MA Fine Arts कोर्स : एमए फाइन आर्ट्स एक स्तरीय कोर्स है जिसे इच्छुक उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद कर सकते है। यह छात्रों को उनके कौशल को निखारने और उनके चुने हुए क्षेत्र में एक कलाकार बनने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स में एप्लाइड आर्ट्स, विजुअल कम्युनिकेशन, प्रिंटमेकिंग, पेंटिंग, आर्ट हिस्ट्री, स्कल्प्चर, सेरामिक्स आदि जैसे विषय शामिल है।
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा और मेरिट के अनुसार उम्मीदवार के प्रदर्शन पर आधारित होता है। इस डिग्री वाले छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में करियर के पर्याप्त अवसर हैं। एमए फाइन आर्ट्स कोर्स की नौकरियां विज्ञापन, कपड़े, प्रिंटमेकिंग, डिजिटल मीडिया, पब्लिशिंग हाउस, मैगज़ीन, डांस स्टूडियो आदि में उपलब्ध हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए फाइन आर्ट्स |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन फाइन आर्ट्स |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 1,50,000 |
औसत वेतन | 4 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | डिजाइन, फिल्म, थिएटर, शिक्षण, एनिमेशन और शैक्षिक संस्थान आदि |
नौकरी प्रोफाइल | विजुअल डिजाइनर, फाइन आर्टिस्ट, आर्ट टीचर, ग्राफिक डिजाइनर, पेंटर, एडिटर, आर्ट क्रिटिक, इलस्ट्रेटर आदि |
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स की फीस कॉलेज एंव विश्वविद्यालय के आधार पर अलग – अलग हो सकती है। जहां सरकारी कॉलेज की फीस प्राइवेट कॉलेज की तुलना में कम होती है। आमतौर पर इस पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स को 30,000 से 1,50,000 रुपये में पूरा किया जा सकता है।
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स क्या है?
एमए फाइन आर्ट्स एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर की डिग्री है जिसकी अवधि 2 वर्ष है और इसमें 4 सेमेस्टर शामिल है। जो विशेष रूप से क्रिएटिव राइटिंग, फिल्म निर्माण, प्रदर्शन कला, फोटोग्राफी और दृश्य कला जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है। कुछ क्षेत्रों में इसके नौकरी के लोकप्रिय अवसर है जैसे दृश्य कला में ड्राइंग, पेंटिंग, मूर्तिकला, चीनी मिट्टी की चीज़ें, फोटोग्राफी आदि शामिल हैं।
एमए फाइन आर्ट्स एक ग्रेजुएशन स्तर की डिग्री है जिसमें विशेष रूप से क्रिएटिव राइटिंग, फिल्म प्रोडक्शन, परफॉर्मिंग आर्ट्स, फोटोग्राफी, और विजुअल आर्ट्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और इस कोर्स के सिलेबस में विजुअल आर्ट्स में ड्रॉइंग, पेंटिंग, मूर्तिकला, सिरेमिक्स, फोटोग्राफी, आदि जैसे कार्य शामिल होते हैं।
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स को थेरोटिकल और प्रैक्टिकल दोनों तरह से पढ़ाया जाता है। यह कोर्स उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिनके पास पहले से कला का ज्ञान है और विशेषकर किसी विशेषकरण के क्षेत्र में अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाना चाहते हैं।
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स पूरा करने के बाद छात्र कला के अध्यापक, संग्रहालय के क्यूरेटर, सिनेमटोग्राफर, फोटोग्राफर, लेखक, संपादक, ग्राफिक डिज़ाइनर, आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
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एमए फाइन आर्ट्स कोर्स क्यों करना चाहिए?
क्या फाइन आर्ट्स एक अच्छा करियर है? जी हाँ, एमए फाइन आर्ट्स के अध्ययन में प्रदर्शन की संभावनाएं और संभावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जिसमें कलाकारों को अपने हुनर और पैशन को देखते हुए अपने रूचि के क्षेत्र में करियर बनाने की आजादी है।
फाइन आर्ट्स डिग्री कोर्स के छात्रों को चित्रकार कलाओं के विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने में सक्षम बनाता है जिसमें विज्ञापन, डिजाइन, संगीत, प्रदर्शन, शिल्प, सांस्कृतिक विरासत, साहित्य और दृश्य कला शामिल हैं।
कला लोगों को उनके मानसिक तनाव को दूर करने में भी मदद करता है, इसलिए कला को आम तौर पर स्कूल, संबंधित और जेलों में भी प्रचार किया जाता है। इस कोर्स को करने वाले छात्र समाज के लिए भलाई के विभिन्न काम कर सकते है।
इस कोर्स में करियर के अवसर विभिन्न हैं जैसे विज्ञापनदाता, मार्केटिंग, संग्रहालय, कला महाविद्यालय और छोटे गैर-लाभकारी संगठन या प्राइवेट संस्थान के लिए काम कर सकते हैं। यदि उनके पास ऐसा करने के लिए सहयोग और विचार हैं तो वे अपनी स्वयं की ग्राफिक डिजाइन फर्म भी शुरू कर सकते हैं।
MA Fine Arts कोर्स के Types
एमए फाइन आर्ट्स कोर्स को उम्मीदवार अपनी सुविधा एंव जीवनशैली के अनुभार विभिन्न मोड में कर सकते है, जो इस प्रकार है:
बीए फाइन आर्ट्स रेगुलर एजुकेशन : भारत में अधिकतम संस्थान छात्रों को रेगुलर मोड में ही एमए फाइन आर्ट्स कोर्स करवाते है जिसमें छात्रों को रोजाना कॉलेज क्लास अटेंड करनी अनिवार्य है। रेगुलर कोर्स में एडमिशन संस्थान के आधार पर मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है।
बीए फाइन आर्ट्स डिस्टेंस एजुकेशन : अगर आप कोई नौकरी या अन्य काम करते है जिसकी बजह से रेगुलर कोर्स में शामिल होना आपके लिए संभव नहीं है तो आप एमए फाइन आर्ट्स कोर्स के लिए डिस्टेंस मोड का चुनाव कर सकते है। जिसमें एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की मांग की जाती है और फिर आप इसे 20,000 से 1,20,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
वर्तमान समय में किसी भी भारतीय संस्थान को ऑनलाइन मोड में एमए फाइन आर्ट्स कोर्स कराने की अनुमति नहीं मिली है इसलिए उम्मीदार सिर्फ रेगुलर या डिस्टेंस के माध्यम से ही अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है।
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MA Fine Arts कोर्स : न्यूनतम योग्यता
- एमए फाइन आर्ट्स कोर्स करने के लिए न्यूनतम योग्यता किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या कॉलेज से फाइन आर्ट्स में स्नातक की डिग्री या अन्य कोई भी ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए।
- अधिकतम कॉलेज में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% अंक प्राप्त किए जाने चाहिए। जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे कुछ कॉलेजों में ग्रेजुएशन स्तर में कम से कम 60% की आवश्यकता होती है।
- हालांकि, विभिन्न कॉलेजों में निर्धारित न्यूनतम योग्यता अलग – अलग हो सकती है।
- कुछ संस्थान अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एंव अन्य आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कुल 5% की छूट प्रदान करते है।
MA Fine Arts कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
उम्मीदवार एमए फाइन आर्ट्स कोर्स में एडमिशन कॉलेज के आधार पर मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर ले सकते है।
भारत के अधिकतम संस्थान छात्रों के ग्रेजुएशन के अंको के आधार पर मेरिट जारी कर एडमिशन की अनुमति देते है जिसके लिए पहले आपको संबंधित विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया करना होता है या फिर आप ऑफलाइन भी आवेदन कर सकते है।
कुछ भारतीय संस्थान एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया अपनाते है जहां एमए फाइन आर्ट्स कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के अंकों पर निर्भर करता है। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान, उम्मीदवार के प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन की निर्णय लिया जाता है।
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एमए फाइन आर्ट्स कोर्स के भविष्य में अवसर
एमए फाइन आर्ट्स करने के बाद क्या करना चाहिए? एमए फाइन आर्ट्स ग्रेजुएट्स कला निर्देशक, संगीतकार, रचनात्मक निदेशक, संगीत शिक्षक, ड्राइंग शिक्षक, कला पुनर्स्थापक, फोटोग्राफर, ग्राफिक डिजाइनर, कला शिक्षक, कला समीक्षक और लेखक, एनिमेटर, आदि के रूप में विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट सेक्टर में काम कर सकते हैं। एमए फाइन आर्ट्स का औसत प्रारंभिक वेतन 3 से 8 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है।
एमए फाइन आर्ट्स के बाद उम्मीदवार उच्च अध्ययन के लिए जाने का विकल्प चुन सकते हैं। जिसके लिए वह किसी भी स्पेशलाइजेशन में जैसे कि एनिमेशन, थिएटर, सिरेमिक आदि में पीएचडी या एमफिल कर सकते हैं।