्षम होंगे जो बैंक के वाणिज्यिक और आर्थिक पक्ष को संतुलित करने में सहायता करती है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बैंक अच्छी तरह से काम करना जारी रखे।
साथ ही यह कोर्स आपको मार्केटिंग में भी मदद करेगा। ज्यादातर समय, बैंक और अन्य संस्थान खुद को बाजार में लाने के लिए संघर्ष करते हैं जो उपभोक्ताओं से जुड़ते हैं। वह इस संघर्ष को कम करने और समस्या को हल करने के लिए एक बैंकिंग और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रखते है।
बैंकिंग क्षेत्र को प्राथमिकता देने का एक महत्वपूर्ण कारण मुख्य रूप से ये है की इस क्षेत्र द्वारा दी जाने वाली नौकरी की सुरक्षा है। बैंकिंग क्षेत्र वर्तमान परिस्थितियों में सर्वोत्तम नौकरी सुरक्षा प्रदान करता है।
बैंकिंग क्षेत्र आपको बेहतरीन वेतन पैकेज प्रदान करता है जिसमें आगे बढ़ने के लिए कई तरह के विकल्प हैं जो और भी आकर्षक हैं। साथ ही एमबीए बैंकिंग प्रोफेशनल्स भारत व विदेश के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट बैंको में नौकरी का अवसर पा सकते है।
एमबीए बैंकिंग कोर्स के Types
एमबीए बैंकिंग डिग्री कोर्स कई लर्निंग मोड में उपलब्ध हैं, जो इस प्रकार है:
फुल-टाइम एमबीए बैंकिंग: यह दो वर्षीय फुल-टाइम एमबीए बैंकिंग कोर्स है जिसे भारत के अधिकतम कॉलेज संस्थान द्वारा कराया जाता है। इसमें उम्मीदवारों को नियमित रूप से कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करना अनिवार्य है इसलिए अगर आप रेगुलर मोड में एडमिशन लेना चाहते है तो आप योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमबीए बैंकिंग: जो छात्र या वर्किंग प्रोफेशनल्स किसी कारणवश कॉलेज नहीं जा सकते है वह डिस्टेंस मोड में एमबीए बैंकिंग का अध्ययन कर सकते हैं, जिसमें उम्मीदवारों को ई-लर्निंग और सेल्फ स्टडी के माध्यम से पढ़ाया जाता है जिससे उम्मीदवार कही भी रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। इसमें इच्छुक उम्मीद सीधे योग्यता के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
ऑनलाइन एमबीए बैंकिंग : भारत के कई विश्वविद्यालय है जो डिजिटल के माध्यम से पढ़ने में रूचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन मोड में एमबीए बैंकिंग कोर्स करने की सुविधा प्रदान करते है। इस लर्निंग मोड में छात्रों को लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से पढ़ाया है जिसमें उम्मीदवार सिर्फ इंटरनेट और मोबाइल या पीसी की मदद से अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है।
एग्जीक्यूटिव एमबीए बैंकिंग: एग्जीक्यूटिव एमबीए बैंकिंग कोर्स उन वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया हैं जो अपनी नौकरी में उच्च पदों पर जाने की इच्छा रखते हैं। एग्जीक्यूटिव एमबीए बैंकिंग कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदकों के पास कम से कम 5 वर्ष का कार्य अनुभव माँगा जाता है, तभी वह एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते है।
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MBA Banking कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमबीए बैंकिंग में एडमिशन के लिए, जो उम्मीदवार एडमिशन पाने के इच्छुक हैं, उन्हें न्यूनतम 45% -50% शैक्षणिक कुल के साथ किसी भी विषय में एक मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री (10 + 2 + 3) पूरी करनी चाहिए। पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए आयु सीमा उस कॉलेज के अधीन है जिसमें छात्र रुचि रखते हैं। आमतौर पर एडमिशन के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है।
MBA Banking कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एडमिशन के लिए न्यूनतम मानदंड सभी कॉलेजों के लिए समान हैं। क्योंकि सभी संस्थानों में योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही एडमिशन प्रक्रिया को अपनाया जाता है। जहां शीर्ष कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय छात्रों को चुनने के लिए विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। कुछ कॉलेज केवल उनके एकादमिक इतिहास के आधार पर छात्रों को एडमिशन देते हैं। सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सीमित संख्या में मैनेजमेंट सीटें हैं जहां वे सीधे छात्रों को एडमिशन देते हैं।
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एमबीए बैंकिंग कोर्स के भविष्य में अवसर
एमबीए इन बैंकिंग कोर्स करने के बाद उच्च अध्ययन के कई विकल्प हैं, जो करियर को बढ़ावा देंगे। जिसके लिए वह बैंकिंग में पीएचडी करने का विचार कर सकते है।
एमबीए बैंकिंग ग्रेजुएट शीर्ष कंपनियों की उच्च मांग के कारण बहुत लोकप्रिय है। एक बार बैंकिंग ग्रेजुएट्स में एमबीए का अनुभव हो जाने के बाद, उनका करियर उन्हें शीर्ष कंपनियों में अग्रणी पदों में नौकरी करने में मदद करता है।
एमबीए बैंकिंग करने के बाद आप निम्न प्रोफाइल में काम कर सकते है:
- मर्चेंट बैंकिंग
- एकाउंटेंट
- एसेट मैनेजर
- इन्वेस्टमेंट बैंकर
- फाइनेंसियल मैनेजर
- ग्राहक कार्यकारी
- कैश मैनेजर
- रिस्क मैनेजर