Ayurvedic Courses after 12th : भारत में इलाज के विभिन्न तरीके उपलब्ध है, लेकिन फिर भी लोगो को बहुत से तरीके के बारे में जानकारी नहीं है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतम लोग जल्दी इलाज के उद्देश्य से अंग्रेजी दवाईयों का सेवन करते है जिससे उन्हें बहुत से साइड इफ़ेक्ट का सामना करना पड़ता है।
लोगो में जैसे – जैसे आयुर्वेदिक के प्रति जागरूकता बढ़ रही है वह आयुर्वेदिक के तरफ रुख कर रहे है क्योंकि आयुर्वेदिक मेडिसिन लोगो को बिना किसी साइड इफेक्ट के इलाज करने में अहम भूमिका निभाती है। इसलिए अगर आप आयुर्वेदिक के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है तो भारत के विभिन्न कॉलेजो द्वारा कराये जाने वाले सर्टिफिकेशन, डिप्लोमा या ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
Ayurvedic Doctor कैसे बने?
प्राचीन काल में आयुर्वेदिक का इस्तेमाल कर ही लोगो का इलाज किया जाता था और तब से आज तक आयुर्वेदिक दिन व दिन लोकप्रिय होता जा रहा है। इसलिए छात्रों के पास यह अच्छा अवसर है कि वह इसमें अपना करियर बनाकर प्राकृतिक तरीके से लोगो का इलाज कर सकते है और अच्छा पैसा भी कमा सकते है।
पिछले कुछ वर्षो में आयुर्वेदा बहुत लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसके कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होते है। इसलिए अगर आप 12वीं के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने का विचार कर रहे है तो ये एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके साथ ही आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने? इस सवाल का विस्तृत जवाब आपको इस लेख में मिल जायेगा।
#1 बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसीन एंड सर्जरी (BAMS)
बीएएमएस का पूरा नाम बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसीन एंड सर्जरी है, बीएएमएस भारत में विभिन्न कॉलेजो और विश्वविधालयों द्वारा आयुर्वेदिक के क्षेत्र में कराया जाने बाला सबसे लोकप्रिय कोर्सेस में से एक है। इस कोर्स की अवधि 5.5 वर्ष है जिसमें 1 वर्ष की इंटर्नशिप भी शामिल है।
जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, यह कोर्स छात्रों को आयुर्वेदिक के विभिन्न टॉपिक के बारे में सिखाता है, इन टॉपिक में टॉक्सिकोलॉजी, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, गायनोकोलॉजी, फिजियोलॉजी, मेडिसिन के सिद्धांत, और सर्जरी के सिद्धांत आदि टॉपिक शामिल है।
शैक्षिक योग्यता : बीएएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 4.5 + 1 वर्ष की इंटरशिप
शीर्ष इंस्टिट्यूट : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय – बनारस, तिलक आयुर्वेद महाविद्यालय – पुणे, जेएसएस आयुर्वेदा मेडिकल कॉलेज – मैसूर आदि।
#2 बीफार्मा (आयुर्वेदा)
आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दोनों फार्मा के ही क्षेत्र है, भारत में अलग – अलग लोगो के द्वारा एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेदा को आयुर्वेदिक साइंस के रूप में जाना जाता है क्योंकि आयुर्वेदा को पिछले 5000 वर्षो से लोगो का प्राकृतिक रूप से इलाज करने में इस्तेमाल किया जा रहा है।
आयुर्वेदिक का भारत में बहुत स्कोप है, इसलिए आप आयुर्वेदा में बीफार्मा कोर्स कर अपना करियर बना सकते है। बीफार्मा आयुर्वेदा कोर्स में आयुर्वेदा थेरपि और आयुर्वेदिक मेडिसिन शामिल है।
शैक्षिक योग्यता : बीफार्मा कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ 12वी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 4 वर्ष
शीर्ष इंस्टिट्यूट : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय – बनारस, गुजरात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय – जामनगर, एमवीआर आयुर्वेदा मेडिकल कॉलेज – कन्नूर आदि।
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#3 बीएससी नर्सिंग (आयुर्वेदा)
बीएससी नर्सिंग आयुर्वेदा कोर्स में छात्रों को थेरोटिकल और प्रैक्टिकल के माध्यम से आयुर्वेदिक नर्सिंग के बारे सिखाया जाता है। वह उम्मीदवार जो बिना नीट परीक्षा दिए ही आयुर्वेदिक कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है वह बीएससी नर्सिंग आयुर्वेदा कोर्स कर सकते है।
बीएससी नर्सिंग आयुर्वेदा कोर्स में एनाटोमी और फिजियोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को कवर किया जाता है। इसलिए वह उम्मीदवार जो भारत की विभिन्न सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करना चाहते है उनके लिए यह एक बेहतर विकल्प है।
शैक्षिक योग्यता : बीएससी नर्सिंग आयुर्वेदा कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने साइंस स्ट्रीम (पीसीबी) के साथ 12वी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 3 से 4 वर्ष
शीर्ष इंस्टिट्यूट : माधव विश्वविद्यालय – सिरोही, एमवीआर आयुर्वेदा मेडिकल कॉलेज – कन्नूर आदि।
#4 डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस
आयुर्वेदा के क्षेत्र में पढ़ाई करने के लिए आपके पास डिप्लोमा कोर्स का भी विकल्प है जिसके माध्यम से आप कम समय में ही प्रैक्टिकल ज्ञान हासिल कर सकते है। इस कोर्स में छात्रों को योगा और और नेचुरोपैथी से संबधित विभिन्न टॉपिक के बारे में पढ़ाया जाता है।
डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस कोर्स में भी एडमिशन लेने के लिए छात्रों को नीट प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है।
योगा एक फिजिकल, मेन्टल और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो मुनष्य को फोकस और स्ट्रेस फ्री जिंदगी जीने में मदद करता है। इस कोर्स को वह उम्मीदवार कर सकते है जो कम समय में ही आयुर्वेदिक और योगिक साइंस को समझ कर इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है।
शैक्षिक योग्यता : डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस कोर्स में एडमिशन के लिए साइंस स्ट्रीम (पीसीबी) के साथ 12वी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 1 वर्ष
शीर्ष इंस्टिट्यूट : भारती विद्यापीठ – पुणे, श्री गुरु गोविन्द सिंह त्रिसेन्टेनरी विश्वविद्यालय – गुरगांव आदि।
#5 सर्टिफिकेट इन नेचुरोपैथी
नेचुरोपैथी प्रोफेशनल रोगी के लक्षणों, मनुष्य व्यवहारों आदि का समझकर उनके लिए बेहतर उपचार प्रदान करने की अहम भूमिका निभाते है। आयुर्वेदिक के क्षेत्र ने रूचि रखने वाले छात्रों के लिए सर्टिफिकेशन कोर्स भी एक अच्छा विंकप है जिसमें छात्रों को कम समय में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
भारत के विभिन्न इंस्टीट्यट है जिनके माध्यम से आप 12वी के बाद आयुर्वेदिक में सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते है। इस कोर्स की अवधि 6 माह से एक वर्ष के बीच होती है इसलिए आप बहुत कम समय देकर प्रैक्टिकल नेचुरोपैथी को समझ सकते है।
शैक्षिक योग्यता : सर्टिफिकेट इन नेचुरोपैथी कोर्स में एडमिशन के लिए किसी भी स्ट्रीम में 50% अंको के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 6 माह से 1 वर्ष
शीर्ष इंस्टिट्यूट : उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज – देहरादून, अल्टरनेटिव मेडिकल इंस्टिट्यूट – आगरा आदि।
#5 सर्टिफिकेट इन पंचकर्मा
पंचकर्मा एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब है कि यह रोग, खराब आहार, और पर्यावरण प्रदूषकों द्वारा छोड़े गए विषाक्त पदार्थों से शरीर की सफाई को करने की भूमिका निभाता है। इन सर्टिफिकेशन कोर्स को आप बिना किसी प्रवेश परीक्षा में भाग लिए कर सकते है, जो आपको आयुर्वेदिक के क्षेत्र में गहरी समझ विकसित करने के मदद करते है।
यह सर्टिफिकेशन कोर्स करने के बाद आप आयुर्वेदिक क्षेत्र में नौकरी का अवसर भी पा सकते है।
शैक्षिक योग्यता : सर्टिफिकेट इन नेचुरोपैथी कोर्स में एडमिशन के लिए किसी भी स्ट्रीम में 50% अंको के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
कोर्स अवधि : 6 माह से 1 वर्ष
शीर्ष इंस्टिट्यूट : गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय – जामनगर, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज – देहरादून आदि।
आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने?
आयुर्वेदिक दवाइयों की उत्पत्ति भारत से ही हुई थी और प्राचीन काल से अभी तक लोगो को इलाज प्राकृतिक रूप से करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसलिए आयुर्वेदिक के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है तो आप भारत के विभिन्न कॉलेज के माध्यम से आयुर्वेदिक की पढ़ाई शुरू कर सकते है। आयुर्वेदिक की पढ़ाई के मामले में भारत सबसे अच्छा स्थान है जहां से आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने की यात्रा शुरू की जा सकती है।
एक आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए आप भारत के विभिन्न कॉलेज के माध्यम से आयुर्वेदिक में डिप्लोमा या ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते है। इसके अलावा आप विभिन्न ऑनलाइन वेबसाइट के ऑनलाइन आयुर्वेदिक कोर्स कर सकते है जिससे आप कुछ घंटे देकर आयुर्वेदिक का ज्ञान हासिल कर सकते है।
आयुर्वेदिक कोर्स पूरा करने के बाद किसी आयुर्वेदिक क्लिनिक या अस्पताल के साथ अपने करियर की शुरुआत कर सकते है या फिर आप अपना खुद का क्लिनिक भी शुरू कर सकते है।
आयुर्वेदा का भविष्य में स्कोप
आज के समय में आयुर्वेदा डॉक्टर्स की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रहे है, और भविष्य में यह डिमांड और भी तेजी से बढ़ने वाली है क्योंकि लोग अव धीरे – धीरे अंगेजी दवाईयों के साइड इफ़ेक्ट समझ रहे है और आयुर्वेदिक दवाईयों की ओर अग्रसर हो रहे है।
आयुर्वेदा डॉक्टर सिर्फ भारत में ही विदेशो में भी अपना करियर बना सकता है। इसके साथ ही आयर्वेद कोर्स पूरा करने के बाद अच्छे पैकेज पर आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में काम शुरू कर सकते है।
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भारत के शीर्ष आयुर्वेदा कॉलेज
यहां आपको भारत के कुछ प्रतिष्ठित कॉलेज की सूची दी गयी है जिनके माध्यम से आप आयुर्वेदा कोर्स कर सकते है:
- नेशनल इंस्टीट्यट ऑफ़ आयुर्वेदा, जयपुर
- गुजरात आयुर्वेदा विश्वविद्यालय, जामनगर
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारसी
- जेबी रॉय स्टेट मेडिकल कॉलेज, कोलकाता
- श्री आयुर्वेदा महाविद्यालय, नागपुर
Ayurvedic Courses after 12th : सर्वाधिक पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न : क्या आयुर्वेदा एक अच्छा करियर विकल्प है?
उत्तर : अगर आप बीएएमएस कोर्स करते है और सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में नौकरी पा लेते है तो आप एमबीबीएस डिग्री धारक के बराबर वेतन पा सकते है इसके साथ ही प्राइवेट अस्पताल में भी बेहतर पैकेज के साथ नौकरी का अवसर दिया जाता है। इसके अलावा डिप्लोमा और सर्टिकेशन कोर्स करने के बाद भी नौकरी का अवसर पा सकते है इसलिए यह एक अच्छा विकल्प है।
प्रश्न : क्या आयुर्वेदा कोर्स में एडमिशन लेने के लिए 12वी में साइंस स्ट्रीम (पीसीबी) होना अनिवार्य है?
उत्तर : जी हाँ, किसी भी आयुर्वेदा कोर्स में एडमिशन के लिए 12वी में साइंस स्ट्रीम (पीसीबी) होना अनिवार्य है लेकिन आप पीसीबी स्ट्रीम के साथ सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते है।
प्रश्न : क्या बीएएमएस कोर्स के बाद एमएस / एमडी कोर्स किया जा सकता है?
उत्तर : जी हाँ, आप बीएएमएस कोर्स पूरा करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए एमएस या एमडी करने का विकल्प चुन सकते है और आयुर्वेदिक के बारे में गहरी समझ विकसित कर सकते है।
प्रश्न: 12वीं के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने?
उत्तर: 12वीं के बाद आप बिना नीट की परीक्षा में शामिल हुए आयुर्वेदिक कोर्स कर सकते है, जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा और योगिक विज्ञान के सिद्धांतों को संयोजित किया जाता है। इसमें PCB के साथ 12वीं के बाद विभिन्न यूजी स्तर पर आयुर्वेदिक कोर्स कर सकते है।