MSc Total Quality Management कोर्स : एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, इस कोर्स में गुणवत्ता सुधार और कचरे के पूर्ण निपटान के महत्व के बारे में सिखाया जाता है। इस कोर्स में एडमिशन की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद रेगुलर या डिस्टेंस मोड में करने का विचार कर सकते है।
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स का उद्देश्य बोर्ड और संगठन, समीक्षा, पुष्टि, टीक्यूएम के अलावा बैंकिंग और धन संबंधी प्रशासन, खुले दृष्टिकोण, गुणवत्ता रणनीति और व्यवस्था, क्लिनिक और अन्य क्षेत्रों में बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करना है।
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स के दौरान छात्रों को विज्ञान और मैनेजमेंट विषयों के साथ क्वॉलिटी असुरेन्स और ऑडिट, पर्सनल मैनेजमेंट, अर्थशास्त्र, स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, पर्यावरण मैनेजमेंट सिस्टम आदि के बारे में पढ़ाया जाता है।
डिग्री | पोस्ट ग्रेजुएशन |
कोर्स | एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ साइंस इन टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
आयु | कोई आयु सीमा नही है |
एडमिशन का तरीका | मेरिट या प्रवेश परीक्षा |
कोर्स फीस | 50,000 से 2,50,000 रुपये |
औसत वेतन | 3 से 8 लाख रुपये प्रति वर्ष |
नौकरी क्षेत्र | ऑडिटिंग & सर्टिफिकेशन विभाग, बैंक और फाइनेंसियल संगठन, कॉलेज और विश्वविद्यालय, सरकारी संस्थान, हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म क्षेत्र, रिटेल ऑपरेशन सेक्टर्स आदि। |
नौकरी प्रोफाइल | क्वॉलिटी एनालिस्ट, क्वॉलिटी कंट्रोल एग्जीक्यूटिव, क्वॉलिटी मैनेजमेंट सलाहकार, क्वॉलिटी प्लानिंग मैनेजर, क्वॉलिटी प्रोसेस मैनेजर, शिक्षक और अध्यापक, टीक्यूएम मैनेजर आदि। |
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को उम्मीदवार न्यूनतम योग्यता मानदंड पूरा करने के उपरांत डिस्टेंस मोड में भी करने का विचार कर सकते है। हालांकि, डिस्टेंस कोर्स की न्यूनतम योग्यता रेगुलर कोर्स के ही समान है। एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट की कुल कोर्स फीस लगभग 50,000 से 2,50,000 रुपये के बीच है।
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
एमएससी (टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट) या मास्टर ऑफ साइंस इन टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट एक पोस्ट-ग्रेजुएट बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स है। टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट एक मैनेजमेंट अवधारणा है जिसमें सभी संगठनात्मक हितधारकों के साथ निरंतर गुणवत्ता सुधार और कुल अपशिष्ट में कमी की आवश्यकता को उजागर करने के लिए निरंतर आधार पर प्रयास किए जाते है।
टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में मास्टर ऑफ साइंस कोर्स बैंकिंग और फाइनेंसियल सेवाओं, अस्पताल में TQM के अलावा मैनेजमेंट और प्रशासन, गुणवत्ता नीति, और योजना, सार्वजनिक नीति, एकाउंटिंग परीक्षा, प्रमाणन और निरीक्षण में विशेषज्ञों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स क्यों करना चाहिए?
बेहतर शैक्षिक रिकॉर्ड रखने वाले उम्मीदवार जिन्होंने टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट कोर्स पूरा कर लिया है, वह स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक शिक्षक के रूप में रोजगार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा लेक्चर बनने के लिए आपको यूजीसी-नेट परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए।
टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में एमएससी छात्रों को विनिर्माण और सेवाओं में उपयोग की जाने वाली विभिन्न सांख्यिकीय प्रक्रिया नियंत्रण तकनीकों का विश्लेषण करने और लागू करने के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार उपकरण और प्रक्रियाओं का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के विभिन्न तरीको के बारे में सिखाता है।
प्रोफेशनल मैनेजर जो समस्त टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट उत्कृष्टता के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं, वह एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को करने का निर्णय ले सकते है।
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को ग्राहक एंव गुणवत्ता मैनेजमेंट, पर्यावरण मैनेजमेंट, और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा मैनेजमेंट प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होना चाहिए।
MSc Total Quality Management कोर्स के Types
भारत में कुछ ही संस्थान है जिनकी मदद से आप अपनी इच्छा के अनुसार रेगुलर या डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने का विकल्प चुन सकते है, जिसकी विस्तृत जानकारी आपको नीचे दी गयी है :
फुल टाइम एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट : एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट रेगुलर कोर्स दो साल का होता हैं जिसे इच्छुक उम्मीदवार 50,000 से 2,50,000 रुपये में पूरा कर सकते है। इस रेगुलर कोर्स में छात्रों को प्रैक्टिकल और थेओरोटिकल दोनों के माध्यम से पढ़ाया जाता है इसलिए वह उम्मीदवार जो इस कोर्स को रेगुलर मोड़ में करना चाहते है वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
डिस्टेंस एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट : भारत में ऐसे कुछ ही सस्थान है जिनकी मदद से आप एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स को डिस्टेंस मोड में कर सकते है। डिस्टेंस मोड को अक्सर वर्किंग प्रोफेशनल्स द्वारा चुना जाता है क्योंकि इसमें आपको फिजिकल क्लासेस लेने की आवश्यकता नहीं होती है और आप अपने काम के साथ पढ़ाई जारी रख सकते है। इच्छुक उम्मीदवार सीधे ही विश्वविद्यालय में आवेदन कर एडमिशन ले सकते है।
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MSc Total Quality Management कोर्स : न्यूनतम योग्यता
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन की योग्यता क्या है? एडमिशन के लिए न्यूनतम योग्यता मानदंड की चर्चा नीचे की गई है:
वह उम्मीदवार जिन्होंने किसी भी मान्य विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है, वह इस कोर्स में एडमिशन के लिए योग्य है।
संस्थान द्वारा छात्रों से ग्रेजुएशन स्तर पर कम से कम 40% अंको की मांग की जाती है, हालंकि अगर आप आरक्षित वर्ग अंतर्गत आते है उन्हें एडमिशन के दौरान न्यूनतम अंको में 5% तक की छूट प्रदान की जाती है।
कुछ भारतीय संस्थान ऐसे भी है जो आपसे एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते है, जिनमें एडमिशन के लिए पहले छात्रों को प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
MSc Total Quality Management कोर्स : एडमिशन प्रक्रिया
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन एडमिशन पाने की इच्छा रखने वाले उम्म्मीद्वार विभिन्न संस्थानों में योग्यता या प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन ले सकते है।
प्रवेश परीक्षा: वह उम्मीदवार जो भारत के शीर्ष संस्थान से एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स करना चाहते है, उन्हें पहले प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस एडमिशन प्रक्रिया में पहले आपको राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है उसके बाद ही आप एडमिशन के लिए योग्य मनाए जायेंगे।
मेरिट सूची: मेरिट के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया में संस्थान छात्रों को ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर एडमिशन का निर्णय लेता है, जहां पहले उम्मीदवार को आवेदन करना होता है और कुछ दिन बाद संस्थान द्वारा मेरिट सूची जारी की जाती है जिसमें अगर आप स्थान बना सकते है।
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एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स के भविष्य में अवसर
एमएससी टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार ऑडिटिंग & सर्टिफिकेशन विभाग, बैंक और फाइनेंसियल संगठन, कॉलेज और विश्वविद्यालय, सरकारी संस्थान, हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म क्षेत्र, रिटेल ऑपरेशन सेक्टर्स आदि क्षेत्र में क्वॉलिटी एनालिस्ट, क्वॉलिटी कंट्रोल एग्जीक्यूटिव, क्वॉलिटी मैनेजमेंट सलाहकार, क्वॉलिटी प्लानिंग मैनेजर, क्वॉलिटी प्रोसेस मैनेजर, शिक्षक और अध्यापक, टीक्यूएम मैनेजर आदि के रूप में काम कर सकते है।
नौकरी अलावा अगर आप आगे पढ़ने की इच्छा रखते है तो आप टोटल क्वॉलिटी मैनेजमेंट में पीएचडी करने का विचार भी कर सकते है जिसे सबसे उच्च दर्जे की डिग्री माना जाता है।