MSc Clinical Psychology कोर्स : एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है और इसे अक्सर उन छात्रों द्वारा किया जाता है जिन्होंने क्लिनिकल मनोविज्ञान में पहले ही ग्रेजुएशन किया है या फिर वह इस क्षेत्र में करियर बनाने का विचार कर रहे है।
मानव स्वास्थ्य का अगर कोई पहलु है जिस पर वर्तमान समय में सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, तो वह मानसिक स्वास्थ्य है। हमें इसके बारे में और बात करने, इसके बारे में और पढ़ने और इसके बारे में और जानने की आवश्यकता है। एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान चिकित्सा की वह शाखा है जो व्यक्तियों के लिए व्यापक और निरंतर मानसिक और व्यवहारिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान नैतिक मुद्दों और मनोवैज्ञानिक जांच की खोज पर आधारित है। एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी बहुत ही डिमांड वाला कोर्स है और हर साल हजारों छात्र इस कोर्स को करने के लिए विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आवेदन करते हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन क्लिनिकल साइकोलॉजी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + मनोविज्ञान अनिवार्य विषय |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 30,000 से 2,50,000 |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | रोजगार सलाहकार, मनोविज्ञान प्रोग्राम मैनेजर, समाज सेवा मैनेजर, विकास विशेषज्ञ, और मानव रिसोर्स मैनेजर आदि। |
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स की फीस प्रत्येक कॉलेज विद्यालय की अलग अलग होती है जो कि विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करती है, भारत में योग्य उम्मीदवार एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स को 50,000 से 3,00,000 रुपये के बीच पूरा कर सकते है।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स क्या है?
क्लिनिकल साइकोलॉजी में क्या किया जाता है? एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी दो साल का प्रोफेशनल कोर्स है जो छात्रों को क्लिनिकल साइकोलॉजी के विभिन्न पहलुओं का गहन और संपूर्ण विवरण प्रदान करता है। एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी में क्लिनिकल साइकोलॉजी के निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
- मानव व्यवहार
- मानव मानसिक स्वास्थ्य
- क्लिनिकल डिप्रेशन
- मानसिक बिमारी
- चिंता
- मानसिक विकार
- पर्सनालिटी ट्राइट्स
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स आपको मस्तिष्क रसायन विज्ञान, भावनात्मक स्थिरता और विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों की पहचान करने का ज्ञान प्रदान करता है। यह कोर्स मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में दूसरों की मदद करता है।
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एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स करने के बाद उम्मीदवार शीर्ष कॉर्पोरेट अधिकारियों के परामर्श से काम कर सकते हैं और वे अस्पतालों में मेडिकल काउंसलर के रूप में भी काम कर सकते हैं।
सामाजिक सेवा और मानसिक स्वास्थ्य करियर पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय करियर विकल्पों में से एक हैं। छात्रों को मानसिक बीमारी और अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के साथ सीधे काम करने का मौका मिलता है, जिससे उनके परेशानियों को समझ कर उन्हें बेहतर ईलाज उपलब्ध कराया जा सके।
आप एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स करने का विचार कर सकते है यदि आप लोगों में रुचि रखते हैं, उन समस्याओं के साथ रहने के लिए तैयार हैं जो तुरंत आसान समाधान प्रदान नहीं करते हैं, अन्य प्रोफेशनल समूहों के साथ काम करने के लिए जो आपके कुछ विचारों से असहमत हो सकते हैं, लेकिन फिर भी आप उनसे सीखना चाहते हैं आप, और यदि आप मूल्यांकन, सूत्रीकरण, इंटरवेंशन और इवैल्यूएशन की प्रक्रिया के माध्यम से समस्याओं के बारे में तार्किक और तर्कसंगत रूप से सोचने के लिए तैयार हैं।
इस प्रोफेशन में आपको अपने स्वयं के मनोवैज्ञानिक कामकाज को देखने के लिए भी तैयार रहना होगा और व्यक्तिगत अनुभवों और विश्वासों की जांच करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा, विशेष रूप से क्योंकि वे प्रभावित कर सकते हैं कि आप दूसरों से कैसे संबंधित हैं।
MSc Clinical Psychology कोर्स के Types
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स में उम्मीदवार एक छात्र या वर्किंग प्रोफेशल्स के रूप में रेगुलर डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते है। ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप पढ़ाई करने के लिए डिस्टेंस एंव रेगुलर मोड़ का चुनाव करते है।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान रेगुलर एजुकेशन : एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स में वह सभी छात्र एडमिशन ले सकते है जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इस रेगुलर कोर्स में छात्र प्रवेश परीक्षा एंव मेरिट के आधार पर भारत के विभिन्न कॉलेज एंव विश्वविद्यालय में एडमिशन ले सकते है।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान डिस्टेंस एजुकेशन : डिस्टेंस एजुकेशन ने लाखों छात्रों को स्थानांतरित करने के तनाव के बिना अपने सपनों के विश्वविद्यालय में अध्ययन करने में मदद की है। इस मोड में छात्र अपनी सुविधानुसार पढ़ाई कर सकते हैं और असाइनमेंट जमा कर सकते हैं। इच्छुक छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स सीधे आवेदन कर एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते है।
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MSc Clinical Psychology कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स में सिर्फ उन्ही उम्मीदवारों को एडमिशन की अनुमति दी जाती है जो इसकी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। भारत में वह उम्मीदवार एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते है जिन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से न्यूनतम 40% अंको के साथ मनोविज्ञान विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स के लिए यूजीसी द्वारा कोई भी विशेष आयु सीमा नहीं है इसलिए उम्मीदवार किसी भी आयु में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते है। इसके अलावा छात्रों को शीर्ष संस्थान में एडमिशन के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी।
MSc Clinical Psychology कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स को करने के लिए, छात्रों को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह न्यूनतम योग्यता मानदंडों को पूरा करते हैं। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन विश्वविद्यालय की वेबसाइट से या सीधे कॉलेज के एडमिशन कार्यालय में जाकर कराया जा सकता हैं।
एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स में छात्र एडमिशन मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर ले सकते है जहां शीर्ष कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्रों को विश्वविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा। हालंकि अधिकतम कॉलेज और विश्वविद्यालय छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
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एमएससी क्लिनिकल मनोविज्ञान कोर्स के भविष्य में अवसर
आप एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी डिग्री साथ कई सरकारी एजेंसियों और कार्यालयों में काम कर सकते हैं। जहां रोजगार सलाहकार, मनोविज्ञान प्रोग्राम मैनेजर, समाज सेवा मैनेजर, विकास विशेषज्ञ, और मानव रिसोर्स मैनेजर आपके लिए उपलब्ध सर्वोत्तम नौकरियों में से हैं।
एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी के कई विकल्प उपलब्ध हैं। हमने आपके लिए जॉब प्रोफाइल को नीचे सूचीबद्ध किया है:
- करियर काउंसलर
- परामर्श मनोवैज्ञानिक
- कार्यकारी निदेशक
- फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक
- संगठनात्मक मनोवैज्ञानिक
- पुनर्वास सलाहकार
एमएससी क्लिनिकल साइकोलॉजी डिग्री के साथ उम्मीदवार की सैलरी अलग-अलग स्पेशलाइजेशन और जॉब प्रोफाइल के लिए अलग-अलग होती है।
FAQs
प्रश्न 1: MSc Clinical Psychology क्या है?
उत्तर: MSc Clinical Psychology एक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है जिसमें रोगी के मानसिक स्वास्थ्य और उपचार से संबंधित विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 2: MSc Clinical Psychology में एडमिशन के लिए योग्यता पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: MSc Clinical Psychology कोर्स में एडमिशन के लिए मनोविज्ञान या सामाजिक मनोविज्ञान में 50% अंकों के साथ-साथ ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए।
प्रश्न 3: MSc Clinical Psychology कोर्स की अवधि क्या है?
उत्तर: MSc Clinical Psychology कोर्स की अवधि आमतौर पर 2 वर्ष है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह 2.5 या 3 वर्ष की भी हो सकती है।
प्रश्न 4: MSc Clinical Psychology से कौन-कौन सी नौकरियां मिल सकती हैं?
उत्तर: MSc Clinical Psychology के उपरांत आप प्राइवेट अस्पतालों, मानसिक चिकित्सा केंद्रों, शिक्षा संस्थानों, विशेष शिक्षा संस्थानों, विभागीय मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में चिकित्सा पेशेवर, काउंसलर या सलाहकार के रूप में नौकरी पा सकते हैं।