MBA Total Quality Management कोर्स : एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट 2 वर्षीय एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जो इच्छुक छात्रों को एक संगठन के विभिन्न क्षेत्रों के मूल्यांकन, विकास और नए कार्यक्रमों की स्थापना के बारे में शिक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सर्वोत्तम उत्पाद या सेवाएं ग्राहक तक तक पहुंचाई जा सके।
यह कोर्स आम तौर पर 2 वर्ष का होता है, और इसे रेगुलर एंव डिस्टेंस मोड में किया जा सकता है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को किसी भी व्यवसाय प्रशासन, इंजीनियरिंग, विज्ञान, गणित या अन्य ग्रेजुएशन की डिग्री की आवश्यकता होती है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इन टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 1,00,000 से 8,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4 से 12 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | बैंक, सुरक्षा एजेंसियां, निर्माण और निर्माण फर्म आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | क्वॉलिटी सुपरवाइज़र, क्वॉलिटी इंजीनियर, क्वॉलिटी लीडर आदि। |
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को आप न्यूनतम योग्यता पूरा करने के बाद डिस्टेंस या रेगुलर मोड में कर सकते है। हालांकि, डिस्टेंस मोड की न्यूनतम योग्यता रेगुलर मोड के ही समान होती है। एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को भारत के विभिन्न संस्थानों की मदद से 1,00,000 से 8,00,000 रुपये में किया जा सकता है।
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स अनिवार्य रूप से क्वॉलिटी मैनेजमेंट में शामिल सिद्धांतों, अवधारणाओं और तकनीकों को शामिल करता है। यह कोर्स क्वॉलिटी मैनेजमेंट की उत्पत्ति की जांच करता है और कैसे इसकी तकनीकों और उपकरणों को लाभकारी और गैर-लाभकारी संगठनों दोनों में ठीक से लागू किया जा सकता है इसके बारे में बताता है। इस कोर्स के दौरान जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई, उनमें क्वॉलिटी का लाभप्रदता पर प्रभाव, लीन ऑपरेशन, सिक्स सिग्मा, ग्लोबल इफेक्टिवनेस, क्वॉलिटी कल्चर और कर्मचारी एम्पावरमेंट आदि शामिल हैं।
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स छात्रों को प्रबंधकीय पदों पर काम करने के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां वे नियमित मैनेजमेंट स्किल्स के अलावा टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट तकनीकों को लागू करना भी सीखते हैं। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रभावी अस्तित्व के लिए फर्म की सेवाओं की गुणवत्ता और प्रॉफिट दोनों को बढ़ाने में मदद करता है।
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एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
वह उम्मीदवार जिन्होंने एमबीए टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट कोर्स को कर लिया है, वह स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक शिक्षक के रूप में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वह लेक्चर बनने के लिए यूजीसी-नेट परीक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते है।
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट उम्मीदवारों को विनिर्माण और सेवाओं में उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रक्रिया नियंत्रण तकनीकों का विश्लेषण करने और उन्हें लागू करने के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार उपकरण का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के विभिन्न तरीको के बारे में सिखाता है।
वह प्रोफेशनल मैनेजर जो टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपने करियर को बनाना चाहते हैं, वह टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में एमबीए करने का विचार कर सकते है।
टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में एमबीए करने वाले ग्रेजुएट्स को ग्राहक एंव गुणवत्ता मैनेजमेंट, और व्यावसायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण मैनेजमेंट, सुरक्षा मैनेजमेंट प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होना चाहिए।
MBA Total Quality Management कोर्स के Types
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी जीवन शैली के अनुसार विभिन्न लर्निंग मोड में कर सकते हैं, जो कि इस प्रकार है:
फुल-टाइम एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट: एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट दो साल का कोर्स है जो भारत के विभिन्न संस्थान में कराया जाता है। इस कोर्स के दौरान छात्रों को थेओरिटिकल और प्रैक्टिकल दोनों के माध्यम से पढ़ाया जाता है। फुल-टाइम एमबीए कोर्स में छात्रों को कॉलेज जाकर पढ़ने की आवश्यकता होती है, इस कोर्स में एडमिशन योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जा सकता है।
डिस्टेंस एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट: दो से तीन साल का ये एमबीए कोर्स भारत के कुछ ही विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है, डिस्टेंस लर्निंग मोड में छात्रों को कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करने की जरुरत नहीं है बल्कि वह कही भी रहकर अपने समय के अनुसार पढ़ाई कर सकते है, इसलिए इसे अक्सर वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव उन छात्रों द्वारा किया जाता है जिनके पास समय की कमी है।
ऑनलाइन एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट : टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में ऑनलाइन एमबीए भी दो साल का कोर्स है, जिसे भारत के कुछ ही संस्थान द्वारा ऑनलाइन मोड में कराया जाता है इसमें छात्रों को लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सभी विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है और असाइनमेंट भी ऑनलाइन मोड में पूरे किए जाते है।
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MBA Total Quality Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की होनी चाहिए। हालंकि अगर आपने एकाउंटिंग, व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र और गणित जैसे विषय के साथ ग्रेजुएशन किया है तो आपको वरीयता दी जायेगी। साथ ही उम्मीदवार से ग्रेजुएशन के दौरान न्यूनतम 50% अंको की मांग की जाती है हालंकि आरक्षित वर्ग को 5% की छूट प्रदान की जाती है।
MBA Total Quality Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन संबंधित प्रवेश परीक्षा जैसे कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट), कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी), मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (एमएटी), संयुक्त प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (जेएमईटी), जेवियर एडमिशन टेस्ट (एमएटी) में उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर होता है।
प्रवेश परीक्षा मुख्य रूप से लिखित रूप में होती है और परीक्षा में मौखिक क्षमता, पढ़ने की समझ, मात्रात्मक क्षमता और व्यावसायिक डेटा व्याख्या जैसे क्षेत्रों में उम्मीदवारों का आकलन किया जाता है।
कुछ कॉलेज छात्रों के गर्डुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर भी एडमिशन की अनुमति देते है, जहां योग्यता के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनायी जाती है।
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एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
क्वॉलिटी मैनेजर किसी भी संगठन या कंपनी का एक महत्वपूर्ण पहलू होता है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि संगठन के प्रोडक्ट, सेवाओं और प्रक्रियाओं में निरंतरता और क्वॉलिटी का एक मानक स्तर बना रहे। किसी भी कंपनी में प्रोडक्ट की क्वॉलिटी को मैनेज करने के चार मुख्य पहलु होते है जिनमें क्वॉलिटी प्लानिंग, क्वॉलिटी की गांरटी, क्वॉलिटी कंट्रोल एंव क्वॉलिटी इम्प्रूवमेंट।
एमबीए टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद आप क्वॉलिटी सुपरवाइज़र, क्वॉलिटी इंजीनियर, क्वॉलिटी लीडर आदि के रूप में आप बैंक, सिक्योरिटीज, मैन्युफैक्चरिंग एंव कंस्ट्रक्शन फर्म, एकेडमिक इंस्टीटूशन, रिसर्च इंस्टीटूशन, सिविल सर्विस एंव सरकारी एजेंसी आदि में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है।