MSc Geography कोर्स : एमएससी भूगोल 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन है जिसे भूगोल में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद किया जा सकता है। यह कोर्स छात्रों को पृथ्वी और मनुष्यों के साथ इसके संबंध और इसके प्रभाव का अध्ययन है, जिसमें आमतौर पर जनसंख्या और संसाधनों का वितरण, आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियाँ आदि शामिल होती हैं।
एमएससी भूगोल एक पीजी स्तरीय कोर्स है जिसमें 2 वर्ष की अवधि के दौरान छात्रों को पृथ्वी एंव मनुष्य से इसके संबंध के बारे में बताता है। इस कोर्स के दौरान पढ़ाए जाने वाले विषय में भौगोलिक विचार, गतिशील भूगोल, आर्थिक भूगोल, मनुष्य और प्राकृतिक पर्यावरण, भूगोल में मात्रात्मक तकनीक, जलवायु विज्ञान और समुद्र विज्ञान आदि शामिल हैं। छात्र इस कोर्स में भौगोलिक सूचना प्रणाली, कार्टोग्राफी आदि जैसे स्किल्स को सीखते हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी भूगोल |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन जियोग्राफी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + भूगोल |
आयु | कोई आयु सीमा नही है |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 10,000 से 1,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय खान ब्यूरो, पर्यावरण और वन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भूजल सर्वेक्षण और विकास एजेंसी, पेट्रोलियम क्षेत्र, कोयला उद्योग, आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | लेक्चरर, रिसर्च असिस्टेंट, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) विश्लेषक, भूगोलवेत्ता, मानचित्रकार, समुद्री भूवैज्ञानिक, समुद्र विज्ञानी, संचालन मैनेजर, वरिष्ठ कार्यकारी सहायक, आदि। |
एमएससी भूगोल कोर्स के लिए ली जाने वाली औसत फीस सरकारी संस्थानों में लगभग 3,000 रुपये से 10,000 रुपये प्रति वर्ष और प्राइवेट संस्थानों में लगभग 20,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति वर्ष के बीच है। हालंकि सभी कॉलेज एंव दसंस्थान की फीस एक दुसरे से अलग होती है इसलिए छात्रों को सलाह दी जाती है कि एडमिशन से पहले सटीक फीस की पुष्टि कर ले।
एमएससी भूगोल कोर्स क्या है?
क्या भूगोल एक अच्छा विषय है? जी हाँ, एमएससी भूगोल 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है जो छात्रों को पृथ्वी के वायुमंडल, जलमंडल, जीवमंडल और भूमंडल और लोगों के साथ इसके संबंध के बारे सिखाता है। साथ ही उम्मीदवारों को पृथ्वी की सतह के भौतिक गुणों और इसके चारों ओर फैले मानव समाजों दोनों के बारे में पढ़ाया जाता है।
छात्रों को इस कोर्स के दौरान सभी क्षेत्रों में पैटर्न का विश्लेषण करना, प्राकृतिक पर्यावरण में ऐतिहासिक और हाल के परिवर्तनों की जांच करना, और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं, संसाधन अर्थव्यवस्था से संबंधित अध्ययन, और बाढ़, वनों की कटाई, और पर्यावरणीय गिरावट जैसी ज्वलंत समस्याओं आदि के बारे में भी सिखाया जाता है।
एमएससी भूगोल कोर्स भौगोलिक सूचना विज्ञान, नक्शानवीसी, सुदूर संवेदन, नदीय भू-आकृति विज्ञान और विश्व भूगोल में कौशल विकसित करने में मदद करता है। इस कोर्स के दौरान जो विषय पढ़ाए जाते हैं वे क्षेत्रीय योजना, राजनीतिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल आदि से संबधित हैं।
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एमएससी भूगोल कोर्स क्यों करना चाहिए?
भूगोल एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जिन छात्रों ने इसका अध्ययन करने का विकल्प चुना है, वे उस दुनिया में एक बड़ा अंतर पैदा कर रहे हैं जिसमें हम रहते हैं। वह चीजों के मानवीय पक्ष के साथ दुनिया के भौतिक आयामों को एक साथ लाते हैं और इस प्रकार पर्यावरण पर नकारात्मक मानव प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को दुनिया के कुछ सबसे बड़े मुद्दों, जैसे जलवायु परिवर्तन, शहरी अति-विकास, प्राकृतिक आपदा आदि के समाधान खोजने के बारे में ज्ञान दिया जाता है। मानव समाज के विकास के साथ, वैश्विक मुद्दे बढ़ रहे हैं और इस प्रकार रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
एमएससी भूगोल कोर्स के बाद आप भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) विश्लेषक, मानचित्रकार, समुद्री भूवैज्ञानिक, समुद्र विज्ञानी, भूगोलवेत्ता, संचालन मैनेजर, वरिष्ठ कार्यकारी सहायक आदि जैसे करियर विकल्पों में अपना भविष्य बना सकते है।
इस कोर्स के दौरान सीखे गए कुछ स्किल्स काफी अनोखे हैं जिनमें कार्टोग्राफिक (नक्शे), भौगोलिक सूचना प्रणाली (गूगल मैप्स), और डेटा प्रस्तुति कौशल आदि शामिल है।
MSc Geography कोर्स के Types
भारत में एमएससी भूगोल कोर्स को इच्छुक उम्मीदवार विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट संस्थानों के माध्यम से रेगुलर या डिस्टेंस मोड करने का विकल्प चुन सकते है।
फुल टाइम एमएससी भूगोल : एमएससी भूगोल कोर्स अधिकतम भारतीय संस्थानों द्वारा रेगुलर मोड में कराया जाता है। एमएससी भूगोल कोर्स के दौरान छात्रों को प्रैक्टिकल और थेओरिटिकल के माध्यम से पढ़ाया जाता हैं। इस रेगुलर कोर्स को इच्छुक छात्र भूगोल के साथ ग्रेजुएशन करने के बाद मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन लेकर कर सकते है।
डिस्टेंस एमएससी भूगोल : भारत में कुछ ही ऐसे विश्वविद्यालय है जो डिस्टेंस मोड में छात्रों एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई करने की मंजूरी देते है। डिस्टेंस मोड में अध्ययन करने वाले छात्रों एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स को नियमित रूप से कॉलेज जाने की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि कक्षाएं ई-लर्निंग एंव सप्ताह में एक या दो बार आयोजित की जाती हैं साथ ही उम्मीदवार इसमें सीधे ही आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Geography कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी भूगोल कौन कर सकता है? जो उम्मीदवार एमएससी भूगोल कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें नीचे दी गयी न्यूनतम योग्यता को पूरा करना होगा :
एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने भूगोल में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की होनी चाहिए, फिर चाहे वह भूगोल में बीए हो या फिर बीएससी।
साथ ही किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन स्तर पर कम से कम 50% अंक किए होने चाहिए। हालंकि अगर आप आरक्षित श्रेणी के अंतर्गत आते है तो आपको 5% की छूट प्रदान की जायेगी।
MSc Geography कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी भूगोल कोर्स में एडमिशन आमतौर पर योग्यता के आधार पर होता है। हालंकि कुछ शीर्ष कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है इसलिए अच्छे कॉलेजों में चयनित होने में सक्षम होने के लिए उम्मीदवारों को पहले प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनी होगी।
योग्यता के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया में छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको को ध्यान में रखते हुए मेरिट सूची तैयार की जाती है जिसके आधार पर छात्रों को एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
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एमएससी भूगोल कोर्स के भविष्य में अवसर
भूगोल लेकर क्या बन सकते हैं? एमएससी भूगोल कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवार शैक्षणिक और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। भारत में इनके लिए रोजगार के कुछ क्षेत्र है जिनमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वानिकी और पर्यावरण परामर्श, पर्यावरण और वन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण आदि शामिल हैं।
एमएससी भूगोल ग्रेजुएट्स लेक्चरर, रिसर्च असिस्टेंट, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) विश्लेषक, भूगोलवेत्ता, मानचित्रकार, समुद्री भूवैज्ञानिक, लैंडस्केप आर्किटेक्ट, समुद्र विज्ञानी, संचालन प्रबंधक, वरिष्ठ कार्यकारी सहायक, भू-वैज्ञानिक, शहरी और क्षेत्रीय नियोजक, जलवायु परिवर्तन विश्लेषक, पर्यावरण सलाहकार, संरक्षण आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
FAQs
प्रश्न: MSc भूगोल क्या है?
उत्तर: MSc भूगोल एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर का कोर्स है जो पृथ्वी के भूगोलिक विभाजन, वायुमंडलीय विज्ञान, नदी-समुद्री विज्ञान, जलवायु, भू-संरचना, जनसंख्या, वन्यजीवन, आदि जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।
प्रश्न: MSc भूगोल के बाद क्या करियर विकल्प हैं?
उत्तर: MSc भूगोल के बाद आप अधिक अध्ययन करके शोध के क्षेत्र में जाकर विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं, या शिक्षण संस्थानों में भूगोल के शिक्षक, विश्लेषक, या जलवायु विज्ञानी के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न: MSc भूगोल का पाठ्यक्रम किस प्रकार से होता है?
उत्तर: MSc भूगोल के पाठ्यक्रम में आपको विभिन्न विषयों पर लेक्चर, फील्ड वर्क, रिसर्च प्रोजेक्ट, जलवायु मॉडेलिंग, भू-सर्वेक्षण, आदि का अध्ययन कराया जाता है।
प्रश्न: MSc भूगोल का अध्ययन किस क्षेत्र में अच्छा है?
उत्तर: MSc भूगोल के अध्ययन से आप नक्शा बनाने, जलवायु परिवर्तन की अनुमानिती, जनसंख्या विश्लेषण, पर्यावरण समस्याओं का समाधान, विकास परियोजनाओं का योजना-निर्माण, आदि में योगदान कर सकते हैं।