Investment Banking Courses after 12th : जो छात्र फाइनेंसियल मार्केट में रूचि रखते है उन्होंने कभी न कभी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का नाम अवश्य सूना होगा। क्योंकि यह फाइनेंसियल की दुनिया में सबसे लोकप्रिय प्रोफेशन में से एक है। यह पेशा उन छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प है चुनौतीपूर्ण करियर चाहते है।
यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें करियर बनाने के बाद आप अपार पैसा कमा सकते है इसके साथ ही जैसे – जैसे लोगो में स्टॉक मार्केट को लेकर जागरूकता बढ़ रही है वैसे ही इन्वेस्टमेंट बैंकर की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है।
जब हम बताते हैं कि इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एक चुनौतीपूर्ण प्रोफेशन है, तो यह मतलब होता है कि इसमें आपको अपने भावनाओं को संभालने की आवश्यकता है। कभी-कभी मार्केट में नुकसान के कारण आपको परेशानी हो सकती है और आपकी नींद भी नहीं आ सकती है। लेकिन जब आप इस काम में माहिर हो जाते हैं, तो यह प्रोफेशन आपको इतना पैसा कमा के दे सकता है जितना आप कभी सोच भी नहीं सोचते है।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग बहुत तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है, यह क्षेत्र अनुमानित 8.5% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहा है। यह इन्वेस्टमेंट बैंकर की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फाइनेंसियल दुनिया में अपनी स्किल्स के आधार पर अपने ग्राहकों की मदद करते है। इसके साथ ही यह कंपनियों को विलय ,अधिग्रहण और पूंजी जुटाने में भी मदद करते है।
एक इन्वेस्टमेंट बैंकर कौन होता है?
क्या मुझे निवेश बैंकर बनना चाहिए? जी हाँ, एक इन्वेस्टमेंट बैंकर एक फाइनेंसियल एक्सपर्ट होता है जो एक कंपनी, बैंक और फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट के फाइनेंसियल और इन्वेस्टमेंट निर्णय को सभांलते है। कोई वह व्यक्ति इस डिग्री के सहारे इस क्षेत्र में बना नहीं सकता उम्मीदवार को इस क्षेत्र को वारीकी से समझना होगा और वास्तविक फाइनेंसियल जीवन का अनुभव करना होगा।
एक इन्वेस्टमेंट बैंकर पैसा जुटाने, कंपनियों को विलय करने, कंपनियों का अधिग्रहण करने और कैपिटल मार्किट से पैसा जुटाने में मदद करना आदि भूमिका निभाता है।
एक इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने के लिएविभिन्न स्किल्स की आवश्यकता होती है, वह स्किल इस प्रकार है:
- गणितीय कौशल
- विश्लेषणात्मक कौशल
- कम्युनिकेशन कौशल
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
- समस्या को सुलझाना
- सही से बातचीत करना
- प्रोत्साहन
- जोखिम लेने की पावर
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इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने के लिए योग्यता
एक इन्वेस्टमेंट बनने की योग्यता सेक्टर और कंपनी पर निर्भर करती है, जिस तरह एफएमसीजी कंपनी इन्वेस्टमेंट बैंकर को नौकरी पर रखने लिए बीकॉम ग्रेजुएट को अवसर देती है ठीक इसी प्रकार शीर्ष फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स एमबीए इन फाइनेंस ग्रेजुएट को नौकरी का मौका देते है।
इन सब शैक्षिक योग्यता के अलावा उम्मीदवार ग्रेजुएशन के साथ अपनी पढ़ाई शुरू करे और वह साथ ही चार्ट्रेड अकाउंटेंट, बिज़नेस का ज्ञान, फाइनेंस, अर्थशात्र और गणित की समझ विकसित करे जिससे कि वह एक बेहतर इन्वेस्टमेंट बैंकर बन सके। इस लेख में आपको विस्तार से बताया जायेगा कि एक इन्वेस्टमेंट बैंकर कैसे बने और इन्वेस्टमेंट बनने के लिए कौन – कौन कोर्स किए जा सकते है।
12वीं के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकर कैसे बने?
यहाँ आपको कुछ कोर्स दिए गए है जो आपको एक इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने में मदद करेंगे, इसके साथ ही इनमें में से कुछ कोर्सेस को आप डिस्टेंस के माध्यम से भी कर सकते है।
#1 बैचलर ऑफ़ कॉमर्स (होनोर्स)
बैचलर ऑफ़ कॉमर्स (होनोर्स) कॉमर्स के क्षेत्र में तीन वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें आकउंटिंग, निवेश, टैक्स, अर्थशात्र और फाइनेंसियल मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल होते है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो फाइनेंस और निवेश के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है। उम्मीदवार बीबीए कोर्स करने के बाद अपने इंवेस्टमनेट बैंकर की यात्रा शुरू कर सकते है।
प्रवेश प्रक्रिया : बीकॉम होनोर्स में एडमिशन मेरिट के आधार पर किया जाता है, लेकिन भारत के कुछ शीर्ष कॉलेज प्रवेश परीक्षा के आधार पर बीबीए होनोर्स कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करते है। यहां आपको कुछ चरण दिर गए है जिन्हे फॉलो करने पर आप आसानी से बीबीए होनोर्स कोर्स में आवेदन कर सकते है।
- सबसे पहले उस कॉलेज का चुनाव करे, जिसके माध्यम से वह पढ़ाई करना चाहता है, उसके उपरान्त उस कॉलेज या विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
- आवेदन करते समय आपको आवश्यक जानकारी और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
- आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपके 12वी के अंको के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और एक न्यूनतम कटऑफ जारी की जाती है जिसमें अगर आप स्थान बना लेते है तो आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है।
- काउंसलिंग के दौरान आपको एडमिशन और कोर्स फीस आदि जमा करनी होती है।
- काउंसलिंग पूरी होने के बाद एक निश्चित दिनांक से आपकी पढ़ाई शुरू हो जायेगी।
प्रवेश परीक्षा : यहां आपको कुछ प्रवेश परीक्षा दी गयी है जिनके माध्यम से आप बीकॉम होनोर्स कोर्स में एडमिशन ले सकते है:
- आईपीयू सेट
- बीएचयू यूईटी
#2 बीबीए फाइनेंस
बीबीए फाइनेंस 3 वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स है जो छात्रों को फाइनेंस के विभिन्न पहलु जैसे इन्वेस्टमेंट, इन्सुरेंस आदि के बारे थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल ज्ञान प्रदान करता है। यह कोर्स छात्र को फाइनेंस और बिज़नेस के क्षेत्र में एक प्रवेश स्तर नौकरी दिलाने में मदद करता है।
बीबीए फाइनेंस कोर्स में बिज़नेस स्टैटिस्टिक्स, आधुनिक व्यापार का परिचय, व्यापारिक क़ानून, कंप्यूटर का परिचय, सूक्ष्म अर्थशास्त्र और मैक्रो अर्थशास्त्र आदि टॉपिक शामिल है।
उम्मीदवार बीबीए फाइनेंस कोर्स करने के बाद इसी क्षेत्र में पीजी कोर्स कर एक इन्वेस्टमेंट बैंकर बन सकता है।
प्रवेश प्रक्रिया : बीबीए फाइनेंस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया बहुत ही आसान है , यहां आपको कुछ चरण दिए गए है जिनके माध्यम से आप समझ सकते है कि बीबीए फाइनेंस कोर्स में प्रक्रिया क्या है?
- उम्मीदवार को अपनी पसंद का एक कॉलेज चुनना होगा, जिसमें बीबीए फाइनेंस कोर्स उपलब्ध हो। फिर उसके बाद उस कॉलेज में ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से आवेदन करे।
- उम्मीदवार को आवेदन के दौरान सभी आवश्यक जानकारी भरनी होगी, जैसे – आपकी निजी जानकारी, आपकी पढ़ाई के बारे में जानकारी और मार्कशीट आदि।
- अभी आपको कॉलेज द्वारा तय बीबीए कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी।
- सभी जानकारी सही से भरने के बाद आप अपनी सीट को सुरक्षित कर सकते है, यदि आप बीबीए फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए योग्य है।
प्रवेश परीक्षा : भारत में बीबीए फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए अधिक कॉलेज मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है जबकि भारत के कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षा के आमदायम से बीबीए फाइनेंस कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है।
इन प्रवेश परीक्षा में राष्ट्र्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाते है। यहां आपको कुछ प्रवेश परीक्षा दी गयी है जिनके माध्यम से आप बीबीए फाइनेंस कोर्स में एडमिशन ले सकते है:
- सैट
- डीयू जैट
- आईपीओ सेट
- एनएमआईएमएस एनपैट
- आईपी मैट
- सीयूईटी
नोट :- इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें आप सिर्फ ग्रेजुएशन स्तर पर अपना करियर नहीं सकते है क्योंकि इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में बहुत सारी जिम्मेदारियाँ होती है जिनको विस्तार से समझने के लिए आपको मास्टर्स या अन्य उच्च शिक्षा कोर्स करना अनिवार्य है।
इसलिए अभी हम उन कोर्सेस के बारे में समझते है जो ग्रेजुएशन के बाद एक इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने के लिए आवश्यक है:
#3 एमबीए इन फाइनेंस
एमबीए इन फाइनेंस 2 वर्षीय पोस्टग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें फाइनेंस, स्टॉक मार्केट, इन्वेस्टमेंट, बजटिंग आदि टॉपिक शामिल है। यह कोर्स आपको फाइनेंसियल मार्किट के बारे में विस्तारपूर्वक वारीकी से सिखाता है जिसे पूरा करने के बाद आप भारत की विभिन्न कंपनियों में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम कर सकते है।
प्रवेश प्रक्रिया : एमबीए इन फाइनेंस कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है, हालंकि कुछ कॉलेज है जिनमें आप मेरिट के आधार पर एमबीए इन फाइनेंस कोर्स में एडमिशन ले सकते है। यहां आपको एडमिशन प्रक्रिया को समझाने के लिए कुछ स्टेप्स दिए गए है जिनको समझने के बाद आप आसानी से एमबीए इन फाइनेंस कोर्स में आवेदन कर सकते है।
- उम्मीदवार को सबसे पहले राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होनी वाली प्रवेश परीक्षाओं में से किसी एक प्रवेश परीक्षा में आवेदन करना होगा।
- आवेदन करने के कुछ महीने के बाद परीक्षा होती है जिसमें आवेदनकर्ताओं को भाग लेना होता है। परीक्षा देने के उपरांत उम्मीदवार को दिन या महीनो का इन्तजार करना होता है।
- फिर आपके द्वारा दी गई प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट आता है जिसमें छात्रों के प्रवेश परीक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर न्यूनतम कटऑफ़ जारी की जाती है, जिसमें अगर आप न्यूनतम कटऑफ के बराबर नंबर ले आते है तो फिर आपकी रैंक अनुसार आप भारत के विभिन कॉलेज में एडमिशन ले सकते है।
- कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षा के बाद इंटरव्यू या ग्रुप डिस्कशन आदि में भी आपका प्रदर्शन देख सकते है, यह सब होने के बाद आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है।
- काउंसलिंग के दौरान आपको कॉलेज फीस देनी होती है जिससे कि आपकी सीट सुरक्षित रहे।
- काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के कुछ दिन बाद आप इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने की यात्रा शुरू कर सकते है।
#4 चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट (सीएफए)
चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट (सीएफए) एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त कोर्स है जिसे सीएफए इंस्टिट्यूट, यूएसए द्वारा ऑफर किया जाता है। चार्टर्ड फाइनेंसियल एनालिस्ट डिग्री फाइनेंसियल की दुनिया में सबसे सम्मानित डिग्री मानी जाती है। इस कोर्स में तीन स्तर पर 10 विषय शामिल होते है।
सीएफए कोर्स की अवधि 1.5 – 4 वर्ष है जिसमें एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन किया होना चाहिए, इसके साथ ही सीएफए कोर्स में आवेदन के लिए आपको कोई भी प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है।
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि सीएफए कोर्स तीन स्तर पर होता है, जिसमें उम्मीदवार को सीएफए स्तर 1, सीएफए स्तर 2 और सीएफए स्तर 3 तीनो को पास करना अनिवार्य है।
सीएफए कोर्स फीस
रजिस्ट्रेशन फीस : 450 डॉलर
सीएफए स्तर 1 परीक्षा फीस : 700 से 1000 डॉलर
सीएफए स्तर 2 परीक्षा फीस : 700 डॉलर
सीएफए स्तर 3 परीक्षा फीस : 700 डॉलर
इन सभी फीस के अलावा आपको अन्य लर्निंग स्त्रोत पर भी पैसा खर्च करना होगा, जिनमें कोचिंग फीस, स्टडी मटेरिअल आदि शामिल है।
#5 चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए)
चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एक अन्य विकल्प है जिसे करने के बाद आप इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम कर सकते है। सीए के रूप में, उम्मीदवार फाइनेंस, मनी मार्केट, स्टॉक मार्केट, इक्विटी, सिक्योरिटीज, आईपीओ लिस्टिंग, कंपनी अधिकरण, कंपनी विलय के बारे में विस्तारपूर्वक सीखता है।
सीए करने के बाद उम्मीदवार बैंकिंग और नॉन – बैंकिंग इंस्टिट्यूट में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम कर सकते है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की मांग फाइनेंसियल दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, क्योंकि मार्केट अव बहुत से नए – नए स्टार्टअप आ रहगे है जिन्हे अपने फाइनेंसियल सभांलने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की आवश्यकता है। इसक साथ ही भारत की विभिन्न टेक्स देने वाली कंपनियां भी बढ़ रही है इसलिए टैक्स को सही से मैनेज करने के लिए भी एक सीए की आवश्यकता होती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एक पार्ट टाइम प्रोफेशनल कोर्स है, जिसे 12वी या ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। यदि आप 12वी के बाद सीए करने का विचार कर रहे है तो आपको सीपीटी और आईपीसीसी परीक्षा देनी होगी और साथ ही 3 वर्ष की इंटर्नशिप भी करनी होगी, जिससे कि आप इस क्षेत्र में अनुभव ग्रहण कर सके।
इसके अलावा, अगर आपने ग्रेजुएशन कर लिया है तो आप सीधे आईपीसीसी और 3 वर्ष की इंटर्नशिप के लिए जा सकते है।
सीए बनने के लिए आपको 4.5 से 5 वर्ष तक का समय लग सकता है, इसके अलावा अगर आपका ग्रेजुएशन हो गया है तो आप तीन वर्ष देकर ही एक प्रोफेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट बन सकते है।
सीए कोर्स फीस
सीए कोर्स फीस | भारतीय छात्र | विदेशी छात्र |
सीए फाउंडेशन (सीपीटी) | ₹10,900 | $1065 |
सीए इंटरमीडिएट – सिंगल ग्रुप | ₹28,200 | $925 |
सीए इंटरमीडिएट – डबल ग्रुप | ₹33,400 | $1500 |
सीए इंटरमीडिएट – डायरेक्ट | ₹33,600 | $1500 |
आर्टिकलशिप फीस | ₹2,000 | |
सीए फाइनल | ₹39,800 | $1550 |
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कोर्स करने के बाद
उच्च शिक्षा : इन्वेस्टिंग बैंकर के लिए ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद, इन्वेस्टिंग बैंकिंग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए मास्टर प्रोग्राम और फिर पीएचडी कर सकते है। यह कोर्स छात्रों को इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के बारे में गहरी समझ विकसित करने में मदद करेंगे। अगर आप मास्टर्स के बाद पीएचडी करते है तो आप इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के क्षेत्र में महारत हासिक कर सकते है और बहुत अच्छे के साथ भारत व् विदेश की विभिन्न कंपनियों में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में नौकरी कर सकते है।
नौकरी शुरू करे : इन्वेस्टमेंट कोर्स करने के बाद आपके पास दो रास्ते होते है जिसमें आप उच्च शिक्षा के लिए जा सकते है या फिर इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कोर्स के बाद सीधे नौकरी की शुरुआत कर सकते है। कुछ समय तक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम करने के उपरांत आपको इस क्षेत्र में अनुभव हो चुका होगा, जिसके बाद आपको और अच्छा वेतन दिया जाएगा।
भारत में इन्वेस्टमेंट बैंकर कितने तरह के होते है?
क्रेडिट मैनेजर : एक क्रेडिट मैनेजर एक कंपनी में क्रेडिट मैनेजमेंट और क्रेडिट लिमिट के आधार पर निर्णय लेकर क्रेडिट से संबधित सभी पहलुओं को मैनेज करता है।
फाइनेंसियल प्लानर : एक फाइनेंसियल प्लानर ग्राहक के बारे में सभी जानकारी को कलेक्ट करने की जिम्मेदारी निभाता है। यह विभिन्न पहलुओं में काम करता है जिनमें बजटिंग, इन्वेस्टमेंट, टैक्स प्लानिंग, इन्शुरेंस कवरेज और रिटायरमेंट फंड आदि।
अकाउंटेंट : एक अकाउंटेंट कंपनी में होने वाले सभी खर्चो और रिवेनुए को ट्रैक करता है, इसके साथ ही ये भी ध्यान रखता है कि खर्चे कमाई से ज्यादा न हो, क्योंकि ऐसा अगर होता है कंपनी का नुकसान होगा।
फाइनेंसियल एडवायजार : एक फाइनेंसियल एडवायजार वह व्यक्ति होता है जो अपने ग्राहकों को बताता कि उन्हें अपना पैसा कहां निवेश करना चाहिए और वह अपने फाइनेंसियल लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकते है।
सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट : सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट को सीएमए के रूप में भी जाना जाता है, यह चार्टर्ड अकाउंटेंट की ही तरह है। यह फाइनेंसियल प्लानिंग, एनालिसिस और फाइनेंसियल निर्णयों के लिए जिम्मेदार होते है।
अकाउंट मैनेजर : अकाउंट मैनेजर का काम है ग्राहकों से सीधे डील करना। अकाउंट मैनेजर ग्राहकों से अच्छे रिश्ते बनाता है जिससे कि ग्राहक लम्बे समय तक उनकी कंपनी के साथ जुड़े रहे।
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इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के लिए भारत के शीर्ष कॉलेज
- स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली
- केशव महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविधालय)
- भारतयर विश्वविधालय, कोयम्बटूर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, कोजहिकोडे
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, बैंगलोर
- शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज (दिल्ली विश्वविद्यालय)
- इंडियन कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस, हैदराबाद
- लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ़ कम्युनिकेशन & इकोनॉमिक्स, मुंबई
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद
- मुद्रा इंस्टिट्यूट ऑफ़ कम्युनिकेशन (एमआईसीए), अहमदाबाद
भारत में इन्वेस्टमेंट बैंकर का वेतन
इन्वेस्टमेंट बैंकर की कितनी सैलरी होती है? इन्वेस्टमेंट बैंकर का वेतन उम्मीदवार की स्किल और अनुभव पर निर्भर करता है, यहां हम विभिन्न इन्वेस्टमेंट बैंकर नौकरी प्रोफाइल में औसत वेतन कितना मिलता है वह समझते है:
नौकरी प्रोफाइल | औसत वेतन |
इन्वेस्टमेंट बैंकर एनालिस्ट | 5,82,00 रूपये प्रति वर्ष |
इन्वेस्टमेंट बैंकर एसोसिएट्स | 19,35,000 रूपये प्रति वर्ष |
वीपी इन्वेस्टमेंट बैंकर | 56,67,000 रूपये प्रति वर्ष |
डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट बैंकर | 36,0000 रूपये प्रति वर्ष |
चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर | 20,00,000 से 50,00,000 रूपये प्रति वर्ष |
इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट | 7,50,000 से 12,00,000 रुपये प्रति वर्ष |