MSW Course Details in Hindi : एमएसडब्ल्यू का पूरा नाम मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क है, जो कि एक 2 वर्षीय पोस्टग्रेजुएशन कोर्स है जिसमें चार सेमेस्टर होते है। एमएसडब्ल्यू कोर्स में समुदायों, अस्पतालों, स्कूलों और सामाजिक सेवाओं के अन्य क्षेत्रों में प्रोफेशनल सामाजिक कार्य प्रथाओं के मैक्रो और सूक्ष्म दोनों ही पहलुओं को शामिल किया गया है।
मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क, सामाजिक कार्य के क्षेत्र में एक पोस्ट ग्रेजुएशन स्तरीय कोर्स है जिसकी अवधि 2 वर्ष होती है और इसमें चार सेमेस्टर शामिल है। वह उम्मीदवार जो सोशल वर्क के क्षेत्र में रूचि रखते है वह ग्रेजुएशन के बाद एमएसडब्ल्यू करने का विचार कर सकते है।
उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 50% अंकों के साथ संबधित स्ट्रीम में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद एमएसडब्ल्यू कोर्स में एडमिशन सकते हैं। एमएसडब्ल्यू कोर्स में एडमिशन मेरिट सूची या प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है।
एमएसडब्लू कोर्स के सिलेबस को 4 सेमेस्टर में बांटा गया है। जिनके मुख्य विषय के रूप में मानव विकास और विकास, सामाजिक कार्य की विचारधारा और नैतिकता, गरीबी में कमी, माइक्रो फाइनेंस, माइक्रो इंटरप्राइजेज आदि हैं।
MSW Course Details in Hindi
MSW में क्या पढ़ाई होती है? एमएसडब्ल्यू में पोस्टग्रेजुएशन एक विशेष कोर्स है जिसका उद्देश्य उम्मीदवारों को समाज के विभिन्न पहलु और सामाजिक समस्याओं के बारे में गहन ज्ञान और समझ प्रदान करना है। एमएसडब्ल्यू कोर्स मुख्य रूप से फील्डवर्क पर केंद्रित है क्योंकि इसमें उम्मीदवारों को दूसरों की जरूरत में मदद करने के लिए आवश्यक स्किल्स को सिखाया जाता है।
एमएसडब्ल्यू एक सामाजिक विज्ञान कोर्स है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को समाज की विभिन्न समस्याओं को मिटाने के लिए संसाधनों का उपयोग करना और परामर्श, धन या विभिन्न सामाजिक तरीकों के माध्यम से उनकी तकलीफो को कम करने का प्रयास करना है।
रिपोर्टों से पता चलता है कि 18% सामाजिक कार्यकर्ता समाज के व्यक्तिगत और पारिवारिक सेवाओं में काम करते हैं, 14% स्थानीय सरकारी बॉडीज में शिक्षा और अस्पतालों को छोड़कर, 14% स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में काम करते हैं, और 13% शिक्षा और अस्पतालों को छोड़कर राज्य सरकार में काम करते हैं।
एमएसडब्ल्यू कोर्स की जानकारी
डिग्री | पोस्टग्रेजुएशन |
कोर्स का पूरा नाम | मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क |
अवधि | 2 वर्ष |
योग्यता | ग्रेजुएशन |
प्रवेश का तरीका | मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर |
कोर्स फीस | 1,50,000 से 3,00,000 रुपये |
औसत वेतन | 4.5 से 8 लाख प्रति वर्ष |
MSW Course Details in Hindi : योग्यता
एमएसडब्ल्यू कोर्स में एडमिशन के लिए निम्न न्यूनतम योग्यता होना आवश्यक है:
एमएसडब्ल्यू कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 50% अंकों के साथ बैचलर ऑफ सोशल वर्क (BSW) पूरा किया होना चाहिए।
वह उम्मीदवार जो आरक्षित वर्ग से संबंधित है उन्हें प्राप्त कुल अंकों के न्यूनतम प्रतिशत में 5% की छूट प्रदान की जाती है।
मानविकी, विज्ञान, कॉमर्स वर्ग एंव अन्य पृष्ठभूमि के छात्र भी एमएसडब्ल्यू कोर्स के लिए पात्र हैं, वशर्ते उन्होंने किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या संस्थान से ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हो।
भारत के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालय मे एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है इसलिए उन संस्थान में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना करना अनिवार्य है।
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एमएसडब्ल्यू कोर्स क्यों करना चाहिए?
एमएसडब्ल्यू करने से क्या फायदा है? एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में इस करियर के साथ बहुत सारी जिम्मेदारियां आती हैं, जिसमें समाज और राष्ट्र को कुछ वापस देने का मौका मिलता है। यहां आपको निम्नलिखित कारण बताते हैं कि क्यों एमएसडब्ल्यू का अध्ययन करने से एक बेहतर करियर का निर्माण किया जा सकता है।
नौकरी के अवसर : एमएसडब्ल्यू कोर्स नौकरी के अवसरों की संभावना को बढ़ाता है। जहां शीर्ष रोजगार वेबसाइटों की रिपोर्ट के अनुसार, हर महीने सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए 100 से अधिक रोजगार के अवसर हैं। इसी के साथ लिंक्डइन पर सोशल वर्कर्स के लिए 490 से ज्यादा जॉब में आवेदन खुले हैं।
सेलरी में बढ़ोतरी : यह देखा गया है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद अपने वेतन में 29% तक की बढ़ोतरी मिली है। इस तरह हम कह सकते है कि एक समान जॉब प्रोफाइल वाला व्यक्ति एक एमएसडब्ल्यू डिग्रीधारक से कम पैसे कमाएगा, जिसमें समान कार्य अनुभव होगा। एक और दिलचस्प बात यह है कि भारत में सामाजिक कार्यकर्ताओं को हर 17 महीने में 10% की बढ़ोतरी मिलती है, जबकि विश्व स्तर पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को हर 16 महीने में 3% की बढ़ोतरी मिलती है।
तेजी से बढ़ते क्षेत्र में काम करने का मौका : यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक़ अगले दशक में सामाजिक कार्य क्षेत्र 16% की दर से बढ़ेगा, इस प्रकार विश्व स्तर पर एमएसडब्ल्यू डिग्रीधारको के लिए नए अवसर लाएगा। सामाजिक कार्य भारत में तृतीयक क्षेत्र के तहत अर्थव्यवस्था में 30 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का योगदान करता है।
विश्व के एनजीओ के साथ काम करने का मौका : एमएसडब्ल्यू करने के बाद उम्मीदवार UNICEF, WHO, CRY, आदि सहित दुनिया में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए काम करने के अवसर पा सकते हैं। भारत में 3.3 लाख से अधिक एनजीओ हैं जो नए एमएसडब्ल्यू डिग्रीधारको के लिए रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं।
व्यक्तिगत संतुष्टि : सामाजिक कार्यकर्ता गरीबी, विकलांगता, असमानता और बाल शोषण जैसे प्रमुख सामाजिक न्याय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके व्यक्तियों के जीवन में बदलाव लाते हैं। इसलिए ये एक ऐसा कार्य है जो आपको अच्छे पैसे के साथ संतुष्टि भी प्रदान करता है क्योंकि लोगों के जीवन को बदलने का अवसर एक अलग ही खुशी का अहसास कराता है।
एमएसडब्ल्यू में कितने विषय होते हैं?
प्रथम वर्ष :- सामाजिक कार्य का इतिहास और दर्शन, सामाजिक बहिष्करण और समावेशी नीति, सामाजिक समस्या और सामाजिक विकास, पुनर्वास और पुनर्वास, सामाजिक कार्य अनुसंधान और मात्रात्मक विश्लेषण, सामाजिक कार्य के तरीके, मानव विकास और विकास, दृश्य संस्कृति, सामाजिक कार्य व्यावहारिक- I, सामाजिक कार्य प्रैक्टिकल- III, सोशल वर्क प्रैक्टिकल- II, सोशल वर्क प्रैक्टिकल- IV, सोशल सेक्टर में आईटी, कम्युनिटी इंटरवेंशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट।
द्रितीय वर्ष : सामाजिक कार्य की विचारधारा और नैतिकता, सामाजिक कार्य प्रशासन, सामाजिक विधान और श्रम कल्याण, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, कमजोर बच्चे और उनका विकास, जनजातीय नृविज्ञान और सामाजिक कार्य, वैकल्पिक- I, वैकल्पिक- II, सामाजिक कार्य व्यावहारिक- V, चिकित्सा के मूल सिद्धांत सोशल वर्क, सोशल वर्क प्रैक्टिकम-VI, ब्लॉक फील्ड वर्क प्लेसमेंट।
MSW Course Details in Hindi : एडमिशन प्रक्रिया
एमएसडब्ल्यू कोर्स में एडमिशन स्नातक स्तर पर प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है। लेकिन कुछ मामलों में, प्रवेश प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर भी एडमिशन किया जाता है। इसके अलावा कुछ शीर्ष विश्वविद्यालय कॉमन एडमिशन टेस्ट या स्किल असेसमेंट टेस्ट के बाद जीडी और पर्सनल इंटरव्यू के जरिए भी एडमिशन प्रक्रिया को अपना सकते है।
मेरिट आधारित एडमिशन प्रक्रिया
भारत में लगभग अधिकतम कॉलेज एंव विश्वविद्यालय छात्रों के ग्रेजुएशन में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट के अनुसार एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करते है। जिसके लिए उम्मीदवार को पहले कॉलेज में एडमिशन ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से आवेदन करना होता है।
आवेदन करने के उपरान्त कॉलेज की ओर से न्यूनतम कटऑफ जारी की जाती है मेरिट लिस्ट देखने के लिए उम्मीदवारों को कॉलेज की वेबसाइट पर जाना होता है। अगर आपके ग्रेजुएशन स्तर पर न्यूनतम कटऑफ के बराबर या अधिक अंक होते है तो आप एडमिशन के लिए पात्र हो जाते है। जिसके बाद उम्मीदवार एडमिशन शुल्क का भुगतान करके एडमिशन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन प्रक्रिया
प्रवेश परीक्षा -आधारित एडमिशन प्रक्रिया में, उम्मीदवारों को पहले राष्ट्रीय, राज्य या विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में आवेदन करना होता है।
उम्मीदवारों को पंजीकरण प्रक्रिया के बाद आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होंगे और आवेदन शुल्क जमा करना होगा।
आवेदन करने के कुछ दिन बाद परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमें उम्मीदवार को भाग लेना होता है और अगर वह उस परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेता है तो वह एडमिशन के लिए योग्य हो जाता है।
चयनित उम्मीदवारों को ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाता है या उनकी क्षमता, कौशल और उस विशेष कॉलेज में उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर एक मेरिट सूची तैयार की जाती है।
एमएसडब्ल्यू प्रवेश परीक्षा
एमएसडब्ल्यू एडमिशन के लिए कोई विशेष प्रवेश परीक्षा नहीं है, लेकिन कुछ प्रवेश परीक्षाएं है जिनके माध्यम से आप एमएसडब्ल्यू कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
- दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा
- टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
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एमएसडब्ल्यू कोर्स : शीर्ष सरकारी कॉलेज
यहाँ आपको कुछ सरकारी कॉलेज की सूची दी है जिनके माध्यम से आप एमएसडब्ल्यू कोर्स कर सकते है :
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय | ———————– |
बैंगलोर विश्वविद्यालय, बैंगलोर | 13,000 रूपये |
मद्रास विश्वविद्यालय, मद्रास | 68,000 रूपये |
लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ | 68,000 से 1,00, 000 रूपये |
पंजाब विश्वविद्यालय, पंजाब | 58,000 रूपये |
एमएसडब्ल्यू कोर्स में नौकरी के अवसर
इस कोर्स में कक्षा प्रशिक्षण और फील्डवर्क शामिल है ताकि छात्रों को इस क्षेत्र में आसानी से अपना करियर स्थापित करने के लिए पूर्ण ज्ञान और जीवन का अनुभव प्राप्त हो सके।
एमएसडब्ल्यू छात्रों के पास उच्च अध्ययन के लिए भी जाने का विकल्प है। इनमें वह एमफिल, पीएचडी, मैनेजमेंट डिग्री जैसे एमबीए, प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स और पीजी डिप्लोमा आदि कोर्स भी कर सकते है।
एमएसडब्ल्यू डिग्रीधारको के लिए करियर के बहुत से अवसर खुले है जहां वह अपना करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में सभी नौकरियां समाज सेवा या दान कार्य से संबंधित हैं। सरकारी क्षेत्रों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षिक संस्थानों, ग्रामीण क्षेत्रों और कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में अधिकतम मात्रा में नौकरियां निकाली जाती हैं, जिनमें आवेदन कर वह एक अच्छे वेतन पर नौकरी का अवसर प्राप्त कर सकते है।
MSW के बाद क्या नौकरी मिलती है? अभी आपको कुछ नौकरी प्रोफाइल और उनके औसत वेतन के बारे में बताया जा रहा है जिनके रूप में आप कोर्स पूरा करने के बाद काम कर सकते है:
नौकरी प्रोफाइल | औसत वेतन |
सोशल वर्कर | 3.5 से 4.8 लाख रुपये प्रति वर्ष |
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर | 3.2 से 4.9 लाख रुपये प्रति वर्ष |
प्रोजेक्ट मैनेजर | 3 से 4.5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
अध्यापक | 3 से 7.5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
कंसलटेंट | 3 से 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष |
काउंसलर | 2.8 से 4 लाख रुपये प्रति वर्ष |
डॉक्यूमेंटेशन स्पेशलिस्ट | 3 से 3.58 लाख रुपये प्रति वर्ष |
कम्युनिटी हेल्थ वर्कर | 2.39 से 4.2 लाख रुपये प्रति वर्ष |
केस मैनेजर | 3 से 4.8 लाख रुपये प्रति वर्ष |
FAQs
प्रश्न 1: MSW का मतलब क्या है?
उत्तर: MSW का मतलब है ‘मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क’, यह एक सामाजिक कार्य से संबधित मास्टर्स कोर्स है जिसमें समाज सेवा और समाजिक समस्याओं के समाधान पर ज्ञान प्रदान किया जाता है।
प्रश्न 2: MSW कोर्स के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: MSW कोर्स के लिए पात्रता मानदंड बैचलर्स डिग्री है। आपको संबंधित विषय में बैचलर्स डिग्री के साथ-साथ समाज और समाजशास्त्र में रुचि होनी चाहिए।
प्रश्न 3: MSW कोर्स की अवधि क्या होती है?
उत्तर: MSW कोर्स की अवधि आमतौर पर 2 वर्ष की होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह 1 वर्ष का भी हो सकता है।
प्रश्न 4: MSW कोर्स करने के बाद किस तरह की नौकरी मिल सकती है?
उत्तर: MSW कोर्स पूरा करने के बाद आप सामाजिक कार्यकर्ता, समाजशास्त्री, नागरिक संगठनों में काम कर सकते हैं और सरकारी विभागों, एनजीओएस, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भी रोजगार पा सकते हैं।