BSc Non Medical कोर्स : बैचलर ऑफ साइंस इन नॉन-मेडिकल या बीएससी नॉन-मेडिकल एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। यह 3 साल की अवधि का कोर्स है और यह कोर्स मुख्य रूप से 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए ही है। इस कोर्स में, जो छात्र अपनी हायर सेकेंडरी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, वह इस कोर्स को करने का विचार सकते है। यह कोर्स कंप्यूटर एप्लीकेशन और सेवाओं के बारे अध्ययन कराता है। इस नॉन-मेडिकल कोर्स में मुख्य आधार कंप्यूटर सिस्टम का तकनीकी ज्ञान है।
इस कोर्स का उद्देश्य उन प्रोफेशनल्स और शोधकर्ताओं को तैयार करना है जिनकी आजकल दुनिया भर में हर क्षेत्र में जरूरत है। विज्ञान और गणित विषय में मजबूत आधार रखने वाले छात्र इस कोर्स के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इस कोर्स में, आप पर्यावरण विज्ञान और स्वास्थ्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल, सूक्ष्म जीव विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग आदि जैसे विषयों का अध्ययन करेंगे।
डिग्री | ग्रेजुएशन |
कोर्स | बीएससी नॉन-मेडिकल |
कोर्स का पूरा नाम | बैचलर ऑफ साइंस इन नॉन-मेडिकल |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | 10+2 + साइंस स्ट्रीम |
आयु | न्यूनतम 17 वर्ष |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 20,000 से 5,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4 से 10 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | कंप्यूटर एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट और अकाउंटेंट सहायक, कंप्यूटर सिस्टम एनालिस्ट, एप्लीकेशन डेवलपर, कंप्यूटर प्रोग्रामर, आदि। |
बैचलर ऑफ साइंस इन नॉन-मेडिकल (B.Sc.) के कोर्स की औसत फीस 20,000 से 5,00,000 रुपये के बीच है। बीएससी नॉन-मेडिकल के अलावा कोई भी छात्र फिजिक्स में बीएससी, केमिस्ट्री में बीएससी, गणित में बीएससी, बायोलॉजी में बीएससी जैसे अन्य कोर्स चुन सकता है।
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स क्या है?
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स की अवधि तीन वर्ष है जो कंप्यूटर एप्लीकेशन और सेवाओं से संबंधित विषयों से संबंधित है। बीएससी नॉन-मेडिकल कंप्यूटर सिस्टम एंव एप्लीकेशन से संबंधित अध्ययन पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को कंप्यूटर अनुप्रयोग और सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना और उन्हें उसमें कुशल बनाना है। बीएससी नॉन-मेडिकल ग्रेजुएट्स के पास इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर विकास, रिसर्च और कई अन्य संगठनों में नौकरी के व्यापक अवसर हैं।
वह छात्र जिनका विज्ञान और गणित विषय में मजबूत पकड़ वह इस कोर्स के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। इस कोर्स में, छात्र पर्यावरण विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल, सूक्ष्म जीव विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग आदि विषयों के बारे में विस्तृत ज्ञान हासिल करेंगे।
कोर्स पूरा करने के बाद बीएससी नॉन-मेडिकल के लिए नौकरी का दायरा बहुत बड़ा है। वह लेक्चरर, केमिस्ट, साइटोलॉजिस्ट, लेबोरेटरी, सॉफ्टवेयर डेवलपर, कंसल्टेंट आदि के रूप में काम कर सकते है।
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बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स क्यों करना चाहिए?
बीएससी नॉन मेडिकल के क्या फायदे हैं? बैचलर ऑफ साइंस इन नॉन-मेडिकल 3 साल की अवधि के लिए एक ग्रेजुएशन कोर्स है। इस कोर्स में छात्र कई नई चीजें सीखता है साथ ही इस कोर्स के कुछ लाभ भी है जो इस प्रकार हैं:
इस कोर्स में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित व्यापक विषय है जिनके बारे में छात्रों को विस्तारपूर्वक पढ़ाया जाता है।
इस कोर्स को करने के बाद छात्र विभिन्न स्किल्स और अनुभव विकसित करते हैं। इस कोर्स के दौरान छात्र अवलोकन स्किल, समस्या समाधान स्किल, रिसर्च स्किल, वैज्ञानिक स्किल, विश्लेषणात्मक स्किल, प्रयोगात्मक स्किल और तार्किक स्किल भी विकसित करते है।
बीसी नॉन-मेडिकल ग्रेजुएट्स Google, Wipro, Yahoo, Apollo, Tata Chemicals, आदि जैसी कंपनियों में नौकरी के विभिन्न अवसर पा सकते हैं। जहां वह 4 से 10 लाख के बीच औसत वेतन की उम्मीद कर सकते है।
BSc Non Medical : कोर्स के Types
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में उम्मीदवार विभिन्न विश्वविद्यालयों की मदद से अपनी जीवनशैली और रूचि के अनुसार डिस्टेंस एंव रेगुलर मोड़ में पढ़ाई कर सकते है।
बीएससी नॉन-मेडिकल रेगुलर एजुकेशन : बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स को उम्मीदवार भारत के हजारो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की मदद से रेगुलर मोड में कर सकते है। रेगुलर मोड में छात्रों को रोजाना कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करनी होती है। रेगुलर मोड में बीएससी नॉन-मेडिकल उम्मीदवार साइंस स्ट्रीम के साथ 12वी पूरी करने के बाद मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले आवेदन सकते है।
बीएससी नॉन-मेडिकल डिस्टेंस एजुकेशन : कुछ भारतीय विश्वविद्यालय है जो छात्रों एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स को बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स डिस्टेंस मोड में करने अनुमति देते हैं। डिस्टेंस मोड़ में उम्मीदवार अपने घर पर रहकर या नौकरी के साथ ई – लर्निंग, स्टडी मटेरियल, ऑनलाइन असाइनमेंट आदि के माध्यम से पढ़ाई कर सकते है। इस डिस्टेंस कोर्स को इच्छुक उम्मीदवार सीधे ही आवेदन कर साइंस स्ट्रीम के साथ 12वी के बाद एडमिशन ले सकते है।
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BSc Non Medical कोर्स : न्यूनतम योग्यता
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में एडमिशन पाने के लिए छात्रों को निम्नलिखित एडमिशन योग्यताओं को पूरा करना अनिवार्य है।
- उम्मीदवार ने साइंस स्ट्रीम में किसी मान्यता प्राप्त परीक्षा बोर्ड से 12वी या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की होनी चाहिए।
- छात्रों के पास भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित उनके मुख्य विषय के रूप में होने चाहिए।
- बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों से 12वी स्तर पर 40% अंको की मांग की जाती है। साथ ही एसटी / एससी वर्ग के छात्रों को कुछ संस्थानों द्वारा आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
BSc Non Medical कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) नॉन-मेडिकल कोर्स 3 साल का कोर्स है जो मुख्य रूप से कंप्यूटर सिस्टम, कंप्यूटर एप्लिकेशन और सेवाओं के बारे में केंद्रित है। यह कोर्स कई मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित कॉलेजों द्वारा पेश किया जाता है। इन कॉलेजों में से किसी एक में एडमिशन पाना प्रतियोगिता के कारण बहुत कठिन है लेकिन एडमिशन प्रक्रिया बहुत सरल है। विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया भिन्न हो सकती है।
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में उम्मीदवार योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है, मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया में छात्रों के 12वी के अंको के आधार पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है जबकि कुछ संस्थान एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है।
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BSc Non Medical कोर्स : प्रवेश परीक्षा
12वीं के बाद ऐसी कई प्रवेश परीक्षा है जिनके आधार पर आप बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में एडमिशन ले सकते है। नीचे आपको कुछ प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गयी है, आप इनमें से किसी भी परीक्षा में उत्तीर्ण होकर बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स में एडमिशन पा सकते है।
- NEST
- BHU-UET
- IISER
- SAAT
बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स के भविष्य में अवसर
बीएससी नॉन मेडिकल के बाद क्या करना चाहिए? जो छात्र बीएससी नॉन-मेडिकल कोर्स चुनते हैं, वह मेडिकल और गैर-मेडिकल दोनों क्षेत्रों में आसानी से नौकरी पा सकते हैं। साथ ही फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, शैक्षिक संस्थानों, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों आदि जैसे प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं।
जिन छात्रों ने बीएससी नॉन-मेडिकल के साथ ग्रेजुएशन किया हैं, वह मार्केटिंग, व्यवसाय आदि जैसे रिसर्च के अलावा विभिन्न नौकरी के अवसरों को पा सकते हैं। ऐसे ग्रेजुएट्स को कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर प्रोग्रामर, एप्लिकेशन डेवलपर, कंप्यूटर सिस्टम विश्लेषक के रूप में काम पर रखा जा सकता है इतना ही नहीं, एक सफल ग्रेजुएट 4 लाख और 10 लाख तक की औसत वार्षिक वेतन की उम्मीद कर सकते है।