MA History कोर्स : MA History एक 2-वर्षीय पोस्टग्रेजुएट कोर्स है जिसे मास्टर ऑफ आर्ट्स कहा जाता है और इसमें इतिहास की विशेषता होती है। इस पाठ्यक्रम में ऐतिहासिक घटनाओं और उनके समकालीन दृष्टिकोण का अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत अतीत समाजों की प्रथाओं, कहानियों, और कथाओं पर ध्यान केंद्रित होता है, साथ ही उनकी संस्कृतियों, भाषाओं, कला, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी अध्ययन किया जाता है।
पात्रता: इस कोर्स के लिए कोई भी स्नातक करने वाला छात्र पात्र हो सकता है। आमतौर पर, BA पूरी करने वाले उम्मीदवार MA History या संबंधित क्षेत्र में प्रवेश ले सकते हैं। यह कोर्स नियमित और दूरस्थ मोड दोनों में उपलब्ध है।
प्रवेश प्रक्रिया: MA History में प्रवेश आमतौर पर प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से होता है, जैसे CUET PG, JMI और IPUCET। कुछ कॉलेज मेरिट आधारित प्रवेश भी करते हैं।
प्रमुख कॉलेज: MA History को नियमित मोड में प्रदान करने वाले कुछ शीर्ष कॉलेज निम्नलिखित हैं:
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हिंदू कॉलेज (Hindu College)
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हंसराज कॉलेज (Hansraj College)
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लोयोला कॉलेज (Loyola College)
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मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज (Madras Christian College)
दूरस्थ मोड में MA History प्रदान करने वाले प्रमुख कॉलेज:
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इग्नू (IGNOU)
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इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग, मुंबई विश्वविद्यालय (Institute of Distance and Open Learning, University of Mumbai)
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NSOU (Netaji Subhas Open University)
फीस: MA History का कोर्स आमतौर पर INR 432 से INR 16,000 तक की फीस के साथ होता है।
करियर के अवसर: MA History को सम्पूर्ण करने वाले छात्र विभिन्न करियर विकल्पों में से चुन सकते हैं, जैसे:
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पुरालेखपाल (Archivist)
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पत्रकार (Journalist)
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पुरातत्ववेत्ता (Archaeologist)
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इतिहासकार (Historian)
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क्यूरेटर (Curator)
वेतन: MA History स्नातकों का माध्यमिक वेतन आमतौर पर INR 3 लाख से INR 12.5 लाख प्रति वर्ष के बीच हो सकता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए इतिहास |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ आर्ट्स इन हिस्ट्री |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट / प्रवेश परीक्षा आधारित |
कोर्स फीस | 25,000 से 80,000 प्रति वर्ष |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | मीडिया हाउस, स्कूल एंव कॉलेज, न्यूज़ पेपर & मैगज़ीन आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | हिंदी अध्यापक, हिंदी न्यूज़ एंकर, वॉइस आर्टिस्ट, हिंदी न्यूजपेपर एडिटर आदि। |
एमए इतिहास कोर्स की फीस विश्वविद्यालय एवं कॉलेज के अनुसार 15,000 – 60,000 तक हो सकती है। कोर्स के लिए फीस कॉलेज/विश्वविद्यालय में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और शिक्षा के स्तर के आधार पर भिन्न हो सकती है।
एमए इतिहास कोर्स क्या है?
क्या हम इतिहास में एमए कर सकते हैं? जी हाँ, एमए इतिहास दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसे चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इस कोर्स को करने के लिए वह सभी उम्मीदवार योग्य है जिन्होंने संबधित विषय में ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है हालंकि कुछ संस्थान एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन में न्यूनतम 50% की भी मांग करते है।
यह ये कोर्स छात्रों को भारतीय इतिहास, सभ्यता आदि के बारे में विस्तार से सिखाता है। इसके साथ ही इसमें ऐतिहासिक समाजों की घटनाओं, कहानियों, उनकी प्रथाओं, संस्कृतियों, भाषाओं, कला और कई अन्य पहलू शामिल है।
एमए इतिहास कोर्स को अक्सर उन छात्रों द्वारा किया जाता है जिन्होंने इतिहास स्पेशलाइजेशन में ग्रेजुएशन किया है और भारतीय इतिहास को गहराई से समझने की इच्छा रखते है। कहते है कि हमें अपने अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए, यह कोर्स आपको भारतीय सभ्यता को भी समझने में मदद करेगा और साथ ही इसे करने के बाद आप विभिन्न सरकारी और प्राइवेट विभागों में नौकरी का अवसर भी पा सकते है।
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एमए इतिहास कोर्स क्यों करना चाहिए?
यह कोर्स मानव जाति की महान उपलब्धियों और विनाशकारी गलतियों पर प्रकाश डालता है। इसलिए हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि चीजें कैसी थी और बेहतर भविष्य बनाने के लिए अतीत से क्या सीख सकते है। बेहतर समझ के साथ, यह हमारे समाजों को सभी के लाभ के लिए व्यवस्थित और मैनेज करने में मदद कर सकता है।
यह एक ऐतिहासिक कोर्स है और इतिहास में बीए करने वाले छात्रों के करियर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है यह एक ऐसा कोर्स है जो विभिन्न अवसर प्रदान करता है। सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां काफी अधिक हैं जिनमें इसका उपयोग है। साथ ही ग्रेजुएट्स इतिहासकार, संग्रहालय क्यूरेटर, पुरालेखपाल, पुरातत्वविद्, हाई स्कूल शिक्षक आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं।
इन सब के अलावा अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद भी आगे की शिक्षा जारी रखना चाहते है तो उच्च शिक्षा के लिए इतिहास में एमफिल या पीएचडी जैसे कोर्स को भी करने का विचार कर सकते है।
MA History कोर्स के Types
एमए इतिहास कोर्स को आप अपनी रुचि एवं इच्छा के अनुसार विभिन्न विश्वविद्यालयों की सहायता से रेगुलर, डिस्टेंस एवं ऑनलाइन मोड कर सकते है जिनकी जानकारी इस प्रकार है:
एमए इतिहास रेगुलर एजुकेशन : भारत में हजारों संख्या में विश्वविद्यालय एंव कॉलेज है जिनके द्वारा रेगुलर मोड में एमए इतिहास कोर्स कराया जाता है। कोई भी योग्य उम्मीदवार ग्रेजुएशन डिग्री पूरी करने के बाद मेरिट या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
एमए इतिहास डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ ही विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से एमए इतिहास कोर्स को डिस्टेंस मोड में किया जा सकता है। कोई भी इच्छुक उम्मीदवार ग्रेजुएशन करने के बाद अपनी पसंद के विश्वविद्यालय में सीधे ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते है। डिस्टेंस एमए इतिहास कोर्स को अपने घर पर रहकर और रेगुलर कोर्स की तुलना में कम फीस के साथ किया जा सकता है।
एमए इतिहास ऑनलाइन एजुकेशन : वह उम्मीदवार जो ऑनलाइन के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते है वह छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स ऑनलाइन मोड में एमए इतिहास कोर्स की पढ़ाई कर सकते है। इसमें कोई भी ग्रेजुएशन के बाद सीधे ऑनलाइन आवेदन कर एडमिशन ले सकता है। ऑनलाइन विश्वविद्यालयों के द्वारा एमए इतिहास कोर्स को 20,000 से 60,000 रुपये में किया जा सकता है।
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MA History कोर्स : न्यूनतम योग्यता
भारत में एमए इतिहास कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को कला से संबंधित किसी भी डिग्री के अनुरूप अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करनी आवश्यक है। साथ ही, न्यूनतम योग्यता मानदंड के साथ, इतिहास में मास्टर ऑफ आर्ट्स को करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को एडमिशन पाने के लिए किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान से न्यूनतम 40% अंकों के साथ ग्रेजुएशन डिग्री पूरी की होनी चाहिए। एमए इतिहास करने के लिए कोई विशेष आयु सीमा या मापदंड नहीं है इसलिए उम्मीदवार किसी भी आयु में एडमिशन ले सकते है।
MA History कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमए इतिहास कोर्स में एडमिशन कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होता है। कुछ संस्थान प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन देते है जबकि कुछ संस्थान ग्रेजुएशन डिग्री में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन प्रदान करते हैं। इसके अलावा कुछ संस्थान सीधे ऑनलाइन आवेदन कर एडमिशन की अनुमति देते है इसलिए एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह से कॉलेज या विश्वविद्यालय पर निर्भर करती है।
जिन संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है वहां छात्रों को कॉलेज या विश्वविद्यालय के आधार पर प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होना आवश्यक है, जिसमें वे एडमिशन के लिए आवेदन कर रहे हैं। उम्मीदवार आईपीयू सीईटी, जेएनयूईई, डीएसएटी, बीएचयू पीईटी जैसी कोई भी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से शीर्ष संस्थान में एडमिशन ले सकते है।
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MA History कोर्स : प्रवेश परीक्षा
MA इतिहास कोर्स में एडमिशन के लिए कोई विशेष परीक्षा आयोजित नहीं होती है। हालांकि, कुछ संस्थान विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं, जिनके माध्यम से आप एमए इतिहास कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
CUET: केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) छात्रों को एक ही परीक्षा के माध्यम से भारत की विभिन्न केंद्रीय विश्व विद्यालयों में एडमिशन की अनुमति देती है। इस परीक्षा में किए गए स्कोर के आधार परे आपको भारत में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका मिलता है।
IPU CET: इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए ये सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की जाती है। उम्मीदवारों को इस संस्थान में एडमिशन लेने के लिए पहले इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा।
DSAT: यूजी और पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए दयानंद सागर एडमिशन टेस्ट के माध्यम से प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। परीक्षा कंप्यूटर आधारित मोड में भारत के 82 शहरों में आयोजित की जाती है।
एमए इतिहास कोर्स के भविष्य में अवसर
ग्रेजुएट्स सरकारी क्षेत्रों में संग्रहालयों, पुरातत्व विभागों, शैक्षणिक संस्थानों आदि जैसे क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं। जहां वह एक इतिहासकार, संग्रहालय क्यूरेटर, पुरालेखपाल, पुरातत्वविद, हाई स्कूल शिक्षक, लाइब्रेरियन आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
एमए इतिहास के नए ग्रेजुएट्स का औसत वेतन लगभग 3,71,000 रुपये प्रति वर्ष है। इसके अलावा उम्मीदवार उच्च अध्ययन के लिए, इतिहास में पीएचडी में कर सकते हैं। freeslots dinogame