Management Courses After 12th : मैनेजमेंट एक ऐसा करियर विकल्प है जिसमें विभिन्न स्तर पर पढ़ाई करायी जाती है इसलिए अगर आप मैनेजमेंट में रूचि रखते है तो 12वीं के बाद डिप्लोमा या ग्रेजुएशन स्तर पर पढ़ाई कर सकते है। हालंकि भारत में कुछ ही ऐसे बिज़नेस कॉलेज है जो आपको सही स्किल सिखाने में अहम भूमिका निभाते है।
अगर आप भी मैनेजमेंट के क्षेत्र में रूचि रखते है या मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते है तो यह लेख आपके लिए है यहां आपको 12वी के बाद मैनेजमेंट के क्षेत्र किए जाने बाले सभी कोर्सेस के बारे में चर्चा की जायेगी, जिनमे से आप अपनी पसंदनुसार कोई भी कोर्स चुनकर मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू कर सकते है।
Management Courses After 12th
दुनिया में जिस तरह से कॉर्पोरेट बढ़ते जा रहे है ठीक उसी प्रकार मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जा रही है, इसलिए वह छात्र जो 12वी पास करने के बाद मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है उनके लिए मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने के बाद अपार संभावनाएं है कि वह अच्छे पद पर आसानी से नौकरी पा सकते है।
मैनेजमेंट के क्षेत्र में विभिन्न स्तर पर कॉलेज एंव विश्वविद्यालय द्वारा कोर्स कराए जाते है जिनमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एंव ग्रेजुएशन कोर्स शामिल है जिन्हे छात्र अपनी रुचि, स्किल और योग्यता के आधार पर चुन सकते है।
जिस तरह अगर कोई व्यक्ति ग्रेजुएशन के बाद एमबीए करना चाहता है तो उसका लक्ष्य खुद का व्यापार शुरू करना हो सकता है या कॉर्पोरेट दुनिया में एक अच्छे मैनेजमेंट पद पर नौकरी करना हो सकता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि किसी भी कोर्स का चुनाव करने के पहले आपका लक्ष्य क्लियर होना चाहिए कि आपको भविष्य में करना क्या है।
अगर आप भारत के किसी शीर्ष कॉलेज से मैनेजमेंट की पढ़ाई करते है तो आपको नौकरी बहुत आसानी से मिल सकती है क्योंकि इन कॉलेजो में एप्पल, टीसीएस, इनफ़ोसिस, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसे कंपनियां आती है आवर छात्रों को उनके स्किल के आधार पर नौकरी और वेतन ऑफर करती है।
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मैनेजमेंट के लिए कौन सा कोर्स किया जाता है? अभी हम उन सभी कोर्सेस के बारे में जान लेते है जिन्हे आप 12वी के बाद कर सकते है।
- बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
- बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस)
- बीबीए + एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स
- डिग्री इन होटल & हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट
- बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन मैनेजमेंट
- बैचलर ऑफ़ आर्ट्स इन मैनेजमेंट
- बैचलर ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज
- बैचलर ऑफ़ बिज़नेस इकोनॉमिक्स
- बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस
यह सभी मैनेजमेंट कोर्सेस है जिन्हे आप 12वी के बाद कर सकते है अभी हम सभी कोर्सेस के बारे में विस्तार से समझते है।
#1 बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि बीबीए तीन वर्षीय स्नातक कोर्स है, यह 12वी के बाद किए जाने बाले मैनेजमेंट कोर्स के अंर्तगत आता है। जिसमे छात्रों में मार्केटिंग, फाइनेंस और एचआर आदि विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। भारत की विभिन्न कंपनियों में बीबीए ग्रेजुएट्स की मांग रहती है क्योंकि एक कंपनी के लिए मैनेजमेंट प्रोफेशनल की सख्त आवश्यकता होती है।
शैक्षिक योग्यता
बीबीए कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों ने अंग्रेजी विषय के साथ अपना 12वी पास किया होना चाहिए, और इसके साथ ही वह छात्र जो बीबीए कोर्स में आवेदन करना चाहते है उन्होंने अपना 12वी न्युनतम 50% अंको के साथ पूरा किया हो। इसके अलावा उम्मीदवार की आयु 17 से 24 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है।
कोर्स फीस
बीबीए कोर्स की फीस कॉलेज पर निर्भर करती है कि वह कॉलेज बीबीए कोर्स के लिए कितनी फीस ले रहे है लेकिन औसतन आप 2 से 3 लाख रुपये में बीबीए कोर्स को पूरा कर सकते है। जिस कॉलेज या विश्वविद्यालय में आप प्रवेश लेने जा रहे है अगर वह सरकारी कॉलेज या विश्वविद्यालय है तो आपको प्राइवेट कॉलेज या विश्वविद्यालय की तुलना में कम फीस देनी होगी।
नौकरी के अवसर
बीबीए कोर्स पूरा करने के बाद, आप विभिन्न सेक्टर में बहुत से अवसर पा सकते है। एक शुरुआती बीबीए ग्रेजुएट का वेतन लगभग 3 से 5 लाख रुपये प्रति वर्ष रहता है। इसके साथ ही अगर छात्र ने बीबीए करने के बाद एमबीए कोर्स पूरा कर लिया है तो वह भारत के साथ ही विदेश में भी अच्छे पैकेज पर नौकरी का अवसर पा सकते है।
#2 बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस)
बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज तीन वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स है, यह छात्रों को बिज़नेस और कॉर्पोरेट फर्म में इस्तेमाल होने बाली एडवांस मैनेजमेंट स्किल को सिखाता है। जिसमें सामान्य कॉर्पोरेट, ह्यूमन रिसोर्सेस, अर्थशात्र और बिज़नेस स्टडीज जैसे विषय शामिल होते है।
शैक्षिक योग्यता
बीएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों ने अपना 12वी न्यूनतम 50% अंको के साथ पास किया हो, यह लगभग सभी विश्वविधालय और कॉलेज में एडमिशन के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा भारत के कुछ शीर्ष कॉलेज बीएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है और उस प्रवेश परीक्षा में छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन किया जाता है।
कोर्स फीस
बीएमएस कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को 1 से 2 लाख रुपये तक फीस पड़ सकती है। इसके साथ ही कोर्स की फीस छात्र द्वारा चुने गए कॉलेज पर निर्भर करती है।
नौकरी के अवसर
बीएमएस कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र विभिन्न सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी के अवसर पा सकते है। इन सेक्टर में उम्मीदवार बैंकर, क्वालिटी स्पेशलिस्ट, बिज़नेस डेवलपमेंट मैनेजर, अध्यापक, बिज़नेस एनालिस्ट, फाइनेंस ऑफिसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में काम कर सकता है।
#3 बीबीए + एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स
इंटेग्रेटेड कोर्स का मतलव है कि दो कोर्सेस को एक साथ करना, जिसमें छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों साथ में ही कराए जाते है। यह कोर्स भी 12वी भी के बाद किया जाने बाले मैनेजमेंट कोर्स में शामिल है। बीबीए + एमबीए कोर्स की अवधि 5 वर्ष होती है जिसमें आपको बिज़नेस, मैनेजमेंट और मार्केटिंग से संबधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से सिखाया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
बीबीए + एमबीए इंटेग्रेटेड कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम 60% अंको के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है। इस कोर्स में छात्रों के एडमिशन मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर किए जाते है। यह पूरी तरह से कॉलेज पर निर्भर करता है कि वह मेरिट या प्रवेश परीक्षा में से किसके आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करते है। इसके साथ ही वह उम्मीदवार जो आरक्षित श्रेणी के अंर्तगत आते है उन्हें अंको में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
अगर आप भारत के शीर्ष इंस्टिट्यूट जैसे कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट यानि आईआईएम में एडमिशन लेना चाहते है तो पहले आपको कैट प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा, उसके उपरान्त ही इन कॉलेज में एडमिशन संभव है।
कोर्स फीस
बीबीए + एमबीए इंटेग्रेटेड कोर्स की फीस अन्य मैनेजमेंट कोर्स की तुलना में अधिक होती है, अगर आप भारत के किसी शीर्ष कॉलेज से बीबीए + एमबीए इंटेग्रेटेड कोर्स करते है तो इसकी फीस 10 से 20 लाख रुपये तक भी जा सकती है।
नौकरी के अवसर
यह कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों के पास देश विदेश की विभिन्न कंपनियों में नौकरी के बहुत से मिलेंगे जहां छात्र अपनी मैनेजमेंट यात्रा की शुरुआत कर सकता है। इसके साथ ही अगर आपने भारत के किसी शीर्ष कॉलेज से पढ़ाई पूरी की है तो आप आसानी से 5 से 15 लाख रुपये प्रति वर्ष की नौकरी पा सकते है।
#4 डिग्री इन होटल & हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट
इस कोर्स की अवधि 4 वर्ष है, अगर आप होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म के क्षेत्र में रूचि इसमें अपना करियर बनाना चाहते है तो यह कोर्स आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस कोर्स को आप भारत के साथ – साथ विदेश में नौकरी के अवसर पा सकते है। इस कोर्स में आपको होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म से संबधित विभिन्न पहलुओं के बारे में सिखाया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
वह उम्मीदवार जो इस कोर्स में एडमिशन लेने की इच्छा रखते है उन्होंने किसी भी स्ट्रीम में 12वी पास किया होना अनिवार्य है। उम्मीदवार विभिन्न कॉलेज के माध्यम से इस कोर्स के रेगुलर मोड में कर सकते है इसके साथ ही छात्र यह ध्यान दे कि यह कोर्स डिस्टेंस मोड में उपलब्ध नहीं है।
नौकरी के अवसर
यह कोर्स करने के बाद उम्मीदवार इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, कसीनो, थीम पार्क, ट्रेवल एजेंसीज आदि क्षेत्रो में काम कर सकते है।
भारत के शीर्ष डिग्री इन होटल & टूरिज्म मैनेजमेंट कॉलेज
- आईएचएम, हैदराबाद
- आईएचएम, लखनऊ
- आईएचएम, कोलकाता
- आईएचएम, भोपाल
- आईएचएम, मुंबई
- आईएचएम, बैंगलोर
- आईएचएम, गुरदासपुर
- एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, चेन्नई
#5 बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट
बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट 12वी के बाद किया जाने बाला 3 वर्ष का एक ग्रेजुएशन कोर्स है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों के 12वी में न्यूनतम 50% अंक और अंग्रेजी एक अनिवार्य विषय के रुप में होना आवश्यक है। बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद छात्र उच्च शिक्षा के लिए होटल मैनेजमेंट में एमबीए या एमएससी इन मैनेजमेंट कोर्स कर सकते है।
वह छात्र जो होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है यह कोर्स उनके लिए एक परफेक्ट विकल्प है। छात्र इस कोर्स में होटल मैनेजमेंट से संबधित विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखते है। उम्मीदवार इस कोर्स के करने के बाद होटल मैनेजमेंट मैनेजर, होटल मैनेजमेंट ट्रेनी, सेल्स मैनेजर, रेस्ट्रोरेंट मैनेजर और हाउस कीपिंग मैनेजर के टूर पर काम कर सकते है।
उम्मीदवार बैचलर ऑफ़ साइंस इन होटल मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने के बाद भारत की विभिन्न कंपनियों में 5 से 7 लाख रूपये प्रति वर्ष की नौकरी आसानी से पा सकते है।
इस कोर्स में एडमिशन छात्रों के 12वी के अंको के आधार पर मेरिट के अनुसार और प्रवेश परीक्षा के अदहार पर किया जाता है।
#6 डिप्लोमा इन मैनेजमेंट
छात्रों के पास डिग्री कोर्सेस के अलावा डिप्लोमा का भी विकल्प है जिसमें छात्र मैनेजमेंट के एक विशेष क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स कर सकता है। मैनेजमेंट में विभिन्न डिप्लोमा कोर्स है जिन्हे उम्मीदवार अपनी रूचि और लक्ष्य के अनुसार चुनाव कर सकता है। यह डिप्लोमा आमतौर पर 1 से 2 वर्ष के होते है।
वह छात्र जो एक विशेष क्षेत्र में कम समय देकर प्रैक्टिकल ज्ञान हासिल करना चाहते है उनके लिए डिप्लोमा एक अच्छा विकल्प है। भारत में विभिन्न विश्वविधालय है जो आपको मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर विभिन्न मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स करने देते है।
एक विशेष स्पेशलाइजेशन में डिप्लोमा कोर्स करने से छात्र को उस क्षेत्र के बारे में गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलती है। इसलिए छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपनी रुचि और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुये डिप्लोमा कोर्स का चुनाव करे।
मैनेजमेंट एक बहुत बड़ा क्षेत्र है, यह हम सभी जानते है और लगभग सभी क्षेत्र में मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको अपना क्षेत्र चुनना है जिसमे आप माहिर होना चाहते है क्योंकि मैनेजमेंट में प्रत्येक क्षेत्र की पढ़ाई अलग होती है। यहां आपको कुछ लोकप्रिय डिप्लोमा कोर्स की सूची दी गयी है जिन्हे आप 12वी के बाद कर सकते है।
- डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन आर्गेनाइजेशन मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन मार्केटिंग एंड मार्केटिंग
- डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट
- डिप्लोमा इन फैशन मार्केटिंग एंड मर्चेंडाइजिंग
- डिप्लोमा इन ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट
#7 बीए मैनेजमेंट कोर्स
बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट कोर्स को 12वी के बाद किया जा सकता है जिसकी अवधि 3 वर्ष है, इस कोर्स में छात्रों को आर्गेनाइजेशन में उपयोग होने बाले विभिन्न मैनेजमेंट पहलुओं को सिखाया जाता है। भारत के विभिन्न कॉलेज और विश्वविधालय इस कोर्स को कराते है इसलिए छात्र अपनी पसंद के कॉलेज या विश्वविद्यालय से इस कोर्स को पूरा कर सकते है।
नौकरी के अवसर
यह कोर्स पूरा करने के बाद आप भारत की विभिन्न कंपनियों में निम्न पदों पर काम कर सकते है:
- अकाउंटेंट
- ऑपरेशन & मैनेजमेंट कोऑर्डिनेटर
- असिस्टेंट मैनेजर
- फाइनेंस सिस्टम एग्जीक्यूटिव
- प्रोजेक्ट मैनेजर
- प्रीसेल्स कंसलटैंट
- ऑपरेशन्स एग्जीक्यूटिव
- रीजनल मैनेजर – बिज़नेस & मार्केटिंग
- अध्यापक
#8 बैचलर ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज
बैचलर ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज 12वी के बाद किया जाने वाला 3 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है, और यह समस्त बिज़नेस मैनेजमेंट से संबधित है। इस कोर्स में छात्रों को बिज़नेस स्टडीज, मार्केटिंग, फाइनेंस और अर्थशात्र आदि विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
बैचलर ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने न्यूनतम 55% अंको के साथ 12वी किया होना चाहिए और साथ ही अंग्रेजी एक अनिवार्य विषय के रूप में होना आवश्यक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबधित कॉलेज में एडमिशन के लिए आपको डीयू जीएटी प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी उसके उपरान्त ही एडमिशन लिया जा सकता है। इसके साथ ही अगर आप आरक्षित श्रेणी के अंर्तगत आते है तो आपको अंको 12वी के अंको में 5% की छूट प्रदान की जाएगी।
नौकरी के अवसर
मैनेजमेंट के क्षेत्र में बैचलर ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज कोर्स वाले छात्रों की बहुत डिमांड है, छात्र यह कोर्स पूरा करने के बाद आप अक्सेंचर, एचसीएल, टीसीएस और आईबीएम जैसे विभिन्न भारतीय और विदेशी कंपनियों में काम कर सकते है।
#9 बैचलर ऑफ़ बिज़नेस इकोनॉमिक्स
बैचलर ऑफ़ बिज़नेस इकोनॉमिक्स कोर्स की अवधि 3 वर्ष है और भारत के कुछ ही विश्वविद्यालय और कॉलेज इस कोर्स को कराते है। इस कोर्स में छात्रों को बिज़नेस, मैनेजमेंट और फाइनेंस के बारे में विस्तार से सीखने को मिलता है। यह कोर्स अर्थशात्र के क्षेत्र में मायक्रोइकॉनॉमिक्स और मैक्रोइकॉनॉमिक्स पर फोकस करता है। इस कोर्स को करने वाले छात्रों के लिए फाइनेंस और मैनेजमेंट के क्षेत्र में विभिन्न अवसर प्राप्त होते है।
शैक्षिक योग्यता
वह उम्मीदवार जिसने अपना 12वी 55% अंको के साथ पास किया है वह बैचलर ऑफ़ बिज़नेस इकोनॉमिक्स में एडमिशन ले सकते है। इसके साथ ही वह उम्मीदवार जो आरक्षित श्रेणी के अंर्तगत आते है उन्हें 12वी के अंको में 5% की छूट प्रदान की जायेगी।
#10 बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस
12वी के बाद की जाने बाली यह एक प्रोफेशनल डिग्री है जो छात्रों को अन्तराष्ट्र्रीय व्यापार और फाइनेंस के बारे में सिखाते है। बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस कोर्स की अवधि 3 वर्ष है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अन्तराष्ट्र्रीय व्यापार और फाइनेंस के बारे में सीखना चाहते है।
जब कोई कंपनी एक देश में अच्छा कर रही होती है और वह चाहती है कि अव उसकी सर्विस या प्रोडक्ट अन्य देश में भी लोगो तक पहुंचे। इसके लिए कंपनियों को ऐसे प्रोफेशनल की आवश्यकता होती है जो उनके व्यापार को अन्तराष्ट्र्रीय मार्केट में पहुंचा सके।
शैक्षिक योग्यता
बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए किसी भी स्ट्रीम में 12वी पास होना अनिवार्य है। इसके साथ 12वी में अंग्रेजी एक अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए। भारत के कुछ ही कॉलेज इस कोर्स को कराते है इसलिए इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको उनके द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा, उसके उपरान्त ही आपका एडमिशन हो पायेगा।
नौकरी के अवसर
- इंटरनेशनल सिक्योरिटी एनालिस्ट
- इंटरप्रेटर
- फॉरेन सर्विस ऑफिसर
- फॉरेन इन्वेस्टर
- इंटरनेशनल ह्यूमन रिसोर्सेस मैनेजर
- इंटरनेशनल ट्रेनिंग मैनेजर
- ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजर
- अकाउंट एग्जीक्यूटिव
मैनेजमेंट कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा
बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस कोर्स में एडमिशन के लिए राष्ट्र्रीय स्तर पर कुछ प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमे आपको पहले आवेदन करना होता है फिर उसके बाद प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होता है। कुछ दिन बाद आपका रिजल्ट आता है जिसमे छात्रों द्वारा किए गए स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। जिसमें अगर आप प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर कर मेरिट में स्थान बना लेते है तो काउंसलिंग के बाद आपके एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है।
यहाँ आपको कुछ प्रवेश परीक्षा दी गयी है जिनके माध्यम से आप बैचलर ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस एंड फाइनेंस कोर्स में एडमिशन ले सकते है: freeslots dinogame
- कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT)
- ज़ेवियर एप्टीटुड टेस्ट (XAT)
- ग्रेजुएट मैनेजमेंट एप्टीटुड टेस्ट (GMAT)
- मैनेजमेंट एप्टीटुड टेस्ट (MAT)
- कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (CMAT)