MSc Optometry कोर्स : एमएससी ऑप्टोमेट्री 2 साल की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री है जो छात्रों को आंखों से संबंधित सामान्य बीमारियों के निदान और उपचार पर अध्ययन प्रदान करता है। इस कोर्स के दौरान सामान्य फिजियोलॉजी और ऑक्यूलर फिजियोलॉजी, हॉस्पिटल प्रोसीजर्स, लो विजन एड्स, ज्योमेट्रिकल ऑप्टिक्स, न्यूट्रिशन आदि जैसे विषयों का अध्ययन शामिल है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री डिग्री धारक आसानी से कोर्स पूरा करने के बाद 4,00,000 से 10,00,000 रुपये प्रति वर्ष का औसत प्रारंभिक वेतन कमा सकते हैं। संसाथ ही बंधित क्षेत्र में प्राप्त स्किल्स और अनुभव के अनुसार आपके वेतन भी बढ़ता जाता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी ऑप्टोमेट्री |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन ऑप्टोमेट्री |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | बीएससी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से ऑप्टोमेट्री या एमबीबीएस |
आयु | कोई आयु सीमा नही है |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 25,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4 से 10 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | विशिष्ट नेत्र अस्पताल, ऑप्टिकल निर्माण प्रयोगशालाएं, कॉन्टैक्ट लेंस निर्माण कंपनियां, स्पोर्ट्स विजन क्लिनिक, व्यवहारिक दृष्टि देखभाल क्लिनिक आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | ऑप्टोमेट्री टेक्नीशियन, लैब टेक्निशियन, प्रोफेसर, ऑप्टोमेट्रिस्ट, विजन कंसल्टेंट, क्लिनिकल ऑप्टोमेट्रिस्ट आदि। |
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स में आमतौर पर मेरिट के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया जाती है हालंकि कुछ संस्थान प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाते है। इसलिए अगर आप भारत के प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करने का विचार कर रहे है तो प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स क्या है?
एमएससी ऑप्टोमेट्री या मास्टर ऑफ ऑप्टोमेट्री 2 साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है। एमएससी ऑप्टोमेट्री के माध्यम से छात्र प्रोफेशनल ऑप्टोमेट्रिस्ट बनते हैं। ऑप्टोमेट्री डिग्री में मास्टर करने के बाद, छात्र आंखों की देखभाल संबंधी समस्याओं पर विशेषज्ञ परामर्श देने और उनका निदान करने में सक्षम हो जाते हैं। ऑप्टोमेट्री कोर्स में आंखों की जांच करना और आंखों की सामान्य बीमारियों का इलाज करना शामिल है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स करने के बाद छात्र अपना स्वयं का नेत्र क्लिनिक, ऑप्टिकल शॉप, लेंस निर्माण व्यापार चला सकते हैं। एक ऑप्टोमेट्रिस्ट नेत्र परीक्षण में लेख भी लिख सकता है, ऑप्टिशियंस, नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ सहयोग कर सकता है, ऑप्टोमेट्री सिखा सकता है, स्कूलों में दृष्टि स्क्रीन में सहायता कर सकता है और आंशिक दृष्टि और वंशानुगत दृष्टि दोष वाले रोगियों को ऑप्टोमेट्रिक परामर्श प्रदान कर सकता है।
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एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स के दौरान छात्रों को नेत्र रोगों और उनसे संबधित विभिन्न विकारों के निदान और उपचार पर प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल ज्ञान प्रदान किया जाता है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स करने के बाद आप आई हॉस्पिटल्स, कॉन्टैक्ट लेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, ऑप्टिकल मैन्युफैक्चरिंग लेबोरेटरी, स्पोर्ट्स विजन क्लीनिक, बिहेवियरल विजन केयर क्लिनिक आदि में ऑप्टोमेट्री टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट, विजन कंसल्टेंट, लैब टेक्नीशियन, प्रोफेसर, क्लिनिकल ऑप्टोमेट्रिस्ट आदि के रूप में काम पर रखा जाता है।
पढ़ाने के इच्छुक छात्र स्कूलों और कॉलेजों में नेत्र देखभाल पर माध्यमिक लेक्चरर आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं।
यह कोर्स को पूरा करने के बाद आप स्वतंत्र रूप से अपने स्वयं के नेत्र चिकित्सालय, ऑप्टिकल शॉप आदि में अभ्यास कर सकते हैं।
भारत के साथ – साथ विदेशों में भी, ऑप्टोमेट्रिक नौकरियों की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है जहां वह अपने करियर की शुरुआत कर सकते है या फिर छात्र आसानी से ऑप्टोमेट्री के क्षेत्र में आगे के शोध का विकल्प भी चुन सकते हैं।
MSc Optometry कोर्स के Types
भारत में विभिन्न संस्थानों की मदद से आप अपनी समय उपलब्धता और योग्यता के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते है।
फुल टाइम एमएससी ऑप्टोमेट्री : एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स कोर्स है जिसे अधिकतम रेगुलर मोड में किया जाता है। रेगुलर मोड में आप इस कोर्स को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल दोनों के माध्यम पढ़ते हैं। एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स को रेगुलर में संबधित विषय में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद किया जा सकता है और इसमें एडमिशन आप मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी ऑप्टोमेट्री : भारत के कुछ सरकारी एंव प्राइवेट विश्वविद्यालय है जो आपको रेगुलर मोड के अलावा डिस्टेंस मोड में भी पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करते है। डिस्टेंस मोड में छात्रों को नियमित रूप से क्लासेस लेने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि इसमें समस्त पढ़ाई ई – लर्निंग, स्टडी मटेरियल या साप्ताहिक क्लासेस के माध्यम से होती है। इच्छुक उम्मीदवार सीधे आवेदन कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर सकते है।
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MSc Optometry कोर्स : न्यूनतम योग्यता
क्या मैं ऑप्टोमेट्री के बाद नेत्र विज्ञान का अध्ययन कर सकता हूं? बिलकुल कर सकते है, एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स के लिए कॉलेज एंव विश्वविद्यालय छात्र को तभी एडमिशन देते हैं जब वह संस्थान/विश्वविद्यालय के न्यूनतम योग्यता मानदंडों को पूरा करते है। हालंकि प्रत्येक संस्थान/विश्वविद्यालय में एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स के लिए अलग योग्यता मानदंड हो सकते है।
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 50 प्रतिशत कुल अंकों के साथ ऑप्टोमेट्री में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। हालंकि आरक्षित छात्रों को 5% की छूट प्रदान की जाती है।
- एमबीबीएस के छात्र भी अगर एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स में एडमिशन लेने की इच्छा रखते है तो वह एडमिशन के पात्र है।
MSc Optometry कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स में एडमिशन छात्रों द्वारा प्रवेश परीक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर संस्थानों एंव विश्वविद्यालयों में एडमिशन दिया जाता है। हालंकि कुछ संस्थान योग्यता यानि आपके ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर भी मेरिट तैयार कर एडमिशन की अनुमति देते है। इसके अलावा कभी-कभी विश्वविद्यालय या संस्थान की एडमिशन प्रक्रिया एक दुसरे से भिन्न हो सकती है। ऑप्टोमेट्री के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षाओं में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऑप्टोमेट्री परीक्षा है।
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MSc Optometry कोर्स फीस
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स के लिए सरकारी कॉलेजों द्वारा लिया जाने वाला कोर्स शुल्क प्राइवेट संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की तुलना में बहुत कम होता है। भारत में सबसे शीर्ष कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा लिया जाने वाली ऑप्टोमेट्री कोर्स फीस लगभग 50,000 से 25,00,000 रुपये के बीच है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी ऑप्टोमेट्री के बाद हम क्या कर सकते हैं? एमएससी ऑप्टोमेट्री कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने पर, उच्च वेतन वाली नौकरी की भूमिका निभाने के अलावा, आप आगे उच्च अध्ययन करने के लिए भी जा सकते है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री पूरा करने के बाद, यदि छात्र शिक्षा के संबंधित क्षेत्र में अध्ययन जारी रखने का इच्छुक है, तो वह पीएचडी या एमफिल का विकल्प चुन सकते है। ऑप्टोमेट्री में पीएचडी मूल रूप से 3 से 5 साल का डॉक्टरेट कोर्स है जो छात्रों को कोर्स के पूरा होने के बाद किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में लेक्चररशिप का लाभ उठाने में मदद करता है।
एमएससी ऑप्टोमेट्री ग्रेजुएट्स अपने स्वयं के नेत्र क्लिनिक, ऑप्टिकल दुकानों, कॉन्टैक्ट लेंस निर्माण इकाई आदि स्थापित करके एक स्वतंत्र ऑप्टोमेट्रिस्ट के रूप में भी काम कर सकते हैं या फिर अस्पतालों में नेत्र रोग विशेषज्ञों, ऑप्टिकल प्रतिष्ठानों में अभ्यास आदि में भी सहायता कर सकते हैं।