MSc Geology कोर्स : एमएससी जियोलॉजी दो साल की अवधि का एक पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है, जिसे चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। यह कोर्स मूल रूप से छात्रों को आसपास के वातावरण के बारे में विस्तार से सिखाता है और पृथ्वी और इसकी परतों के कामकाज और डिजाइन के वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है।
कोर्स को पूरा करने के बाद, एमएससी जियोलॉजी के उम्मीदवार प्राइवेट उद्योगों, संघीय सरकार, संग्रहालय, कॉलेज और विश्वविद्यालयों आदि के लिए बेहतर वेतन पर काम कर सकते हैं और वे भूवैज्ञानिक प्रौद्योगिकीविद्, इंजीनियरिंग भूविज्ञानी, भू-रसायनज्ञ, भू-वैज्ञानिक, हाइड्रो भूविज्ञानी आदि के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी जियोलॉजी |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन जियोलॉजी |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 2,50,000 |
औसत वेतन | 3 से 10 लाख प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | जियो-साइंटिस्ट, असिस्टेंट केमिस्ट, प्रोजेक्ट असिस्टेंट, जियोलॉजिस्ट, जियोलॉजिकल टेक्नोलॉजिस्ट, असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट, हाइड्रो जियोलॉजिस्ट, ओएनजीसी चेयर प्रोफेसर आदि। |
छात्रों की नौकरी प्रोफाइल और अनुभव के आधार पर एमएससी जियोलॉजी कोर्स को पूरा करने के बाद औसत वेतन 3,00,000 रुपये से लेकर 7,00,000 रुपये प्रति वर्ष तक हो सकता है। साथ ही आप इसे भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट संस्थानों की मदद से 50,000 से 2,50,000 रुपये में कोर्स को पूरा कर सकते है।
एमएससी जियोलॉजी कोर्स क्या है?
एमएससी जियोलॉजी 2 वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें 4 सेमेस्टर के दौरान छात्रों को भूविज्ञान के विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है। इस कोर्स दौरान छात्रों को पृथ्वी से संबंधित पृथ्वी विज्ञान का अध्ययन करने को मिलता है जैसे पृथ्वी किन चट्टानों से बना है, और जिस प्रक्रिया से वे समय के साथ बदलते हैं। एमएससी भूविज्ञान कोर्स में किसी भी स्थलीय ग्रह या मंगल या चंद्रमा जैसे प्राकृतिक उपग्रह की ठोस विशेषताओं का अध्ययन भी कराया जाता है।
इस कोर्स में सिखाया जाता है कि पृथ्वी की संपूर्ण प्रणाली अपना काम कैसे करती है। साथ ही इसमें भू-आकृतियाँ, विभिन्न प्रक्रियाएँ, घटक और इतिहास भी शामिल हैं।
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एमएससी जियोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी जियोलॉजी करने से क्या फायदा होता है? किसी उम्मीदवार को ये कोर्स क्यों करना चाहिए, इसके कई कारण हो सकते हैं। यहां आपको कारण की जानकारी दी गई है कि आपको एमएससी जियोलॉजी कोर्स क्यों करना चाहिए :
यह कोर्स छात्रों को प्राकृतिक शक्तियों की एक अच्छी समझने का अवसर प्रदान करता है और जो कुछ भी हम अपने आस-पास देखते हैं, साथ ही समय की यथार्थवादी समझ (यानी भूगर्भीय समय) के रूप में विज्ञान में हर चीज पर लागू होती है।
यह कोर्स करने के बाद उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रो में प्रोजेक्ट असिस्टेंट, जियोलॉजिस्ट, जियोलॉजिकल टेक्नोलॉजिस्ट, असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट, जियो-साइंटिस्ट, असिस्टेंट केमिस्ट, हाइड्रो जियोलॉजिस्ट, ओएनजीसी चेयर प्रोफेसर आदि के रूप में काम कर सकता हैं।
इस कोर्स के दौरान छात्रों को जियोलॉजी के क्षेत्र में शोध करने का अवसर भी मिलता है। भारत में बहुत सारी रिसर्च प्रयोगशालाएँ हैं जो एमएससी जियोलॉजी के छात्रों को उनके शोध करने के लिए नियुक्त करती हैं।
एमएससी जियोलॉजी ग्रेजुएट्स का सैलरी पैकेज सालाना 3,00,000 से 10,00,000 रुपये के बीच होता है। वेतन काफी हद तक उस जॉब प्रोफाइल पर निर्भर करता है जिसके लिए उन्हें उम्मीदवार को नियुक्त किया गया है।
MSc Geology कोर्स के Types
एमएससी जियोलॉजी भारत के विभिन्न सरकारी एंव प्राइवेट संस्थानों द्वारा कराया जाता है, हालंकि कुछ संस्थान वर्किंग प्रोफेशनल्स के पास समय की कमी को देखते हुए डिस्टेंस मोड में भी पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करते है जिससे वह अपनी पढ़ाई के साथ अपना काम जारी रख सके।
एमएससी जियोलॉजी रेगुलर एजुकेशन : भारत में अधिकतम कॉलेजों एंव विश्वविद्यालयों द्वारा रेगुलर मोड में ही एमएससी जियोलॉजी कोर्स करने की अनुमति दी जाती है। रेगुलर मोड में छात्रों से रेगुलर फिजिकल क्लासेस अटेंड करने की उम्मीद की जाती है और कोई भी योग्य उम्मीदवार रेगुलर मोड में मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर सकता है।
एमएससी जियोलॉजी डिस्टेंस एजुकेशन : जो छात्र एंव वर्किंग प्रोफेशनल्स विज्ञान एमएससी जियोलॉजी कोर्स के लिए दैनिक रूप से कॉलेज में शामिल होकर क्लासेस अटेंड नहीं कर सकते हैं, वह एमएससी जियोलॉजी कोर्स को डिस्टेंस मोड में करने का विचार कर सकते है डिस्टेंस मोड उन वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए है जो नियमित रूप में कॉलेज में उपस्थित होने में सक्षम नहीं हैं। डिस्टेंस एमएससी जियोलॉजी कोर्स में उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद सीधे आवेदन कर एडमिशन की सकते है।
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MSc Geology कोर्स : न्यूनतम योग्यता
मैं भूविज्ञान में एमएससी कैसे कर सकता हूं? एमएससी जियोलॉजी कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता को पूरा करना आवश्यक है और उम्मीदवार को यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि न्यूनतम योग्यता मानदंड एक संस्थान से दुसरे संस्थान में भिन्न हो सकते है :
उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जियोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री या इस तरह के किसी भी कोर्स को पूरा करना होगा।
छात्रों को ग्रेजुएशन के दौरान अनिवार्य विषय के रूप में जियोलॉजी और सहायक विषयों के रूप में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान या जीव विज्ञान में से किन्हीं दो विषयों का अध्ययन करना चाहिए।
भारत के शीर्ष संस्थान में एमएससी जियोलॉजी कोर्स में योग्य होने के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर करना होगा, जिसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कई प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है जिनमें शामिल होकर वह एडमिशन ले सकता है।
MSc Geology कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी जीव विज्ञान कोर्स में एडमिशन आमतौर पर छात्रों के ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर होता है। हालांकि भारत में कुछ शीर्ष संस्थान प्रवेश प्रक्रिया के रूप में प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं, जिसमें छात्रों के परीक्षा स्कोर के आधार पर एडमिशन होता है। भारत में एमएससी जीव विज्ञान कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ प्रमुख राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाएँ जैसे कि BHU PET, IIT JAM, DUET, आदि आयोजित की जाती हैं।
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एमएससी जियोलॉजी कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी जियोलॉजी कोर्स करने के बाद उम्मीदवार खनन उद्योग, तेल और गैस उद्योग, पेट्रोलियम और रत्न उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है।
उम्मीदवार उच्च शिक्षा के लिए संबधित विषय में पीएचडी करने का विचार कर सकते है या फिर रिसर्च प्रयोगशालाओं में भी काम कर सकते हैं जहां इन्हे प्रत्येक माह के अंत में एक अच्छा इंसेंटिव भी मिलता है।
एमएससी जियोलॉजी उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रो में प्रोजेक्ट असिस्टेंट, जियोलॉजिकल टेक्नोलॉजिस्ट, जियोसाइंटिस्ट, असिस्टेंट केमिस्ट, हाइड्रो जियोलॉजिस्ट, ओएनजीसी चेयर प्रोफेसर आदि के रूप में 3,00,000 से 10,00,000 रुपये प्रति वर्ष की नौकरी पा सकते है।