MSc Agronomy कोर्स : एमएससी एग्रोनोमी एक ग्रेजुएशन कोर्स है जिसे 2 वर्ष की अवधि में पूरा किया जा सकता है और इसे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है यानि प्रत्येक सेमेस्टर 6 महीने का होता है। यह कोर्स मुख्य रूप से छात्रों के लिए पर्यावरण की भलाई और कृषि उपज को बढ़ाने के लिए विभिन्न संसाधनों को सिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस कोर्स में छात्रों को व्यापक तरीकों के माध्यम से जनता, किसानों और साथी वैज्ञानिकों के साथ संवाद करने के उचित तरीके सिखाए जाते हैं। इसमें स्थायी कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए नए तरीकों की आवश्यकता में वृद्धि के के बारे में बताया जाता है। इस कोर्स की देश में सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रियता बढ़ रही है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी एग्रोनोमी |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन एग्रोनोमी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी एग्रीकल्चर या एग्रोनोमी |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 2,80,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | टेस्टिंग लैबोरेट्रीज, हेल्थ केयर इंडस्ट्री, नर्सरी, बीज कंपनियां, एग्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज आदि |
नौकरी प्रोफाइल | फोरेंसिक वैज्ञानिक, खाद्य वैज्ञानिक और पोषण विशेषज्ञ, बायोकेमिस्ट, फार्मासिस्ट, साइटोलॉजिस्ट आदि |
एमएससी एग्रोनोमी कोर्स की पेशकश करने वाले संस्थान के आधार पर, भारत में औसत फीस 30,000 से 2,80,000 रुपये के बीच है। इस क्षेत्र में उम्मीदवार की विशेषज्ञता के आधार पर कोर्स के सफल छात्रों को भारत में औसत वार्षिक प्रारंभिक वेतन 3 से 8 लाख रुपये के बीच दिया जाता है।
एमएससी एग्रोनोमी कोर्स क्या है?
एमएससी एग्रोनोमी एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसकी अवधि 2 वर्ष है और इसमें 4 सेमेस्टर शामिल है। यह कोर्स छात्रों को कृषि उत्पादकता में सुधार के तरीकों पर प्रशिक्षण देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिससे उम्मीदवार अधिक से अधिक किसानो को खेती से संबधित नई नई तकनीकों के बारे में समझा सके।
वर्तमान समय में ये क्षेत्र बहुत लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि एमएससी एग्रोनोमी ग्रेजुएट्स की डिमांड सरकारी एंव कमर्शियल क्षेत्र में बहुत तेजी से बढ़ रही है।
छात्रों को ऐसी शिक्षा को वास्तविक दुनिया की स्थितियों में लागू करने के लिए सिखाया जाता है जहां जलवायु विज्ञान, आनुवंशिकी, जैव रसायन, शरीर विज्ञान और पादप प्रजनन में गहन निर्देश के साथ रिसर्च को जोड़कर कृषि विज्ञान के आसपास के वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझाया जाता है।
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एमएससी एग्रोनोमी कोर्स क्यों करना चाहिए?
यदि आप पदार्थ, संरचना और रासायनिक समीकरण जैसे टॉपिक के अध्ययन के बारे में जानने में रुचि रखते हैं तो एमएससी एग्रोनोमी कोर्स आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके साथ ही अगर आप जानवरों के बारे में उनकी गतिविधियों के बारे में जानने के इच्छुक हैं, और उनका शरीर कैसे काम करता है, उनकी जीवन शैली, विभिन्न प्राणियों के अलग-अलग विनिर्देश हैं आदि में रूचि रखते है तो एमएससी एग्रोनोमी आपको इस क्षेत्र में करियर बनाने में मदद कर सकता है।
भारत में कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो पेड़ – पौधों आदि का भी अध्ययन करना चाहते हैं। जैसे पौधे कैसे सांस लेते हैं और बढ़ते हैं और उन्हें कितने पानी की जरूरत है और किन पौधों में औषधीय गुण होते हैं और कौन से आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं या जहरीले हो सकते हैं, इस तरह के अध्ययन के लिए भी ये एक बेहतर कोर्स है।
एमएससी एग्रोनोमी कोर्स में शामिल जूलॉजी विषय में आपको विभिन्न प्रकार के पौधों की पंखुड़ियों, कलियों, तने या यहां तक कि जड़ों का अध्ययन करने का मौका है। दूसरी ओर एमएससी एग्रोनोमी एक ऐसा कोर्स है जो आपको जूलॉजी, केमिस्ट्री और बॉटनी तीनो विषयों के बारे में अध्ययन करवाता है।
MSc Agronomy कोर्स के Types
एमएससी एग्रोनोमी कोर्स में एडमिशन के इच्छुक एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी समय की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयों या कॉलेजो की मदद से डिस्टेंस एंव रेगुलर मोड़ में पढ़ाई कर सकते है।
एमएससी एग्रोनोमी रेगुलर एजुकेशन : एमएससी एग्रोनोमी कोर्स में वह सभी छात्र एडमिशन के लिए पात्र है जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कृषि में बीएससी या समकक्ष डिग्री हासिल की है। रेगुलर कोर्स में उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा या फिर मेरिट के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
एमएससी एग्रोनोमी डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव इच्छुक छात्रों को डिस्टेंस मोड में एमएससी एग्रोनोमी कोर्स करने की अनुमति देते हैं। आमतौर पर, इस डिस्टेंस कोर्स को उम्मीदवार 2 से 4 वर्ष की अवधि में पूरा कर सकते है, इस डिग्री को कितने समय में पूरा करते है ये पूरी तरह से आप निर्भर करता है। डिस्टेंस मोड में कोई भी योय उम्मीदवार सीधे विश्वविद्यालय में आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Agronomy कोर्स : न्यूनतम योग्यता
किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में एमएससी एग्रोनोमी कोर्स के लिए एडमिशन के बारे में सोचने से पहले छात्रों को इसकी न्यूनतम योग्यता मानदंड के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसलिए एमएससी एग्रोनोमी कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता मानदंड इस प्रकार हैं:
- छात्रों को किसी भी यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर या एग्रोनोमी या समकक्ष में बीएससी के डिग्री प्राप्त करना अनिवार्य है।
- इस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों से ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% की मांग की जाती है। हालंकि अगर आप आरक्षित श्रेणी के अंतर्गत आते है तो आपको आवश्यक न्यूनतम अंको में 5% की छूट प्रदान की जायेगी।
- कुछ शीर्ष संस्थान है जिनमें एडमिशन के लिए आपको प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
MSc Agronomy कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी एग्रोनोमी कोर्स में एडमिशन अन्य एमएससी कोर्सेस के समान ही होता है। इसका मतलब यह है कि आप विभिन्न विश्वविद्यालयो में मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
मेरिट आधारित एडमिशन प्रक्रिया में छात्रों के ग्रेजुएशन के अंको के आधार पर मेरिट सूची तैयार कर एडमिशन का निर्णय लिया जाता है, इसी एडमिशन प्रक्रिया को भारत के अधिकतम कॉलेजो एंव विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया जाता है हालंकि कुछ शीर्ष संस्थान भी है जो एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है और उसमें छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
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एमएससी एग्रोनोमी कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी एग्रोनॉमी कोर्स में पौधों के प्रजनन और मानव उपभोग के संदर्भ में खेती अध्ययन शामिल है। बागवानी और कृषि के क्षेत्र में सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में करियर के अवसरों में वृद्धि हुई है। इसलिए उम्मीदवार ये कोर्स करने के बाद बेहतर भविष्य की उम्मीद कर सकते है।
इस कोर्स को करने के बाद ग्रेजुएट्स को रिसॉर्ट्स, होटल, स्वास्थ्य फार्म आदि जैसे क्षेत्रों में बागवानी विशेषज्ञ और लैंडस्केपर, पर्यवेक्षक, शोधकर्ता, डिस्ट्रीब्यूटर और इंजीनियर जैसी प्रोफाइल में नियुक्त किया जाता है।