MSc Public Health कोर्स : एमएससी पब्लिक हेल्थ या मास्टर्स ऑफ पब्लिक हेल्थ जन जागरूकता और स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बनाए रखने वाला 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन है। एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में छात्रों को लेक्चर, केस डिस्कशन, प्रैक्टिकल एक्सरसाइज, जर्नल क्लब, कोलैबोरेटिव लर्निंग, ग्रुप डिस्कशन, लैब वर्क, फील्ड विजिट, सेमिनार, असाइनमेंट, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और डिसर्टेशन सहित कई तरह की टीचिंग/लर्निंग तकनीकों के जरिए सिखाया जाता है।
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में एडमिशन या तो योग्यता या फिर प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किया जाता है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए शीर्ष प्रवेश परीक्षा जिपमर, पीआईएमएस-एआईसीईटी-एएसपीजी, एसआरएमजेईईएच (पीजी), आदि हैं। एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स करने के लिए औसत फीस 1 से 4 लाख रुपये के बीच है।
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स करने के बाद उम्मीदवार के पास विभिन्न विकल्प होते है जिनमें वह सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर सकता है या फिर भारत की विभिन्न प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने का विकल्प चुन सकता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी पब्लिक हेल्थ |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन पब्लिक हेल्थ |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 1,00,000 से 4,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | डब्ल्यूएचओ, मैकिन्से एंड कंपनी, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, द क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव, पीएचएफआई, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, आदि। |
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स क्या है?
मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स क्या है? एमएससी पब्लिक हेल्थ एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है, जिसे 2 वर्ष की अवधि में पूरा किया जा सकता है पर इसमें प्रत्येक वर्ष में 2 सेमेस्टर होते है यानि कि इस दो वर्ष के कोर्स में 4 सेमेस्टर होते है जिनमें आपको पब्लिक हेल्थ केयर से संबधित विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है।
पब्लिक हेल्थ में पोस्ट ग्रेजुएशन प्रकृति में बहुआयामी कोर्स है, जिसमें चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, मैनेजमेंट इत्यादि विषयों का अध्ययन शामिल हैं। यह कोर्स छात्रों को कार्यक्रम स्वास्थ्य संवर्धन, स्वास्थ्य अर्थशास्त्र और नीति, प्रबंधन, महामारी विज्ञान और बायोस्टैटिस्टिक्स, जनसांख्यिकी, सामाजिक विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स करने के विभिन्न कारण हो सकते है लेकिन यहां आपको कुछ ही कारण दिए गए है जिससे आपको सही निर्णय लेने में मदद मिलेंगी।
बेहतर रोजगार के अवसर: पब्लिक हेल्थ छात्रों के पास विभिन्न स्वास्थ्य संबधी क्षेत्रो के साथ-साथ अन्य संबंधित क्षेत्रों में भी रोजगार के बेहतर विकल्प होंगे। उम्मीदवारों के पास विभिन्न नौकरी भूमिकाओं में शामिल होने का विकल्प होता है जिसमें वह स्वास्थ्य संचार विशेषज्ञ, स्वास्थ्य संसाधन पेशेवर, जनसंपर्क अधिकारी, पर्यावरण स्वास्थ्य और सुरक्षा विशेषज्ञ आदि के रूप में काम कर सकते हैं। यह माना जा रहा है कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आने वाले वर्षों में 4 करोड़ से अधिक नौकरियां आने वाली है, इसलिए बेहतर अवसर बहुत सारे हैं।
नौकरी की सुरक्षा: प्रत्येक क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय में वृद्धि और सामान्य जागरूकता में वृद्धि के साथ, आने वाले वर्षों में एमएससी पब्लिक हेल्थ ग्रेजुएट के लिए समग्र नौकरी सुरक्षा उच्च होने की उम्मीद है।
उभरते क्षेत्र में काम करने का मौका: वर्तमान समय में 193.83 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का भारतीय स्वास्थ्य सेवा बाजार 2023 तक है जो अपने शुद्ध मूल्य को दोगुना करके 372 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे एमएससी पब्लिक हेल्थ ग्रेजुएट्स के लिए अवसर पैदा हो रहे है।
MSc Public Health कोर्स के Types
भारत में विभिन्न कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जहां से उम्मीदवार अपनी जीवनशैली और रूचि के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड का चुनाव कर पढ़ाई पूरी कर सकते है, जिसकी विस्तृत जानकारी आपको नीचे दी गयी है :
फुल टाइम एमएससी पब्लिक हेल्थ : एमएससी पब्लिक हेल्थ रेगुलर कोर्स की अवधि 2 वर्ष हैं। रेगुलर एमएससी पब्लिक हेल्थ को उम्मीदवार 1 से 3 लाख रुपये के बीच पूरा कर सकते है। इस पब्लिक हेल्थ कोर्स में छात्रों को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसमें एडमिशन उम्मीदवार योग्यता या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी पब्लिक हेल्थ : भारत के लगभग सभी सरकारी विश्वविद्यालय एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स को रेगुलर मोड में कराते है, हालांकि कुछ प्राइवेट विश्वविद्यालय इसे डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से भी पढ़ाई करने के मौका देते हैं। डिस्टेंस मोड में छात्रों को नियमित रूप से कॉलेज जाकर क्लासेस लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें सप्ताह में एक या दो बार क्लासेस आयोजित की जाती हैं या फिर ई – लर्निंग के माध्यम से पढ़ाया जाता है।
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MSc Public Health कोर्स : न्यूनतम योग्यता
मुझे भारत में mph में प्रवेश कैसे मिल सकता है? एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम योग्यता मानदंड इस प्रकार हैं:
उम्मीदवार ने चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, फार्मेसी, पशु चिकित्सा विज्ञान, फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा, स्वास्थ्य विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री रखने वाले छात्र एडमिशन के पात्र है।
वह उम्मीदवार भी एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में एडमिशन ले सकते है जिन्होंने एक मान्य विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है।
साथ ही उम्मीदवारों को कम से कम 50% अंकों के साथ ग्रेजुएशन उत्तीर्ण होना आवश्यक है। हालंकि आरक्षित वर्ग के छात्रों को 5% की छूट प्रदान की जाती है।
MSc Public Health कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में कोई भी इच्छुक उम्मीदवार जो इसकी न्यूनतम योग्यता को पूरा करते है वह मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
योग्यता के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाने वाले कॉलेजो में पहले उम्मीदवार द्वारा आवेदन किया जाता है फिर उसके ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट सूची तैयार कर एडमिशन की अनुमति दी जाती है।
इसके विपरीत कुछ शीर्ष भारतीय संस्थान एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है जिसमें छात्रों के प्रदर्शन के अनुसार एडमिशन की मंजूरी दी जाती है।
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एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी पब्लिक हेल्थ कोर्स पूरा होने के बाद उम्मीदवारों को विभिन्न नौकरी जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन विश्लेषक, जनसंपर्क अधिकारी, स्वास्थ्य परामर्शदाता आदि में नौकरी का अवसर प्राप्त होता है। जहां इन्हे औसत वेतन के रूप में 3 से 7 लाख रुपये के बीच मिलता है।
आप उच्च शिक्षा के लिए पीएचडी का विकल्प चुन सकते है जहां पब्लिक हेल्थ में पीएचडी तीन साल का डॉक्टरेट कोर्स है जिसे सार्वजनिक स्वास्थ्य अध्ययन के क्षेत्र में सर्वोच्च डिग्री माना जाता है। यह व्यक्ति को सार्वजनिक स्वास्थ्य पर विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय प्रथाओं के कारण होने वाले नुकसान के बारे में विभिन्न शोध करने में सहायता करता है।
एमएससी पब्लिक हेल्थ में मास्टर्स करने के बाद उम्मीदवार निम्नलिखित क्षेत्रों में नौकरी की तलाश कर सकते हैं:
- पर्यावरण विज्ञान
- जैव सुरक्षा, महामारी विज्ञान, समुदाय सक्रियता
- सैनिटेशन, रोग विशेषज्ञता
- खतरनाक अपशिष्ट निरीक्षण और नियंत्रण
- स्वास्थ्य संबंधित प्रशासन, विधान, कानून
- पब्लिक हेल्थ शिक्षा
- रोग विश्लेषण
- खाद्य सेवा और समन्वय
इस प्रकार के पोस्टग्रेजुएट्स हेल्थकेयर एनालिटिक्स, बिग डेटा, जीआईएस, परामर्श फर्म, नीति संबंधित रिसर्च, एविडेंस जनरेशन, और इसी तरह के क्षेत्रों में करियर के अवसर ढूंढ सकते हैं।