MSc Statistics कोर्स : मास्टर ऑफ साइंस इन स्टैटिस्टिक्स, जिसे एमएससी स्टैटिस्टिक्स या सांख्यिकी के नाम से भी जाना जाता है। यह कोर्स छात्रों को दो वर्ष की अवधि के दौरान डेटा के संग्रह, संगठन और व्याख्या का अध्ययन करवाता है। इसके साथ ही यह सर्वेक्षणों और प्रयोगों के डिजाइन के संदर्भ में डेटा की योजना सहित कोर्स के सभी पहलुओं के बारे में सिखाता है।
एमएससी स्टैटिस्टिक्स ग्रेजुएट्स आमतौर पर कंसल्टेंसी, मार्केटिंग, फाइनेंस और डेटा मेट्रिक्स आदि क्षेत्र में रोजगार पा सकते हैं जहां ऐसी भूमिकाओं में जिन्हें लोगों की प्राथमिकताओं और प्रवृत्तियों के विश्लेषण की आवश्यकता होती है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी स्टैटिस्टिक्स |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ साइंस इन स्टैटिस्टिक्स |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन + गणित / स्टैटिस्टिक्स |
आयु | कोई आयु सीमा नहीं |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 60,000 से 4,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 7 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी प्रोफाइल | सलाहकार, सांख्यिकीय प्रशिक्षक, सामग्री विश्लेषक, डेटा वैज्ञानिक, डेटा विश्लेषक, जोखिम विश्लेषक, प्रोफेसर, गणितज्ञ, व्यवसाय विश्लेषक, सांख्यिकीविद आदि। |
नौकरी क्षेत्र | बीमा उद्योग, कृषि अनुसंधान, बैंक, जनसांख्यिकीय अध्ययन, भारतीय आर्थिक सेवा, सांख्यिकीय और आर्थिक ब्यूरो, योजना आयोग, सिविल सेवा अनुसंधान, विनिर्माण क्षेत्र |
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स क्या है?
एमएससी स्टैटिस्टिक्स दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो डेटा के संग्रह, संगठन और व्याख्या के अध्ययन से संबंधित है। भारत में स्टैटिस्टिक्स में मास्टर ऑफ साइंस सांख्यिकीविद्, फाइनेंसियल एनालिस्ट, रिस्क एनालिस्ट, ऑनलाइन ट्यूटर, सेवा अनुमानक, विषय वस्तु विशेषज्ञ, सहायक प्रोफेसर और सांख्यिकीय अन्वेषक जैसे पुरस्कृत करियर के लिए छात्रों को तैयार करता है।
स्टैटिस्टिक्स में एमएससी एक डेटा के विश्लेषण और व्याख्या करने बाला एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो गणितीय अनुप्रयोगों का उपयोग कर विभिन्न डेटा पर विश्लेषण कर एक निष्कर्ष पर पहुँचता है। एमएससी सांख्यिकी छात्रों को एक व्यापक स्पेक्ट्रम में सांख्यिकी की थ्योरी और प्रैक्टिकल अवधारणाओं के बारे में गहन अध्ययन करता है।
एमएससी स्टैटिस्टिक्स के सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे गणितीय विज्ञान में सीएसआईआर नेट, एसईटी, भारतीय सांख्यिकीय सेवा (आईएसएस), आदि भाग ले सकते है और अपने बेहतर भविष्य की कामना कर सकते है।
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एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स करने से एक उम्मीदवार को अपने कौशल और ज्ञान के साथ सरकार के साथ सीधे काम करने और मूल्य वृद्धि और उतार-चढ़ाव की निगरानी और नियंत्रण में मदद मिलती है।
इस कोर्स के पूरा होने के बाद, छात्रों को डेटा विश्लेषण के तहत दी गई समस्या को हल करने, कंप्यूटर पर विश्लेषण को लागू करने और परिणामों को स्पष्ट रूप से और संक्षिप्त रूप से संप्रेषित करने के लिए एक उपयुक्त सांख्यिकीय पद्धति का चयन करने में सक्षम होना चाहिए।
एमएससी स्टैटिस्टिक्स के उम्मीदवार विभिन्न फाइनेंसियल संगठनों, डेटा केंद्रों, सरकारी कार्यालयों आदि में आसानी से नौकरी पा सकते हैं।
एमएससी सांख्यिकी उम्मीदवारों के लिए वेतन अच्छा मिलता है। उम्मीदवारों के कौशल के आधार पर शुरुआती वेतन 3,00,000 से 7,00,000 के बीच होता है। हालंकि जैसे – जैसे आपका अनुभव बढ़ता जायेगा, ठीक उसी प्रकार आपका वेतन भी बढ़ता जायेगा।
MSc Statistics कोर्स के Types
भारत में विभिन्न स्टैटिस्टिक्स कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जिनके माध्यम से आप अपनी जीवनशैली और रूचि के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड में एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स की पढ़ाई कर सकते है, जिसकी समस्त जानकारी आपको नीचे दी गयी है :
फुल टाइम एमएससी स्टैटिस्टिक्स : एमएससी स्टैटिस्टिक्स 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स हैं, रेगुलर एमएससी स्टैटिस्टिक्स में छात्रों को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसमें एडमिशन के लिए विधालयों और कॉलेजो द्वारा मेरिट एंव प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
डिस्टेंस एमएससी स्टैटिस्टिक्स : भारत में लगभग सभी विश्वविद्यालय एंव कॉलेज एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स को रेगुलर मोड में ही कराते है, हालांकि कुछ प्राइवेट संस्थान एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स को डिस्टेंस लर्निंग मोड में करने के मौका देते हैं। इस मोड में आपको को नियमित रूप से कॉलेज जाकर क्लासेस लेने की जरुरत नहीं है क्योंकि इसमें ई – लर्निंग, सेल्फ स्टडी और असाइनमेंट के माध्यम से पढ़ाया जाता है।
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MSc Statistics कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में एडमिशनके लिए, छात्रों को विश्वविद्यालय/कॉलेज द्वारा निर्धारित एमएससी स्टैटिस्टिक्स न्यूनतम योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। इसमें एडमिशन प्राप्त करने के लिए छात्रों को गणित या स्टैटिस्टिक्स विषय के साथ ग्रेजुएशन स्तर पर कम से कम 50% अंक हासिल करना चाहिए। एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में रुचि रखने वाले आवेदकों की कोई विशिष्ट आयु सीमा नहीं है। इसमें छात्रों को कॉलेज स्तर की प्रवेश परीक्षा या राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने की भी आवश्यकता हो सकती है।
MSc Statistics कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा और योग्यता-आधारित दोनों के माध्यम से होता है। कुछ विश्वविद्यालय सीधे एडमिशन और प्रवेश आधारित एडमिशन दोनों प्रदान करते हैं। हालाँकि, कुछ विश्वविद्यालयों को उम्मीदवारों को एमएससी स्टैटिस्टिक्स में एडमिशन के लिए छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया अपनायी जाती है।
एडमिशन के लिए छात्र को पहले आवेदन पत्र जमा करना होता है जिसके लिए वह ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से आवेदन कर सकता है। ऑफ़लाइन आवेदकों के लिए, एक आवेदन पत्र भरना, परिसर में जाना और एक विवरणिका भरना आवश्यक है। छात्रों को स्कैन किए गए दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करना होता है और छात्रों द्वारा अपने ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद, उन्हें कोर्स फीस का भुगतान भी करना होगा।
फिर उम्मीदवारों की अंतिम सूची की चयन प्रक्रिया उनके द्वारा प्रवेश परीक्षा और उनके यूजी में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है।
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MSc Statistics प्रवेश परीक्षा
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में आप कॉलेज या विश्वविद्यालय के आधार पर मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है। भारत के कुछ है जो राष्ट्रीय एंव विश्वविद्यालय स्तर पर एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते है। यहां आपको उन प्रवेश परीक्षाओं की जानकारी दी गयी है :
- IIT JAM
- CUET PG
- DUET PG
एमएससी स्टैटिस्टिक्स कोर्स के भविष्य में अवसर
इस डिजिटल दुनिया में, डेटा एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और सांख्यिकी डेटा से सीखने और सामान्य समस्याओं को नेविगेट करने की एक महत्वपूर्ण कुंजी है जो आपको सही निष्कर्ष तक ले जा सकती है।
उम्मीदवार ये कोर्स करने के बाद मार्केट रिसर्च, फाइनेंसियल सेवाओं, परिचालन रिसर्च, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के माध्यम से अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत कर सकते है।
सांख्यिकी के क्षेत्र में छात्रों को भारतीय सांख्यिकी सेवा, बीमा उद्योग, कृषि अनुसंधान, बैंक, जनसांख्यिकी अध्ययन, भारतीय आर्थिक सेवा, सांख्यिकीय और आर्थिक ब्यूरो, योजना आयोग, सिविल सेवा और अनुसंधान आदि में नौकरी के अवसर आसानी से मिल सकते है।
यदि कोई छात्र आगे अध्ययन करना चाहते हैं तो वे सांख्यिकी में एमफिल या पीएचडी को अपने उच्च अध्ययन के रूप में चुन सकते हैं।