MSc Bio Technology कोर्स : एमएससी बायोटेक्नोलॉजी 2 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है जिसे 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। यह कोर्स जैविक और मानव विज्ञान के विभिन्न उच्च-स्तरीय अनुप्रयोगों की जानकारी देता है, जैसे कि फ़ूड टेक्नोलॉजी। इस कोर्स के दौरान छात्रों को इंजीनियरिंग, चिकित्सा और टेक्नोलॉजी में जीव विज्ञान और बायोप्रोसेस के अनुप्रयोगों के बारे में भी सिखाया जाता है, जहाँ जैविक उत्पादों की आवश्यकता होती है।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद उम्मीदवार विभिन्न नौकरियों में रिसर्च बायोकेमिस्ट, बायोटेक्नोलॉजी रिसर्चर, एसोसिएट इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोलर आदि के रूप में काम कर सकता हैं। फ्रेशर्स के लिए एमएससी इन बायोटेक्नोलॉजी ग्रेजुएट्स की सैलरी 3,50,000 रुपये से लेकर 5,40,000 रुपये के बीच होती है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी बायोटेक्नोलॉजी |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी + साइंस स्ट्रीम |
आयु | कोई आयु सीमा नही |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 60,000 से 2,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | जीनोमिक्स बिजनेस डेवलपमेंट, बायोटेक प्रोडक्ट, मार्केटिंग बायोटेक, कैंसर बायोलॉजी आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | बायोकेमिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, लैब टेक्निशियन आदि |
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को जेएनयू, बीएचयू, कलकत्ता विश्वविद्यालय आदि शीर्ष विश्वविद्यालयों के माध्यम से किया जा सकता हैं। भारत के विभिन्न एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कॉलेजों में इस कोर्स को 30,000 से 2,00,000 रुपये में किया जा सकता है, हालंकि प्रत्येक कॉलेज की फीस एक दुसरे से अलग होती है जो विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स क्या है?
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जो प्रौद्योगिकी, डिजाइन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित है। एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में जैव-उत्पादों का उत्पादन करने के लिए जीवित जीवों के उपयोग का अध्ययन शामिल है। एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मेडिसिन में छात्रों को गहरी समझ विकसित करने में मदद करता है।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी एक करियर आधारित कोर्स है जहां ये कोर्स छात्रों के लिए प्रमुख विषयों के रूप में जेनेटिक्स, सेल टेक्नोलॉजी, फर्मेंटेशन टेक्नोलॉजी, एडवांस्ड बायोटेक्नोलॉजी, ट्यूमर आदि को कवर करता है। एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में छात्रों को थेओरोटिकल और प्रैक्टिकल दोनों ही तरीके से पढ़ाया जाता है जो छात्रों को एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के मुश्किल से मुश्किल पहलुओं को आसानी से समझने में मदद करता है।
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एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
प्रत्येक उम्मीदवार एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को किसी विशेष कारण से करने का निर्णय ले सकते है हालंकि यहां आपको कुछ कारणों की जानकारी दी गयी है कि आपको एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए :
- जेनेटिक्स में रुचि रखने वाले छात्रों को एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को करियर विकल्प के रूप में अवश्य करना चाहिए।
- एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट के रूप में करियर शुरू करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर शोध की आवश्यकता है। इसलिए जो उम्मीदवार इस क्षेत्र से संबधित रिसर्च में रूचि रखते है वह इस कोर्स को विकल्प चुन सकते हैं।
- बायोटेक्नोलॉजिस्ट पौधों और जानवरों की आनुवंशिक सामग्री को परिवर्तित करने पर काम करते है ताकि वह उत्पादन, भोजन और जीवन में वृद्धि को बढ़ा सके। इसलिए जो छात्र खाद्य सुरक्षा पर काम करना चाहते हैं, वह इस कोर्स को करने का विचार कर सकते है।
- जो उम्मीदवार दवाओं और टीकों को विकसित करने के लिए काम करना चाहते हैं, वह एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को करने का निर्णय ले सकते हैं।
- वह वर्किंग प्रोफेशनल्स जिनके पास समय की कमी है वह पार्ट-टाइम या डिस्टेंस मोड में बीएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स कर सकते हैं।
MSc Bio Technology कोर्स के Types
भारत में ऐसे हजारो उम्मीदवार है जो आगे पढ़ना तो चाहते है लेकिन नौकरी या अन्य काम के चलते, वह कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करने में असमर्थ है इसी समस्या को देखते हुए भारतीय विश्वविद्यालयों ने वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव इच्छुक छात्रों को रेगुलर मोड के अलावा डिस्टेंस मोड में भी पढ़ाई करने का विकल्प देते है।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी रेगुलर एजुकेशन : रेगुलर एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स को उम्मीदवार साइंस स्ट्रीम के साथ ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद कर सकते है। रेगुलर मोड में छात्रों को फिजिकल कॉलेज क्लास में शामिल होना अनिवार्य है। रेगुलर एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में योग्य छात्रों को मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिया जाता है।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में ऐसे सिर्फ कुछ ही विश्वविद्यालय हैं जो वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव इच्छुक छात्रों को डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने की सुविधा देते हैं। जिसमें उम्मीदवार बीएससी ग्रेजुएशन पास करने के बाद सीधे विश्वविद्यालय में आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Bio Technology कोर्स : न्यूनतम योग्यता
ग्रेजुएशन के बाद बायोटेक्नोलॉजी में एडमिशन कैसे मिल सकता है? एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले छात्रों को पता होना चाहिए कि क्या वह इस कोर्स अध्ययन करने के योग्य हैं। इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा पूरा किए जाने वाले कुछ न्यूनतम योग्यताएं निम्नलिखित हैं:
- उम्मीदवार के पास भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, जैविक विज्ञान, खाद्य विज्ञान, नर्सिंग या फार्मेसी, बीपीटी, बीएमआईटी या किसी अन्य संबंधित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
- एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 40% अंक प्राप्त किए होने चाहिए। हालंकि एसटी/एससी/ओबीसी से संबंधित छात्र 35% अंको पर एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं।
- अपने ग्रेजुएशन कोर्स के अंतिम वर्ष से संबंधित छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। इन छात्रों को एडमिशन से पहले अंतिम परीक्षा पास करनी होगी।
MSc Bio Technology कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स के लिए एडमिशन दो तरह से हो सकता है – एक सीधे योग्यता के माध्यम से और दूसरा एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से। सरकारी विश्वविद्यालयों सहित भारत में शीर्ष एमएससी कॉलेज प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इस कोर्स के लिए एडमिशन लेते हैं। प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंक यह निर्धारित करेंगे कि किन छात्रों को एडमिशन मिलेगा। ये प्रवेश परीक्षाएं अखिल भारतीय केंद्रीय परीक्षाएं या विश्वविद्यालय द्वारा ही आयोजित प्रवेश परीक्षाएं हो सकती हैं।
इस कोर्स के लिए भी डायरेक्ट एडमिशन होता है। छात्रों को ग्रेजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार कर एडमिशन की अनुमति दी जाती है। भारत के अधिकतम संस्थान मेरिट के आधार पर ही एडमिशन प्रक्रिया को अपनाते है।
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एमएससी बायोटेक्नोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
बायोटेक्नोलॉजी एमएससी का स्कोप क्या है? कोर्स पूरा करने के बाद छात्र बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विभिन्न नौकरी की तलाश कर सकते हैं। यह कोर्स करने के बाद कुछ छात्र रिसर्च क्षेत्र में उच्च शिक्षा का विकल्प भी चुनते हैं और वे अपनी पीएचडी पूरी करते हैं।
बायोटेक्नोलॉजी में विभिन्न क्षेत्र हैं जहां छात्र काम कर सकते हैं और नौकरी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि फार्मास्युटिकल कंपनी, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, कॉलेज और विश्वविद्यालय, कृषि क्षेत्र, इंजीनियरिंग, पशुपालन, अनुसंधान क्षेत्र और इसी तरह के कई अन्य क्षेत्र है जहां वह अपने करियर की शुरुआत एक फ्रेशर के रूप में कर सकते है।