बीए आर्कियोलॉजी कोर्स: बीए आर्कियोलॉजी एक 3-वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम है जिसमें छात्र भौतिक संस्कृति को पुनर्प्राप्त और विश्लेषण करके मानव गतिविधियों का अध्ययन करते हैं। बीए आर्कियोलॉजी डिग्री कोर्स में छात्रों को प्रागैतिहासिक समाजों के बारे में पढ़ाया जाता है। इसलिए अगर आप पुराणी सभ्यता आदि की खोज आदि में रूचि रखते है तो आप इसे करने का विचार कर सकते है।
बीए आर्कियोलॉजी एक ऐसा कोर्स है भारत के विभिन्न कॉलेज यूजी, पीजी एंव डॉक्ट्रेट स्तर पर कराते है हालाँकि इच्छुक उम्मीदवार ऑफलाइन या ऑनलाइन मोड सर्टिफिकेशन या डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते है।
जिन छात्रों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण की है, वह इस 3-वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स के लिए आवेदन करने के योग्य हैं। भारत में कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेज एंव विश्वविद्यालय हैं जहां से इच्छुक छात्र आर्कियोलॉजी में बीए कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।
बीए Archeology कोर्स: पूरी जानकारी
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीए आर्कियोलॉजी |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन आर्कियोलॉजी |
बीए आर्कियोलॉजी अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट |
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स फीस | 30,000 से 1,50,000 |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | रक्षा सेवा, विदेश मंत्रालय, भारतीय आर्कियोलॉजी सर्वेक्षण (एएसआई) आदि |
नौकरी प्रोफाइल | पुरातत्वविद्, विरासत प्रबंधक, ऐतिहासिक भवन निरीक्षक, संग्रहालय क्यूरेटर, प्रोफेसर आदि |
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स क्या है?
बीए आर्कियोलॉजी में डिग्री कोर्स छात्रों को ऐतिहासिक स्थलों पर काम करने के तरीके, स्मारकों को पुनर्स्थापित करने और देश के प्राचीन इतिहास की खोज करने के तरीके के बारे में सिखाता है। एक व्यक्ति जो प्राचीन अवशेषों और संस्कृति के बारे में अध्ययन करता है उसे आर्कियोलॉजीविद् कहा जाता है।
आर्कियोलॉजी एक ऐसी गतिविधि है जिसमें पिछले मानव समाजों द्वारा विकसित सामग्री की जांच शामिल है। बीए आर्कियोलॉजी कोर्स का प्राथमिक उद्देश्य ऐतिहासिक स्थलों के सर्वेक्षण, पहचान और उत्खनन के माध्यम से पिछली मानव संस्कृतियों का अध्ययन करना है। आर्कियोलॉजी एक बेहतर विकल्प है क्योंकि यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करता है।
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स एक छात्र को मानव जाति की ऐतिहासिक सामग्री की खोज, व्याख्या और आरक्षित करने का तरीका सिखाता है। यह पाठ्यक्रम उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो मानवता के अतीत के बारे में जानने के इच्छुक हैं और जांच करने, सीखने और खोजने में रूचि रखते हैं।
ये भी पढ़े : बीए मनोविज्ञान कोर्स
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
कोई भी उम्मीदवार जो पुरातत्व यानि आर्कियोलॉजी के बारे में गहन अध्ययन करना चाहता है वह सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एंव ग्रेजुएशन स्तर पर आर्कियोलॉजी की पढ़ाई कर सकता है। इसके अलावा ग्रेजुएशन स्तर पर इसे करने के विभिन्न फायदे है जो इस प्रकार है:
आर्कियोलॉजी कोर्स में थेओरिटिकल और वैज्ञानिक अवधारणाओं को पढ़ाया जाता है। उम्मीदवार एक निश्चित समस्या को समझने के लिए उन अवधारणाओं का उपयोग करना सीखते हैं।
पूरी दुनिया में आर्कियोलॉजी को सर्वश्रेष्ठ विज्ञान-आधारित नौकरियों में से एक माना जाता है। यही कारण है कि एक आर्कियोलॉजीविद् हर जगह अपनी गहन खोज के लिए खोज के लिए जाने जाते है।
आर्कियोलॉजिस्ट बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है? वर्तमान में, आर्कियोलॉजी ग्रेजुएशन कोर्स उम्मीदवारों को अक्सर अपनी बैचलर डिग्री पूरी करने के बाद विभिन्न सरकारी और प्राइवेट संगठनों में नौकरी पा सकते है या फिर उच्च शिक्षा के लिए आर्कियोलॉजी में मास्टर करने का विकल्प चुन सकते है।
बीए आर्कियोलॉजी Course: कोर्स के Types
भारत में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालय एंव कॉलेज रेगुलर एंव डिस्टेंस मोड में बीए आर्कियोलॉजी कोर्स कराते है। लेकिन अभी भारत में कोई भी विश्वविद्यालय बीए आर्कियोलॉजी कोर्स को ऑनलाइन मोड में नहीं कराता है इसलिए हम रेगुलर एंव डिस्टेंस मोड के बारे में समझते है:
बीए आर्कियोलॉजी रेगुलर एजुकेशन : भारत में अधिकतर विश्वविद्यालय एंव कॉलेज संस्थान रेगूगर मोड के माध्यम से ही छात्रों को बीए आर्कियोलॉजी कोर्स की पढ़ाई कराते है। छात्र इन संस्थानों में प्रवेश परीक्षा या 12वी के अंको पर आधारित मेरिट के आधार पर एडमिशन ले सकते है। रेगुलर कोर्स में छात्रों को फिजिकल क्लासेस, असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाया जाता है।
बीए आर्कियोलॉजी डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ ही विश्वविद्यालय है जिसे अधिकतम वर्किंग प्रोफेशनल्स के द्वारा किया जाता है। डिस्टेंस बीए आर्कियोलॉजी कोर्स में कोई भी उम्मीदवार 12वी के बाद एडमिशन ले सकते है। डिस्टेंस मोड में उम्मीदवार कभी भी और कही भी रहकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है। डिस्टेंस बीए आर्कियोलॉजी कोर्स की कुल फीस 10,000 से 50,000 रुपये है।
ये भी पढ़े : बीए समाज शास्त्र कोर्स
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स: न्यूनतम योग्यता
अगर आप बीए आर्कियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने की सोच रहे है तो आपको नीचे दी गयी आवश्यक योग्यता को पूरा करना होगा, तभी आप इस कोर्स में एडमिशन ले सकते है:
- कौन कर सकता है बीए पुरातत्वशास्त्र? बीए आर्कियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
- आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के उम्मीदवार बीए आर्कियोलॉजी कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- कुछ विश्वविद्यालय आरक्षित छात्रों को 5% तक की छूट प्रदान करते है जिससे आरक्षित वर्ग के छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिल सके।
- कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान किए जाने वाले आर्कियोलॉजी कोर्स में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में योग्यता के आधार पर एडमिशन किया जाता है।
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स एडमिशन प्रक्रिया
बीए आर्कियोलॉजी में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय एंव कॉलेज मेरिट आधारित सिस्टम की प्रक्रिया अपनाते है। जबकि अधिकतर कॉलेज एंव विश्वविद्यालय आपको सीधे आवेदन कर एडमिशन की अनुमति है।
वह कॉलेज एंव विश्वविद्यालय जो मेरिट के आधार पर छात्रों को एडमिशन की अनुमति देते है, उनमें छात्रों के 12वी के अंको के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसके अलावा अधिकतम संस्थानों में आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से आवेदन कर सीधे एडमिशन ले सकते है।
ये भी पढ़े : बीए इतिहास कोर्स
बीए Archeology कोर्स फीस
बीए आर्कियोलॉजी दो वर्षीय ग्रेजुएशन स्तर का कोर्स है, जिसे आप भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों एंव कॉलेज की मदद से 15 से 60 हजार रूपये में पूरा कर सकते है। हालंकि प्रत्येक संस्थान की फीस एक दुसरे से पूरी तरह भिन्न होती है। इसलिए किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले फीस के जांच कर ले।
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
बीए आर्कियोलॉजी कोर्स करने के बाद संग्रहालयों, स्थानीय सरकारी कार्यालयों, विभिन्न एजेंसियों आदि में आर्कियोलॉजीविदों के लिए विभिन्न प्रकार के नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप पढ़ाई के दौरान किस तरह के स्किल्स को विकसित करते हैं, और आप इसे अभ्यास में कितना लागू कर पाते हैं। नौकरियां बहुत हैं, लेकिन वर्तमान कार्यबल क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह अनुमान लगाया गया है कि कुशल आर्कियोलॉजीविदों की मांग आने वाले समय में और भी अधिकतम बढ़ने वाली है।
प्राचीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के नाते, आर्कियोलॉजी के अध्ययन का बहुत महत्व है। इस क्षेत्र में एक ग्रेजुएशन कोर्स करके, एक उम्मीदवार उच्च मांग वाली नौकरी पा सकता है। भारत में, आर्कियोलॉजीविद ज्यादातर रक्षा सेवा, विदेश मंत्रालय, भारतीय आर्कियोलॉजी सर्वेक्षण (एएसआई), आदि में कार्यरत हैं।