MBA Material Management कोर्स : एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो सामग्री और स्टोर मैनेजमेंट से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से छात्रों को थ्योरी और कम्प्यूटेशनल स्किल के साथ अध्ययन कराता है।
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स कराने वाले संस्थान UGC, AICTE, NBA, AMBA द्वारा प्रमाणित होते हैं, इसलिए इसे किसी भी नौकरी या अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है। इस कोर्स की औसत फीस 50,000 से शुरू होकर 10,00,000 तक हो सकती है जबकि औसत प्लेसमेंट पैकेज 8,00,000 रुपये प्रतिवर्ष है। कोर्स करने के बाद एमबीए ग्रेजुएट्स को परचेज मैनेजर, स्ट्रेटेजिक प्लानर और मैटेरियल एनालिस्ट जैसे पदों पर नौकरी दी जाती है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन मैटेरियल मैनेजमेंट |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 10,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 5 से 10 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | इन्वेंटरी मैनेजर, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, कॉर्पोरेट मैनेजर, सीनियर कंसल्टेंट, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, एसेट मैनेजर, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, ऑपरेशंस मैनेजर। |
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स मैटेरियल की योजना, डिजाइनिंग, निर्माण, लॉजिस्टिक्स आदि में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के बीच बहुत लोकप्रिय कोर्स है। मैटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए में मटेरियल से संबंधित सभी गतिविधियों का गहन अध्ययन और लागत प्रभावी तरीके से उन्हें कैसे पूरा किया जाए, इस बारे में है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की होनी चाहिए।
इस कोर्स के दौरान कम्युनिकेशन स्किल पर भी ध्यान केंद्रित जाता है क्योंकि कम्युनिकेशन स्किल इस उद्योग की एक आवश्यक आवश्यकता है साथ ही मटेरियल मैनेजर का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता और समय पर आपूर्ति से समझौता किए बिना लागत को कम करना है। एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट व्यवसाय अध्ययन के लोकप्रिय क्षेत्रों में से एक है, हालांकि, ये छात्रों को विभिन्न सेक्टर में काम करने का अवसर प्रदान करता है।
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स के दौरान छात्रों को मैनेजमेंट के सिद्धांत, ओर्गनइजेशनल बिहेवियर, बिज़नेस रिसर्च मेथोडोलॉजी, ऑपरेशन मैनेजमेंट एंव मटेरियल मैनेजमेंट आदि के बारे में विस्तारपूर्वक थ्योरी एंव प्रैक्टिकल के माध्यम से सिखाया जाता है।
ये भी पढ़े : एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
मैटेरियल मैनेजमेंट में एमबीए कोर्स कच्चे माल, मटेरियल को अच्छे से तैयार करने जैसी मैनेजमेंट करने के लिए हजारों प्रतिभाशाली छात्रों के अभिनव दिमाग का निर्माण करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिससे वह इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते है।
यह एक प्रैक्टिकल आधारित विषय है इसलिए इस विषय का विश्लेषण करके कोर्स के दौरान छात्रों को वह सभी स्किल्स सिखायी जाती है जो इस क्षेत्र में काम करने के लिए आवश्यक है।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को सीखने और प्रदर्शन करने का मौका मिलता है जिससे वह कोर्स पूरा करने के बाद विभिन्न भारतीय एंव विदेशी कंपनियों में नौकरी का अवसर पा सकते है।
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद पैकिंग और वितरण मैनेजर, निर्यात और आयात मैनेजर, क्वॉलिटी मैनेजर और इनबाउंड और आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स की भूमिकाो के लिए नौकरियों की पेशकश की जाती है। जिनके लिए शुरुआती समय में औसत वार्षिक वेतन 6,50,000 से 10,00,000 रुपये के बीच रहता है।
MBA Material Management कोर्स के Types
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स को भारत के विभिन्न संस्थानों में कराया जाता है और इसकी उच्च मांग के कारण, इस कोर्स को रेगुलर एंव डिस्टेंस मोड में कराया जाता है जिससे वह उम्मीदवार भी अपनी पढ़ाई जारी रख सके, जो किसी कारणवश कॉलेज जाने में असमर्थ है।
रेगुलर एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट : भारत में रेगुलर एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा वह रेगुलर मोड में एडमिशन योग्यता या राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के माध्यम से या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से एडमिशन ले सकते हैं। उन प्रवेश परीक्षाओं में CAT, XAT, GMAT, SNAP, NMAT, CMAT आदि शामिल हैं और इस इस कोर्स को शुल्क 2 से 10 लाख रुपये में किया जा सकता है।
डिस्टेंस एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट : डिस्टेंस एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट यूजीसी-डीईबी और एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त कोर्स है इसलिए इस डिग्री को आप कही भी इस्तेमाल कर सकते है ये पूरे देश में मान्य है। डिस्टेंस कोर्स में छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता नहीं है। डिस्टेंस एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट को इच्छुक उम्मीदवार 50,000 से 3,00,000 रुपये में पूरा कर सकते है।
ये भी पढ़े : एमबीए रूरल एंव मार्केटिंग मैनेजमेंट
MBA Material Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए योग्यता मानदंड भारत के सभी विश्वविद्यालयों में लगभग समान ही है। उम्मीदवारों के पास निम्नलिखित में से कोई भी एक डिग्री होनी चाहिए जैसा कि नीचे बताया गया है:
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान या कॉलेज से बीबीए/बीटेक/बीए/बीएससी या कोई अन्य ग्रेजुएशन डिग्री होना अनिवार्य है।
- साथ ही उम्मीदवार ने अपना ग्रेजुएशन न्यूनतम 50% अंको के साथ पूरा किया होना चाहिए, हालंकि आरक्षित छात्रों को एडमिशन में 5% की छूट मिलती है।
- भारत के शीर्ष बिज़नेस कॉलेज से एमबीए करने के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
MBA Material Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
भारत में एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए अंतिम योग्यता परीक्षा यानी ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए, जैसा कि पहले बताया गया है। साथ ही इस कोर्स में उम्मीदवार योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार एडमिशन ले सकते है।
भारत के शीर्ष विश्वविद्यालय एंव कॉलेज विशेष रूप से एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं और साक्षात्कार सत्र भी आयोजित करते हैं, जिसके परिणाम के बाद छात्रों को एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
जबकि कुछ विश्वविद्यालय एंव कॉलेज यूजी डिग्री और 10+2 स्कोर में अंकों के वेटेज के आधार पर सीधे एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है।
ये भी पढ़े : एमबीए मार्केटिंग
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
आने वाले समय में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि ये दुनिया संसाधन संकट से पीड़ित है और मैटेरियल मैनेजमेंट समस्या का स्थायी समाधान है। शीर्ष चार देश इस क्षेत्र में अधिक नौकरियां पैदा करते है जो चीन, भारत, अमेरिका और जर्मनी हैं।
मैटेरियल मैनेजमेंट के क्षेत्र में विविध रोजगार है जैसे रेलवे से लेकर रिसर्च तक, सेना से लेकर सार्वजनिक परिवहन तक सप्लाई चैन उद्योगों तक, मैटेरियल मैनेजमेंट हर जगह मौजूद हैं। इतना ही नहीं, आप अपने करियर को कुछ वर्षो के अनुभव के बाद मुख्य क्रय अधिकारी (सीपीओ) और अध्यक्ष के स्तर तक भी ले जा सकते हैं।
एमबीए मैटेरियल मैनेजमेंट ग्रेजुएट के लिए औसत वेतन 7 से 8 रुपये लाख प्रति वर्ष है जबकि डिप्लोमा वाले उम्मीदवारों के लिए औसत वेतन 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष रुपये है। उम्मीदवार ध्यान दें कि आपका वेतन पैकेज इंडस्ट्री के रुझान और कंपनी दर कंपनी के साथ-साथ आपकी की क्षमता के अनुसार भिन्न हो सकता हैं।