MSc Clinical Research कोर्स : एमएससी क्लिनिकल रिसर्च 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है, जो विशेष रूप से उन छात्रों के लिए तैयार किया गया है, जो चिकित्सा अध्ययन में रूचि रखते है। इसलिए अगर आप ऐसे कोर्स की तलाश कर रहे है जिससे आप चिकित्सा के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत कर सके, तो एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स में न केवल चिकित्सा अध्ययन और चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न पहलुओं के बारे में हैं, बल्कि यह आवश्यक चिकित्सा उत्पादों या दवाओं को सत्यापित और मान्य करने के बारे में भी है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी क्लिनिकल रिसर्च |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन क्लिनिकल रिसर्च |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + साइंस स्ट्रीम |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 3,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, क्लीनिकल केंद्र, रिसर्च प्रयोगशालाएं आदि |
नौकरी प्रोफाइल | प्रोग्रामर, क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट, क्लिनिकल रिसर्च फिजिशियन, क्लिनिकल रिसर्च कोऑर्डिनेटर, क्लिनिकल रिसर्च एनालिस्ट आदि। |
भारत में क्लिनिकल रिसर्च के विभिन्न कॉलेजों में कोर्स की फीस 50,000 से 3,00,000 रुपये के आसपास है। कोर्स की फीस संस्थान के प्रकार, स्थान, बुनियादी ढांचे, मैनेजमेंट और उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स क्या है?
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च दो साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स है, जो उन छात्रों से संबंधित है, जिनकी क्लिनिकल रिसर्च और मेडिकल साइंस में रुचि है। एमएससी क्लिनिकल रिसर्च की कुछ नौकरी भूमिकाओ में क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट, क्लिनिकल रिसर्च एनालिस्ट, क्लिनिकल रिसर्च प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, बायोस्टैटिस्टिशियन आदि शामिल हैं।
यह एक व्यापक कोर्स है और क्लिनिक रिसर्च में प्रदर्शन योग्य जैविक गतिविधियों सहित विभिन्न तत्व शामिल हैं, दवाओं और दवा मैनेजमेंट का अध्ययन, दवाओं का निर्माण, मानव शरीर के लिए दवाओं की उचित मात्रा का निर्धारण, और विशिष्ट दवाओं या दवाओं के मानव शरीर पर प्रभाव आदि
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एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स उन छात्रों के लिए आदर्श कोर्स है जो चिकित्सा और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं हालंकि इसके अलावा भी उम्मीदवार किसी विशेष कारण से ये कोर्स करने का निर्णय ले सकता है।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स आपको क्लीनिकल रिसर्च और परीक्षणों के बारे में थेओरोटिकल और प्रैक्टिकल ज्ञान प्रदान करता है।
जो छात्र ऑन-डिमांड क्लिनिकल शोध करके विभिन्न दवाओं और दवाओं का आविष्कार करने में रूचि रखते हैं, उन्हें इस कोर्स में विभिन्न तकनीकों और प्रक्रियाओं को सीखने को मिलेगा।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च का अध्ययन करते समय, छात्र निर्णय लेने, विश्लेषण, दृश्य, कौशल और टीम वर्क आदि सहित विभिन्न कौशल भी सीख सकते हैं। क्लिनिकल रिसर्च ग्रेजुएट्स दवाओं और चिकित्सा विज्ञान की मदद से मानव जाति और समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित होते है।
एमएससी क्लीनिकल रिसर्च छात्रों को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बनाने करता है। छात्र ये कोर्स करने के बाद क्लिनिकल रिसर्च एनालिस्ट, बायोस्टैटिस्टिशियन, क्लिनिकल रिसर्च प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर और क्लिनिकल रिसर्च प्रोजेक्ट मैनेजर आदि जैसे उच्च स्तरीय पदों पर काम कर सकते हैं।
छात्र इस कोर्स के माध्यम से विभिन्न दवाओं, मानव शरीर पर उनके प्रभाव के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण ज्ञान एकत्र कर सकते हैं। वे उन दवाओं, चिकित्सा उत्पादों और दवाओं आदि की प्रभावशीलता, उत्पादकता और कई सुरक्षा उपायों को भी समझ सकते है।
MSc Clinical Research कोर्स के Types
भारत में हजारो की संख्या में विश्वविद्यालय एंव कॉलेज है जो छात्रों को उनकी रूचि और योग्यता के अनुसार विभिन्न कोर्स करने की अनुमति देते है जिनमें से कुछ संस्थान उम्मीदवारों को रेगुलर के अलावा डिस्टेंस मोड का भी विकल्प देते है।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च रेगुलर एजुकेशन : रेगुलर एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स को आप विभिन्न विश्वविधालयों एंव कॉलेजो की मदद से 2 साल में पूरा कर सकते है। रेगुलर मोड में छात्रों को फिजिकल कॉलेज क्लासेस के माध्यम से पढ़ाया जाता है और इसमें एडमिशन ग्रेजुएशन के बाद मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जा सकता है।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च डिस्टेंस एजुकेशन : भारत में कुछ ही विश्वविद्यालय हैं जो वर्किंग प्रोफेशनल्स एंव इच्छुक छात्रों को डिस्टेंस मोड में एमएससी क्लीनिकल रिसर्च कोर्स करने की सुविधा प्रदान करते हैं। डिस्टेंस मोड में आपको ई – लर्निंग आदि के माध्यम से पढ़ाया जाता है। डिस्टेंस मोड में आप ग्रेजुएशन पास करने के बाद सीधे आवेदन कर विश्वविद्यालय में एडमिशन ले सकते है।
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MSc Clinical Research कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं बीएससी केमिस्ट्री के बाद क्लिनिकल रिसर्च कर सकता हूं? जी हाँ, एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स को करने के लिए, उम्मीदवारों ने किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से बायोकैमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, टॉक्सिकोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बॉटनी, जूलॉजी, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी या फार्मासिस्ट जैसे किसी भी स्ट्रीम में बीएससी उत्तीर्ण किया होना चाहिए।
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स में एडमिशन पाने के लिए योग्यता मानदंड न्यूनतम 40% अंक होना अनिवार्य है और इस कोर्स के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। इसके अलावा शीर्ष कॉलेज में एडमिशन उम्मीदवार MET, IUET और CUCET प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से ले सकते है।
MSc Clinical Research कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
इस कोर्स में एडमिशन के लिए योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले छात्रों के लिए ही एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स में एडमिशन लेना संभव है। छात्र एडमिशन के लिए आवेदन पत्र या तो सीधे कॉलेज जाकर या कॉलेज की वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। क्लिनिकल रिसर्च कोर्स एमएससी के अंतर्गत आता है और इस प्रकार उम्मीदवारों के लिए एडमिशन प्रक्रिया नहीं बदलती है।
उम्मीदवारों का एडमिशन प्रवेश परीक्षा या अंतिम योग्यता परीक्षा में प्राप्त योग्यता के माध्यम से होता है। एडमिशन मानदंड कॉलेज से कॉलेज या विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय में भिन्न हो सकते हैं।
एमएससी क्लीनिकल रिसर्च कोर्स में एडमिशन आम तौर पर योग्यता-आधारित एडमिशन प्रक्रिया के माध्यम से आयोजित किया जाता है। हालाँकि, कुछ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में, प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनायी जाती है।
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MSc Clinical Research कोर्स : प्रवेश परीक्षा
भारत के कुछ प्रतिष्ठित कॉलेज छात्रों को प्रवेश परीक्षा में किए गए स्कोर के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है। इसलिए यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है क्योंकि अगर आप प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर कर लेते है तो आपको एडमिशन की अनुमति मिल जायेगी। यहां आपको कुछ प्रवेश परीक्षाओं की जानकारी दी गयी है जिनके आधार पर एमएससी क्लीनिकल रिसर्च कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है :
- MET
- IUET
- MGU CAT
- CUCET
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी क्लिनिकल रिसर्च एक ऐसा कोर्स है जिसकी भारत के साथ-साथ विदेशों में भी पर्याप्त गुंजाइश है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र क्लिनिकल रिसर्च के इस क्षेत्र में विभिन्न नौकरियों की उम्मीद कर सकते हैं जैसे कि फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री, सीआरओ, एसएमओ, अस्पताल, शैक्षिक संस्थान और डीसीजीआई कार्यालय आदि में काम कर सकते है।
यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री है, इसलिए कोई भी छात्र क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में पीएचडीकरना चाहता है तो वह उच्च शिक्षा के लिए पीएचडी करने का विकल्प चुन सकता है।