MA Home Science कोर्स : एमए होम साइंस कोर्स 2 साल की पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री है जो बारहमासी, वार्षिक प्रजाति आदि क्षेत्रों से संबंधित है। इस कोर्स को अक्सर उन छात्रों द्वारा किया जाता है जिन्होंने होम साइंस के साथ ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है या फिर उत्पादन, प्रसंस्करण, संरक्षण, क्वालिटी मैनेजमेंट, पौधों की कटाई सहित प्रजनन, भंडारण, सब्जियों और फलों की कमी का अध्ययन करने में रूचि रखते है।
यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स एको – फ्रेंडली प्रक्टिसेस और फ़ूड उत्पादन जैसी गहरी अवधारणाओं और तकनीकों को शामिल करता है। एमए होम साइंस कोर्स में एडमिशन योग्यता के आधार पर होता है एंव इसमें सिर्फ वही उम्मीदवार एडमिशन ले सकते है जिन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमए होम साइंस |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन होम साइंस |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट |
कोर्स फीस | 10,000 से 80,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 6 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | टेक्सटाइल डिजाइनिंग, टेक्निशियन, सीड टेक्नोलॉजी, प्लांट ब्रीडिंग, प्लांट कल्टीवेशन, प्लांट फिजियोलॉजी आदि |
एमए होम साइंस की औसत फीस विभिन्न विश्वविधालयों एंव कॉलेजो में लगभग 10,000 रुपये से 80,000 रुपये के बीच है। यह कोर्स करने के बाद उम्मीदवार प्रोडक्शन मैनेजर, फूड इंस्पेक्टर, हॉर्टिकल्चरिस्ट, फ्लोरिकल्चरिस्ट, फूड प्रोसेसिंग प्लांट मैनेजर आदि प्रोफाइल में काम कर सकते है।
एमए होम साइंस कोर्स क्या है?
एमए होम साइंस एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसकी अवधि 2 वर्ष है और इसे 4 भागों में विभाजित किया गया है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहतर है जो खाद्य उत्पादन और पर्यावरण की सुधार करने की विभिन्न विधियाँ सिखाता है।
एमए होम साइंस के कोर्स में दवाईयाँ, सजावटी पौधे, सब्जियाँ, समुद्री शैवाल और जड़ी-बूटियाँ, मशरूम और गैर-खाद्य पौधों जैसे घास, वस्त्रों की विभिन्न गुणवत्ता और भोजन से संबंधित मुद्दें शामिल हैं।
एमए होम साइंस कोर्स में भौतिक विज्ञान, जैविक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से जुड़े पढ़ाई का एक मिश्रण है, जिसमें ये तीनों क्षेत्र एक साथ आते हैं और एक नई विज्ञान की नींव रखी गई है। यह कोर्स पौधों को एक साथ उगाने और उनकी खेती करने के विज्ञान और कला को विस्तार से सिखाता है।
एमए होम साइंस उन उम्मीदवारों के लिए बहुत उपयुक्त है जो प्राइवेट सेक्टर के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य और सेक्टर दोनों क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
ये भी पढ़े : एमए योगा कोर्स
एमए होम साइंस कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमए होम साइंस के आधुनिक अनुप्रयुक्त विज्ञान को अगर सही तरीके से लागू किया जाए तो जीवन बदल सकता है। यह हमारी जीवनशैली को अधिक बेहतर बनाता है और यही विचार हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है।
यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स महत्वपूर्ण सोच और मार्केट रिसर्च को प्रोत्साहित करता है जिससे छात्र रिसर्च के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते है।
यह कोर्स जैविक जीवन शैली के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करता है जिसमें ताजा उपज शामिल है। एमए होम साइंस छात्रों को विभिन्न अत्यधिक मूल्यवान पौधों के पोषण, स्वास्थ्य लाभ और सौंदर्यशास्त्र को समझने में मदद करता है।
उपभोक्ता आधार के बारे में शोध और सीखने से, डिजाइनरों को ऐसे उत्पादों को डिजाइन करने का अवसर मिलता है जो अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल होते हैं।
इस कोर्स के माध्यम से छात्र विभिन्न सामाजिक, फाइनेंसियल, पर्यावरण और कार्यात्मक पहलुओं के बारे में जानेंगे एंव एमए होम साइंस ग्रेजुएट का वार्षिक वेतन लगभग 5 से 6 लाख रुपये प्रति वर्ष हो सकता है।
MA Home Science कोर्स के Types
उम्मीदवार विभिन्न विश्वविधालयों एंव कॉलेज की मदद से रेगुलर या डिस्टेंस मोड में एमए होम साइंस कोर्स को कर सकते है, नीचे आपको इनकी जानकारी दी गयी है:
फुल-टाइम एमए होम साइंस : फुल-टाइम एमए होम साइंस कोर्स को अधिकतम कॉलेज एंव विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है जिसकी अवधि दो वर्ष है। इसमें छात्रों को रेगुलर क्लासेस लेना अनिवार्य है, और समय से असाइनमेंट जमा करना एंव कॉलेज में अपनी परीक्षा देना आदि शामिल है। इसमें छात्र योग्यता के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
पार्ट-टाइम एमए होम साइंस : पार्ट-टाइम एमए होम साइंस कोर्स वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया है क्योंकि ये रेगुलर कक्षाओं में भाग नहीं ले सकते है। पार्ट-टाइम कोर्स में वर्किंग प्रोफेशनल्स की सुविधा के आधार पर पढ़ाई करायी जाती है। इसमें साप्ताहिक ऑफलाइन या ऑनलाइन क्लास शामिल है।
डिस्टेंस एमए होम साइंस : भारत में कई संस्थान है जो छात्रों एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स को डिस्टेंस मोड में एमए होम साइंस कोर्स करने की अनुमति देते हैं। यह कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो किसी कारनवश कॉलेज क्लास अटेंड करने में सक्षम नहीं है। इस कोर्स में उम्मीदवार सीधे आवेदन कर ग्रेजुएशन के बाद ही एडमिशन ले सकते है।
ये भी पढ़े : एमए फाइन आर्ट्स कोर्स
MA Home Science कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं बीए के बाद गृह विज्ञान में एमए कर सकता हूं? जी हाँ, एमए होम साइंस कोर्स में एडमिशन मेरिट-आधारित या प्रवेश परीक्षा आधारित दोनों के आधार पर लिया जा सकता है। इस कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता मानदंड इस प्रकार है:
- उम्मीदवार ने यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त एक कॉलेज या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की होनी चाहिए।
- अगर आपने गृह विज्ञान, खाद्य विज्ञान आदि में बीए किया है तो ये आपके लिए एक एडवांटेज होगा।
- एडमिशन के लिए कुछ संस्थान ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% अंको की भी मांग करते है इसके अलावा आरक्षित वर्ग के लिए विशेष प्रावधान दिया जाता है।
MA Home Science कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
होम साइंस में मास्टर्स डिग्री कोर्स में एडमिशन छात्रों को मुख्य रूप से बीए स्कोर के आधार पर दिया जाता है या अंतिम योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार मेरिट तैयार कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
कुछ भारतीय संस्थान है जिनमें एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा से गुजरना होता है। ये प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय, राज्य एंव विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाती है जिसमें पहले उम्मीदवार को आवेदन कर परीक्षा में शामिल होना होता है। परीक्षा के कुछ दिन रिजल्ट आता है जिसमें अगर आप अच्छा स्कोर कर लेते है तो आप अपने मन पसंद कॉलेज में एडमिशन लेने के योग्य हो जाती है।
ये भी पढ़े : एमए मनोविज्ञान कोर्स
एमए होम साइंस कोर्स के भविष्य में अवसर
Ma होम साइंस के बाद क्या करें? यह कोर्स करने के बाद विभिन्न क्षेत्रो इ अपार संभावनाएं है जहां करियर बनाया जा सकता है होम साइंस में एमए करने के बाद उम्मीदवार टेक्सटाइल डिजाइनिंग, टेक्निशियन, सीड टेक्नोलॉजी, प्लांट ब्रीडिंग, प्लांट कल्टीवेशन, प्लांट फिजियोलॉजी आदि में काम कर सकते हैं।
एमए होम साइंस ग्रेजुएट्स उच्च शिक्षा के लिए एमफिल या पीएचडी पाठ्यक्रम को भी चुन सकते हैं और सरकारी संस्थानों एंव प्राइवेट कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर सकते हैं। इसके आलावा प्रतियोगी सिविल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकते हैं।