MA Education कोर्स: एमए एजुकेशन एक स्पेशलाइजेशन कोर्स है जिसे कोई भी इच्छुक उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद कर सकते है। यह कोर्स विचारधारा प्रौद्योगिकी और वैचारिक तकनीकों की मदद से छात्रों को आसानी से शिक्षा देने की अवधारणाओं पर आधारित है। कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी के विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं। एमए एजुकेशन कोर्स में एडमिशन प्रत्येक संस्थान में एक दुसरे से भिन्न हो सकते है।
ग्रेजुएशन की डिग्री एक उम्मीदवार को एक निश्चित विषय का ज्ञान देती है जबकि एमए एजुकेशन उम्मीदवारों को सिखाती है कि आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है उसे अपने छात्रों कैसे सिखाये। शिक्षा में उन्नत डिग्री प्राप्त करना भी अनुभव के साथ आता है। इस डिग्री को करने वाले उम्मीदवारों को लाइव क्लासरूम सेटिंग में पढ़ाने का अवसर प्राप्त होता है। इसके कारण किसी विशेष कॉलेज या विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद एक उम्मीदवार शिक्षा के क्षेत्र में एक महान अनुभव प्राप्त कर सकता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए एजुकेशन |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन एजुकेशन |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 1,50,000 |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | स्कूल, कॉलेज, टूशन सेंटर, एडुटेक कंपनियां आदि |
नौकरी प्रोफाइल | प्राइवेट ट्यूटर, एजुकेशन कंसल्टेंट, एजुकेशन काउंसलर, वाइस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल आदि |
एमए एजुकेशन कोर्स की फीस विश्वविद्यालय एंव कॉलेज के अनुसार एक दुसरे से अलग हो सकती है। जहां सरकारी कॉलेज की फीस प्राइवेट कॉलेज की तुलना में कम होती है और एमए एजुकेशन कोर्स को आमतौर पर लगभग 20,000 से 1,50,000 रुपये में किया जा सकता है।
एमए एजुकेशन कोर्स क्या है?
एमए एजुकेशन का पूरा नाम मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन है। एमए एजुकेशन एक पोस्ट ग्रेजुएशन शिक्षण और प्रशिक्षण कोर्स है जिसे दो वर्षों में किया जा सकता है और इसे चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। एमए एजुकेशन कोर्स में छात्रों को वह सभी स्किल्स बारीकी से सिखाई जाती है को शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है। इसलिए अगर आप एक शिक्षाक बनना चाहते है तो शिक्षा में एमए कोर्स सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।
वर्तमान में, स्कूलों को अत्यधिक योग्य और अनुभवी शिक्षकों की बहुत आवश्यकता है ताकि वे प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकें और छात्रों को बहुत ही आसान और प्रभावी ढंग से मुश्किल से मुश्किल कांसेप्ट को समझा सके। जिससे छात्र अपने क्षेत्र में बेहतर प्रगति कर सके।
एमए एजुकेशन कोर्स का उद्देश्य शिक्षा के सभी स्तरों पर शिक्षा, प्रशिक्षण, प्रशासन, और प्रशासन में ज्ञान रखने वाले प्रोफेशनल्स की मांग को पूरा करना है। एमए एजुकेशन करने के बाद कोचिंग सेंटर, शिक्षा सलाहकार, शिक्षा विभाग, गृह ट्यूशन, संग्रहालय, प्राइवेट ट्यूशन, प्रकाशन हाउस, रिसर्च और विकास एजेंसियों, स्कूल, आदि कुछ सबसे चयनित रोजगार क्षेत्र हैं जिनमें ये प्रोफेशनल्स काम कर सकते है, और इनका औसत वेतन 3 – 8 एलपीए के बीच होता है।
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एमए एजुकेशन कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमए एजुकेशन कोर्स क्यों करना चाहिए, इसके विभिन्न कारण हैं जो इस प्रकार है:
- इस कोर्स में आप वह सभी स्किल्स और तकनीक सीखते है जो एक शिक्षक के लिए आवश्यक है। इसलिए अगर आप बच्चो को पढ़ाने में रूचि रखते है तो ये एक बेहतर विकल्प है।
- भारत सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए समय – समय पर शिक्षा प्रणाली में बदलाव करती है जिससे छात्रों को एक बेहतर भविष्य दिया जा सके।
- एमए एजुकेशन ग्रेजुएट्स भारत के विभिन्न प्राइवेट स्कूल आदि में नौकरी का अवसर पाने के साथ – साथ विभिन्न सरकारी स्कूल में भी पढ़ने का अवसर पा सकते है क्योंकि समय – समय सरकारी अध्यापक की भर्ती की जाती है।
- शिक्षक एक ऐसा प्रोफेशन है जिसका सभी सम्मान करते है और जब आपके पढ़ाये हुए अपने जीवन में नई ऊचाईयों को छूते है एक अध्यापक में अलग ही खुशी का अहसास होता है।
MA Education कोर्स के Types
उम्मीदवार रेगुलर या डिस्टेंस मोड में एमए एजुकेशन कोर्स करने का विचार कर सकते हैं। नीचे एमए एजुकेशन कोर्स के प्रकार विस्तार से दिए गए हैं:
फुल-टाइम एमए एजुकेशन : फुल-टाइम एमए एजुकेशन कोर्स आम तौर पर दो साल के लिए होता है, जहां छात्रों को व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेना होगा, असाइनमेंट जमा करना होगा और कैंपस में अपनी परीक्षा देनी होगी। फुल-टाइम एमए एजुकेशन कोर्स का ये फायदा है कि छात्रों को अपने क्लासमेट के साथ सीधे बातचीत के माध्यम से बहुत सीखने और ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति देता है।
पार्ट-टाइम एमए एजुकेशन : पार्ट-टाइम एमए एजुकेशन कोर्स उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो किसी कारणवश रेगुलर कक्षाओं में भाग नहीं ले सकते। पार्ट-टाइम कोर्स में छात्रों को साप्ताहिक, रात की कक्षाओं या ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जाता हैं, जो पाठ्यक्रम के प्रकार पर निर्भर करता है। पार्ट-टाइम एमए एजुकेशन कोर्स का लाभ यह है कि छात्र इस कोर्स को अपने रोजगार के साथ – साथ कर सकते हैं।
डिस्टेंस एमए एजुकेशन : भारत में कई विश्वविद्यालय और कॉलेज है जो डिस्टेंस मोड में एमए एजुकेशन कोर्स कराते हैं। यह कोर्स उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कॉलेज जाकर में कक्षाओं में भाग लेने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं या जो किसी प्रकार के रोजगार में लगे हुए हैं और रेगुलर कोर्स करने के लिए समय नहीं निकाल सकते हैं।
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MA Education कोर्स : न्यूनतम योग्यता
मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन कोर्स में एडमिशन केवल उन्हीं छात्रों को दिया जाता है जो इसकी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। उम्मीदवारों के पास अंतिम परीक्षा में न्यूनतम 40% कुल स्कोर के साथ बीए शिक्षा या कोई अन्य ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। एमए एजुकेशन कोर्स में एडमिशन के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। इसके अलावा कुछ संस्थान आरक्षित छात्रों को आवश्यक अंको में 5% की छूट प्रदान करते है।
MA Education कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
छात्रों को एडमिशन से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे भारत में मास्टर ऑफ आर्ट्स एजुकेशन के लिए न्यूनतम योग्यता को पूरा करते हैं। एमए एजुकेशन कोर्स में एडमिशन छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर एंव प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जा सकता है। जिसमें अधिकतम कॉलेज मेरिट के आधार पर एडमिशन की अपनाते है जबकि कुछ कॉलेज एंव विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
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एमए एजुकेशन कोर्स के भविष्य में अवसर
शिक्षा के प्रशासन और मैनेजमेंट सहित शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञों की बढ़ती मांग को देखते हुए एमए एजुकेशन कोर्स की शुरुआत की गयी। यह कोर्स पूरा होने के बाद, जो उम्मीदवार इस विषय में आगे की पढ़ाई में रुचि रखते हैं, वे एमफिल या पीएचडी करने के लिए चयन कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा के अलावा जो उम्मीदवार नौकरी पाना चाहते है वह शिक्षा के क्षेत्र में लेक्चरर, प्रोफेसर, स्कूल टीचर, और प्राइवेट ट्यूटर, एजुकेशन कंसल्टेंट, एजुकेशन काउंसलर, वाइस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल आदि प्रोफाइल में नौकरी का अवसर पा सकते है।