BSc Microbiology कोर्स : बीएससी माइक्रोबायोलॉजी 3 साल ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें छात्रों को सूक्ष्मजीवों और मानव शरीर पर उनके प्रभाव का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है साथ ही मनुष्यों में रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों पर बहुत ध्यान दिया जाता है। इस कोर्स में विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया के बारे में जानकारी दी जाती है और ये भी सिखाया जाता है कि वह मानव कोशिकाओं में कैसे काम करते हैं।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी, जिसे बैचलर ऑफ़ साइंस इन माइक्रोबायोलॉजी के नाम से भी जाना जाता है। यह कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर जैसे कि मेडिसिन, फार्मेसी, कृषि, फ़ूड इंडस्ट्री, रिसर्च एंव पर्यावरण आदि क्षेत्र में काम कर सकते है।
प्रत्येक वर्ष, माइक्रोबायोलॉजिस्ट की मांग 3% की दर से बढ़ रही है। पिछले साल, महामारी की शुरुआत के साथ माइक्रोबायोलॉजिस्ट की मांग 32.13% तक बढ़ गईं है इसलिए अगर आपने इस कोर्स को चुना है तो ये एक अच्छा विकल्प है।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीएससी माइक्रोबायोलॉजी |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ़ साइंस इन माइक्रोबायोलॉजी |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 + साइंस स्ट्रीम |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 1,50,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट, सेल बायोलॉजिस्ट, वायरोलॉजिस्ट, माइकोलॉजिस्ट आदि |
भारत में शीर्ष माइक्रोबायोलॉजी कॉलेजों एंव विश्वविद्यालयों में कोर्स की फीस 30,000 से 1,50,000 रुपये तक है। इस कोर्स के सिलेबस में मॉलिक्यूलर इकोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, एंजाइम टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी आदि शामिल हैं।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स क्या है?
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी क्या होता है? बैचलर ऑफ साइंस इन माइक्रोबायोलॉजी, जिसे बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है, यह तीन साल का एक ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जो बैक्टीरिया, वायरस, कवक, प्रोटोजोआ आदि जैसे सूक्ष्मजीवों के अध्ययन और रिसर्च और मानव शरीर पर उनके प्रभाव से संबंधित है। एडमिशन के लिए योग्य होने के लिए उम्मीदवारों को अनिवार्य विषयों के रूप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (पीसीबी) के साथ किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से कक्षा 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यह कोर्स देश भर में स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों में रेगुलर और डिस्टेंस मोड में प्रदान किया जाता है।
इस कोर्स में एडमिशन अधिकांश शीर्ष कॉलेज या तो योग्यता के आधार पर या सीयूईटी और एलपीयूएनईएसटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन प्रदान करते हैं। कोर्स को कराने वाले कुछ सबसे लोकप्रिय कॉलेज में शामिल सेंट जेवियर्स कॉलेज, जय हिंद कॉलेज, रामनारायण रुइया स्वायत्त कॉलेज, किशनचंद चेलाराम कॉलेज आदि हैं।
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बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
भारतीय छात्रों के बीच बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स की अत्यधिक मांग है। छात्रों को बीएससी माइक्रोबायोलॉजी डिग्री कोर्स क्यों चुनना चाहिए, इसके कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं।
विभिन्न अवसर :- बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स को करने के बाद नौकरी के अवसर कई उद्योगों में फैले हुए हैं, इसलिए उम्मीदवारों को इस कोर्स का अध्ययन करना चाहिए। क्योंकि वह माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट, सेल बायोलॉजिस्ट, वायरोलॉजिस्ट, माइकोलॉजिस्ट और कई अन्य के रूप में काम करने का अवसर पा सकते है।
उच्च शिक्षा :- उम्मीदवार ग्रेजुएशन करने के बाद एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, एमएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, एमएससी माइक्रोबियल जेनेटिक्स और बायोइनफॉरमैटिक्स, एमएससी इन एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी आदि जैसे मास्टर कोर्स करने का विकल्प चुन सकते हैं। इसके साथ ही उम्मीदवार पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी करने का विकल्प भी चुन सकते है जिसे सबसे उच्च दर्जे की डिग्री की रूप में जाना जाता है।
वेतन :- बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के विभिन्न फायदों में से ये एक भी एक फायदा है कि इसमें उच्च वेतन प्राप्त होता हैं। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स पूरा करने के तुरंत बाद एक फ्रेशर को औसतन 3 लाख से 5 लाख प्रति वर्ष का वेतन मिलता है।
BSc Microbiology : कोर्स के Types
भारत में बहुत से वर्किंग प्रोफेशनल्स है जो समय की कमी के कारण रेगुलर कोर्स में एडमिशन नहीं ले पाते है, इन्ही सभी बजह से कुछ विश्वविधालय बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स को रेगुलर मोड के अलावा डिस्टेंस मोड में भी करने की सुविधा देते है।
फुल टाइम बीएससी माइक्रोबायोलॉजी : बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स को भारत के ज्यादातर कॉलेज एंव विश्वविद्यालयो द्वारा रेगुलर मोड में कराया जाता है। जिसमें कोई भी उम्मीदवार जिसने एक मान्यता प्राप्त बोर्ड साइंस स्ट्रीम के साथ 12वी पास कर लिया है वह एडमिशन के लिए आवेदन कर सकता है। इसमें छात्र मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन सकते है।
डिस्टेंस बीएससी माइक्रोबायोलॉजी : कुछ विश्वविधालयों द्वारा वर्किंग प्रोफेशनल्स को उनकी उनकी समय की कमी को नजर में रखते हुए डिस्टेंस मोड में बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने की सुविधा दी जाती है जिसमें उम्मीदवार 12वी के बाद सीधे एडमिशन ले सकता है और इस डिस्टेंस कोर्स को इच्छुक उम्मीदवार लगभग 25,000 से 1,20,000 रूपये में पूरा कर सकते है।
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BSc Microbiology कोर्स : न्यूनतम योग्यता
उम्मीदवार को पहले से एडमिशन की योजना बनाने से पहले बीएससी माइक्रोबायोलॉजी डिग्री कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में एडमिशन पाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी न्यूनतम योग्यता इस प्रकार है:
- उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
- उम्मीदवार ने 12वीं कक्षा में मुख्य विषयों के रूप में गणित और भौतिकी के साथ-साथ रसायन विज्ञान/जीव विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी/कंप्यूटर विज्ञान के रूप में वैकल्पिक विषयों में से एक का अध्ययन किया होना अनिवार्य है।
- साथ ही उम्मीदवार से 12वी स्तर पर न्यूनतम 40% अंको की मांग की जाती है हालंकि आरक्षित श्रेणी से संबधित उम्मीदवारों को आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
BSc Microbiology कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
भारत में अधिकांश संस्थान और विश्वविद्यालय बीएससी माइक्रोबायोलॉजी एडमिशन के लिए योग्यता-आधारित एडमिशन प्रक्रिया का पालन करते हैं। जिसमें 12वी परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को ध्यान में रखा जाता है। फिर योग्य उम्मीदवारों को सीटें आवंटित की जाती हैं। हालंकि कुछ शीर्ष कॉलेज प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन प्रदान करते हैं जिसमें छात्रों को परीक्षा में आवेदन कर उसे उत्तीर्ण करना होता है उसके बाद वह एडमिशन के लिए योग्य माने जाते है।
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बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद हम क्या बन सकते हैं? बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले उम्मीदवार विभिन्न प्रकार के करियर चुन सकते हैं। माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी की सहायता से छात्र माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट, वायरोलॉजिस्ट आदि के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र का दायरा भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करने की उम्मीद है।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी विभिन्न प्रकार के आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है जिसमें से आप अपने स्किल और रुचि के क्षेत्रों के आधार पर चयन कर सकते हैं। आपके पास अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने या एक अच्छी नौकरी खोजने का विकल्प है। यह पूरी तरह आप पर निर्भर है कि आप इस कोर्स को पूरा करने के बाद काम करना चाहते हैं या अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं।
FAQs
प्रश्न: BSc माइक्रोबायोलॉजी क्या है?
उत्तर: BSc माइक्रोबायोलॉजी एक ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसमें माइक्रोऑर्गेनिज्मों, जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और प्रोटोजोआ, का अध्ययन किया जाता है। यह जीवविज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है जो संचारन, स्वास्थ्य, और उद्योग में व्यापक उपयोग की जाती है।
प्रश्न: BSc माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
उत्तर: BSc माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन के लिए आम तौर पर 10+2 स्तर की पढ़ाई के साथ विज्ञान (Science) विषय की प्रारंभिक शिक्षा होनी चाहिए। छात्रों को रसायनशास्त्र (Chemistry), जीवविज्ञान (Biology), और भौतिकी (Physics) के विषय में अच्छा ज्ञान रखना उपयुक्त होता है।
प्रश्न: BSc माइक्रोबायोलॉजी के बाद करियर के क्या विकल्प हैं?
उत्तर: BSc माइक्रोबायोलॉजी के बाद आप विभिन्न क्षेत्रों में करियर विकल्प चुन सकते हैं। आप रिसर्च एसिस्टेंट, प्रयोगशाला तकनीशियन, गुणवत्ता नियंत्रण विश्लेषक, या बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल, और खाद्य उद्योग में काम कर सकते हैं।
प्रश्न: BSc माइक्रोबायोलॉजी के द्वारा कौन-कौन से प्रयोग किए जाते हैं?
उत्तर: BSc माइक्रोबायोलॉजी के दौरान छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रयोग करवाए जाते हैं जैसे कि माइक्रोऑर्गेनिज्मों का विकास करना, उनकी संरचना का अध्ययन करना, उनकी संख्या का मापन करना, और उनके विशिष्ट गुणों का परीक्षण करना।
प्रश्न: BSc माइक्रोबायोलॉजी के बाद क्या स्पेशलाइजेशन के लिए विकल्प होता है?
उत्तर: BSc माइक्रोबायोलॉजी के बाद आप स्पेशलाइजेशन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में चयन कर सकते हैं जैसे कि मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, पर्यावरण माइक्रोबायोलॉजी, आदि। यह आपके रुचि और करियर के लक्ष्यों के आधार पर निर्भर करता है।