MBA Hospitality Management कोर्स : एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट या मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है जो छात्रों को होटल इंडस्ट्री के साथ – साथ सामान्य व्यापार प्रक्रियाओं और सिद्धांतों पर के बारे में भी विस्तारपूर्वक सिखाती है। इसलिए वह उम्मीदवार जो होटल इंडस्ट्री में काम करने का विचार कर कर रहे है वह ग्रेजुएशन करने के बाद इस कोर्स में मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एडमिशन के छात्रों से ग्रेजुएशन के साथ – साथ प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने की भी जिम्मेदारी होती है। जहां उम्मीदवार कैट, जीमैट, एक्सएटी, एनएमएटी जैसी एमबीए प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर एडमिशन ले सकता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 2,00,000 से 8,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | होटल मैनेजर, इवेंट मैनेजर, फाइनेंशियल प्लानर, कैटरर आदि। |
भारत के विभिन्न कॉलेज एंव विश्वविद्यालयों की मदद से एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स किया जा सकता है जहां इस कोर्स की फीस लगभग 2,00,000 से 8,00,000 रुपये के बीच है। हालंकि प्रत्येक संस्थान अपने स्तर पर कोर्स की फीस तय करता है इसलिए सभी संस्थानों की फीस एक दुसरे से भिन्न होती है।
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट क्या है इन हिंदी? मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) इन हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, जिसे एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट के रूप में भी जाना जाता है, एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसकी अवधि दो साल है और इसका कार्यक्रम चार सेमेस्टरों में विभाजित होता है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य होटल और मैनेजमेंट उद्योग में विभिन्न प्रकार की पेशेवर भूमिकाओं के लिए पेशेवरों को तैयार करना है।हॉस्पिटैलिटी एमबीए कोर्स में, उम्मीदवारों को हॉस्पिटैलिटी उद्योग में जुड़े पहलु, व्यवसाय प्रथाएँ, और सिद्धांतों के बारे में सिखाया जाता है।
यह हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट का पाठ्यक्रम मुख्य रूप से हॉस्पिटैलिटी उद्योग के विभिन्न पहलुओं के आसपास केंद्रित सिद्धांत और परियोजनाओं पर आधारित है जिसमे छात्रों को कम्युनिकेशन स्किल्स भी सिखाया जाता है जिसमें बातचीत, जनसंपर्क और टीम मैनेजमेंट भी शामिल है।
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एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स छात्रों को मैनेजमेंट और अंतरराष्ट्रीय हॉस्पिटैलिटी, पर्यटक और अन्य सेवा आधारित उद्योगों में बेहतर भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।
बिजनेस टुडे के अनुसार, भारत के हॉस्पिटैलिटी उद्योग को कोविड -19 के बाद 45 से 50 प्रतिशत वार्षिक दर से विकसित होने का अनुमान है।
2023 के अंत तक, भारत का होटल व्यवसाय 13% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 1,210.87 बिलियन होने का अनुमान है, इसलिए अगर आप हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में करियर बनाने का विचार कर रहे है तो ये एक अच्छा विचार कर रहे है।
हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में एमबीए पूरा करने के बाद छात्र होटल मैनेजर, इवेंट मैनेजर, फाइनेंशियल प्लानर, कैटरर आदि भूमिकाओं की उम्मीद कर सकते हैं।
MBA Hospitality Management कोर्स के Types
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट भारत के कई संस्थानों द्वारा रेगुलर एंव डिस्टेंस मोड में पेश किया जाता है जिनमें आप अपनी इच्छा के अनुसार पढ़ाई शुरू कर सकते है :
रेगुलर एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट : हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एमबीए वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है। इस लर्निंग मोड में, उम्मीदवार नियमित रूप से कॉलेज में भाग लेने की आवश्यकता होती है साथ ही असाइनमेंट और प्रोजेक्ट भी करने होते है और कैंपस में अपनी परीक्षा भी देना अनिवार्य है। रेगुलर लर्निंग मोड में उम्मीदवार योग्यता या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट : जो छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स कॉलेज में नियमित रूप से भाग लेने में असमर्थ हैं, उन्हें डिस्टेंस लर्निंग मोड का विकल्प चुनना चाहिए। जो वर्किंग प्रोफेशनल हैं उन्हें डिस्टेंस एजुकेशन की सलाह दी जाती है। भारत में कई विश्वविद्यालय और संस्थान है छात्रों के लिए डिस्टेंस शिक्षा प्रदान करते हैं। एमबीए इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो पढ़ाई के साथ-साथ अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
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MBA Hospitality Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम आवश्यकताएँ हैं जिन्हें छात्रों को पूरा करना चाहिए:
उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री उत्तीर्ण होनी चाहिए।
साथ ही विभिन्न कॉलेज एंव विश्वविद्यालय छात्रों से न्यूनतम 50% अंको की मांग की जाती है, इसके अलावा आरक्षित छात्रों को 5% की छूट प्रदान की जाती है।
किसी भी क्षेत्र में कम से कम 2 वर्ष के अनुभव वाले उम्मीदवारों को एडमिशन के दौरान प्राथमिकता दी जाती है।
MBA Hospitality Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन दो तरह से किया जाता है जिनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से या योग्यता के माध्यम से सीधे एडमिशन द्वारा होता है।
शीर्ष कॉलेज में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षाओं में आवेदन करना चाहिए, क्योकि अपनी पसंद के कॉलेज में जाने के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। इन प्रवेश परीक्षाओं में CAT, XAT, NMAT, MAT, SNAP और CMAT आदि शामिल हैं। एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद छात्रों से ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
योग्यता के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाने वाले कॉलेज एंव विश्वविद्यालय आवेदन फॉर्म जारी करते है और इच्छुक छात्र अपने सभी दस्ताबेजों के साथ आवेदन करते है जिसके बाद संस्थान छात्रों के ग्रेजुएशन में किए प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन के लिए मेरिट सूची तैयार करते है।
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एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन उम्मीदवार की प्राथमिकताओं के आधार पर दिया जाता है और एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट उपलब्ध सबसे लोकप्रिय कोर्सेस में से एक है।
एमबीए हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के पास कई प्रमुख फर्मों और प्रमुख सेक्टर के साथ काम करने की संभावनाएं हैं। उम्मीदवार इस कोर्स को पूरा करने के बाद प्रति वर्ष 3 से 10 लाख के बीच कमाने की उम्मीद कर सकते हैं। क्योंकि वह कैसीनो मैनेजर, क्रूज मैनेजर, फाइनेंस मैनेजर, फूड एंड बेवरेज मैनेजर, लॉजिंग मैनेजर, रेस्तरां मैनेजर आदि के रूप में कंपनियों में काम कर सकते है।
इन सबके अलावा अगर आप आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते है तो हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में पीएचडी करने का विकल्प भी चुन सकते है और रिसर्च के क्षेत्र में जा सकते है या फिर हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में कोई पीजी डिप्लोमा कोर्स करने का निर्णय भी ले सकते है।