MSc Chemistry कोर्स : एमएससी रसायन विज्ञान 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें छात्रों को फिजिकल केमिस्ट्री, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री, इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री और एनालिटिकल केमिस्ट्री से संबंधित विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। एमएससी केमिस्ट्री दो साल का करियर ओरिएंटेड पोस्टग्रेजुएट कोर्स है इस कोर्स की न्यूनतम योग्यता मानदंड किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से कम से कम 40% या अधिक अंकों के साथ रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स में मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन लिया जा सकता है शीर्ष कॉलेजों में एडमिशन के लिए कुछ लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाओं में DUET, JNUEE, IPU CET, OUCET, BITSAT, BHU PET, आदि शामिल हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी रसायन विज्ञान |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन बायोकैमिस्ट्री |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नही है |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 20,000 से 2,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | शिक्षक, प्रोफेसर, सिंथेटिक लैब वैज्ञानिक, अनुसंधान अधिकारी (रसायन विज्ञान / जैव रसायन) आदि। |
20,000 से 2,00,000 रुपये कोर्स फीस के साथ आप भारत के विभिन्न संस्थानों के माध्यम से एमएससी रसायन कोर्स को कर सकते है जिनमें हिंदू कॉलेज, मिरांडा हाउस, हंसराज कॉलेज, आदि भारत के कुछ शीर्ष कॉलेज भी शामिल हैं। इसके अलावा अगर कोई उम्मीदवार इस कोर्स को डिस्टेंस मोड में करने का विचार करता है तो वह इसे 12,000 से 60,000 रुपये में पूरा कर सकता है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स क्या है?
एमएससी रसायन विज्ञान एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय डिग्री कोर्स है जो एक विज्ञान वर्ग के छात्रों द्वारा किया जाता है। यह कोर्स दो साल का है और इसे चार सेमेस्टर में बांटा गया है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स भौतिक, जैविक, अकार्बनिक और विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हुए रसायन विज्ञान को एक प्रमुख विषय के रूप में शामिल करता है। यह कोर्स छात्रों को रसायन विज्ञान के एक विशेष क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। एमएससी केमिस्ट्री कोर्स का उपयोग विभिन्न प्रकार के विषयों में किया जा सकता है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स और अन्य शोध-आधारित इंडस्ट्री शामिल हैं।
एमएससी रसायन विज्ञान करने के बाद, अगर आप आगे पढ़ने की इच्छा रखते है तो आप रसायन विज्ञान के साथ एमफिल या पीएचडी करने का विकल्प चुन सकते है। एमफिल या पीएचडी कोर्स आपको रसायन विज्ञान में एक्सपर्ट बनने में मदद कर सकते है। इसके अलावा अगर आप नौकरी करने का विकल्प चुनते है तब भी भारत के विभिन्न सेक्टर में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है।
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एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स क्यों करना चाहिए?
एक प्रोफेशनल के रूप में एमएससी रसायन विज्ञान की डिग्री करने के विभिन्न कारण है उनमें से कुछ निम्नलिखित इस प्रकार हैं:
जिन उम्मीदवारों ने रसायन विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशनकी पढ़ाई पूरी कर ली है, वह सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों से एमएससी केमिस्ट्री प्रोफेशनल्स में नौकरी के अवसर हमेशा रहते है जहां इसरो, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन और कई अन्य फर्मों में बुद्धिमान और समर्पित प्रोफेशनल्स की आवश्यकता रहती है इसलिए ये एक बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स करने के बाद एक जूनियर रिसर्च फेलो या प्रोजेक्ट असिस्टेंट के रूप में, उम्मीदवार एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी जैसे संस्थानों के लिए भी काम कर सकते हैं।
इन सभी के अलावा यह हमारे दैनिक जीवन में काम करने वाले रसायन विज्ञान के बारे में अध्ययन करने का एक अवसर है।
MSc Chemistry कोर्स के Types
एमएससी में केमिस्ट्री कितने प्रकार की होती है? भारत में एमएससी केमिस्ट्री कोर्स की काफी डिमांड है इसलिए छात्र अपनी रुचियों और प्राथमिकताओं के आधार पर इस कोर्स में एडमिशन लेने का विचार कर सकते हैं। एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स को उम्मीदवार रेगुलर और डिस्टेंस दोनों ही लर्निंग मोड में कर सकते है :
फुल टाइम एमएससी रसायन विज्ञान : एमएससी केमिस्ट्री कोर्स की पढ़ाई को रेगुलर मोड में पूरा करने में लगभग दो साल लगते हैं। एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स के लिए प्रैक्टिकल और साथ ही थेओरिटिकल समझ आवश्यक हैं। इसमें उम्मीदवार रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन करने के बाद योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी रसायन विज्ञान : अधिकांश सरकारी संस्थान इस डिग्री को रेगुलर मोड में प्रदान करते हैं, लेकिन यह कुछ प्राइवेट विश्वविद्यालयों में डिस्टेंस मोड के माध्यम से भी उपलब्ध है। डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों को नियमित रूप से कॉलेज जाने या कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती है। ये कक्षाएं सप्ताह में एक या दो बार आयोजित की जाती हैं और उम्मीदवार इसे सीधे ही एडमिशन ले सकता है।
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MSc Chemistry कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैथ्स के बिना केमिस्ट्री में एमएससी कर सकता हूं? जी हाँ, किसी भी संस्थान या विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए, एक आवेदक को निम्नलिखित एमएससी रसायन विज्ञान योग्यता मानदंडों को पूरा करना होगा। एमएससी रसायन विज्ञान को करने में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों को कॉलेज में एडमिशन के लिए नीचे दी गई न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।
- उम्मीदवार ने किसी भी मान्य विश्वविद्यालय एंव कॉलेज से रसायन विज्ञान अनिवार्य विषय के रूप में ग्रेजुएशन पूरा किया होना चाहिए।
- एमएससी केमिस्ट्री के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत (एससी / एसटी आवेदकों के लिए 35 प्रतिशत) का कुल स्कोर आवश्यक है। हालंकि ये कॉलेज के अनुसार भिन्न हो सकता है।
- कुछ शीर्ष कॉलेज प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर एमएससी रसायन विज्ञान एडमिशन के लिए छात्रों का चयन करते हैं। नतीजतन, उम्मीदवारों को न्यूनतम योग्यता स्कोर के साथ प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
MSc Chemistry कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स में एडमिशन के लिए योग्यता एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है क्योंकि विभिन्न संस्थानों के अपने योग्यता मानदंड और एडमिशन की प्रक्रियाएँ हैं। हालाँकि, इस कोर्स में एडमिशन आम तौर पर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) पर आधारित होता है।
एमएससी रसायन विज्ञान एडमिशन के लिए अपने स्वयं के प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाले लोकप्रिय विश्वविद्यालयो में दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि शामिल हैं।
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MSc Chemistry कोर्स : प्रवेश परीक्षा
भारत भर में ग्रेजुएशन के दौरान जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान या भौतिकी में प्राथमिकता रखने वाले छात्र इन प्रवेश परीक्षाओं के लिए पात्र होते हैं। इस कोर्स के उम्मीदवार अपने विश्वविद्यालयों का चयन अपनी प्रवेश परीक्षाओं के परिणामों के आधार पर कर सकते हैं। नीचे सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली एमएससी केमिस्ट्री प्रवेश परीक्षाएँ है जिनके आधार पर आप MSc Chemistry कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
CUET PG: केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, जिसे सीयूईटी पीजी के नाम से भी जाना जाता है, ये पोस्टग्रेजुएट कोर्सेस के लिए एक अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जिसके माध्यम से आप भारत की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकते है।
IPU CET: इस परीक्षा का आयोजन ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए किया जाता है। कुल 117 कॉलेजों ने इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण करवाया है। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय हर साल इस परीक्षा का आयोजन करता है।
IIT JAM: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने एमएससी में एडमिशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JAM) का आयोजन किया है, इसलिए जो छात्र IIT से एमएससी करना चाहते है वह इस परीक्षा में शामिल हो सकते है।
NEST: राष्ट्रीय प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (NEST) परीक्षा विभिन्न पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है।
BITSAT: बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (BITSAT) BITS Pilani द्वारा विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के माध्यम से आप विभिन्न यूजी एंव पीजी कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
JNUEE: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (JNUEE), जिसे अब JNUET के नाम से जाना जाता है। इस परीक्षा के माध्यम से आप JNU से पीजी कर सकते है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स के भविष्य में अवसर
पिछले कुछ वर्षों में, एमएससी रसायन विज्ञान भारत में सबसे अधिक मांग वाले कोर्सेस में से एक के रूप में उभरा है। यह कोर्स छात्रों को विषय के विशाल डोमेन का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है और साथ ही एमएससी केमिस्ट्री का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, कोई व्यक्ति रिसर्च कार्य में शामिल होने का विकल्प चुन सकता है, एक वैज्ञानिक के रूप में अभ्यास कर सकता है और यहाँ तक कि रोजगार की तलाश में शिक्षा क्षेत्र की ओर भी रुख कर सकता है।
एमएससी रसायन विज्ञान कोर्स पूरा करने के बाद छात्र उच्च डिग्री हासिल करने पर भी विचार कर सकते हैं। जहां उच्च अध्ययन के लिए रसायन विज्ञान में एमफिल और पीएचडी दो सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं।