Veterinary Courses after 12th : Veterinary Course एक शैक्षिक कार्यक्रम है जो पशु चिकित्सा के क्षेत्र में व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स में पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विषयों को कवर किया जाता है, जैसे कि एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, सर्जरी, और प्रिवेंटिव मेडिसिन। इस कोर्स के दौरान, छात्र विभिन्न पशु प्रजातियों, जिनमें घरेलू पालतू जानवर, पशुधन, वन्यजीव और विदेशी जानवर शामिल हैं, में बीमारियों और चोटों के निदान, उपचार, और रोकथाम के बारे में सीखते हैं।
12वीं कक्षा के बाद पशु चिकित्सा courses उपलब्ध हैं, जिसमें veterinary science में degree, diploma और certificate programs शामिल हैं। यह PCB subjects के importance पर प्रकाश डालते हुए इन courses की eligibility, duration और fees के बारे में जानकारी provide करता है। लेख NEET exam के बिना veterinary study करने के बारे में common queries को भी address करता है और veterinary professionals की growing demand पर जोर देते हुए क्षेत्र में various career opportunities का outline करता है। जानवरों की care में interested students के लिए, ये programs veterinary में एक rewarding career का path provide करते हैं।
कोर्स के स्तर: Veterinary Courses विभिन्न शैक्षणिक स्तरों पर उपलब्ध हैं, जिनमें UG, PG, और PhD कोर्स शामिल हैं। UG कोर्स आमतौर पर BVSc (Bachelor of Veterinary Science) या संबंधित क्षेत्र में होता है, जबकि PG कोर्स MVSc (Master of Veterinary Science) या PhD डिग्री प्रदान करते हैं। ये कोर्स पशु चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन और अनुसंधान के अवसर प्रदान करते हैं।
Veterinary Course में प्रवेश पाने के लिए, उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा विज्ञान स्ट्रीम (PCB – फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) से उत्तीर्ण होना चाहिए और मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 55% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रवेश प्रक्रिया में कई कॉलेज मेरिट आधारित प्रवेश प्रदान करते हैं, जबकि कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षा के स्कोर के आधार पर प्रवेश करते हैं। लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाओं में ICAR AIEEA, NEET, और CG PAT शामिल हैं।
फीस
Veterinary Course की फीस INR 2,000 से लेकर INR 2 लाख तक हो सकती है। इस कोर्स के दौरान छात्रों को एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, सर्जरी, और प्रिवेंटिव मेडिसिन जैसे विषयों का अध्ययन कराया जाता है। यह कोर्स छात्रों को प्रैक्टिकल अनुभव के साथ-साथ थ्योरी ज्ञान भी प्रदान करता है, जिससे वे वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में सक्षम हो सकें।
करियर के अवसर और वेतन:
Veterinary Course पूरा करने के बाद, स्नातक विभिन्न करियर विकल्पों का चयन कर सकते हैं, जैसे पशु एनाटोमिस्ट, पशु चिरोप्रैक्टर, पशु चिकित्सक, और पशु पैथोलॉजिस्ट। इन क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों का वेतन INR 2.8 लाख प्रति वर्ष से INR 6 लाख प्रति वर्ष के बीच हो सकता है। Veterinary Course पशु चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है, जो न केवल विभिन्न पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक सफल करियर बनाने के लिए भी तैयार करता है।
अगर आप जानवरो से प्यार करते है और मेडिकल क्षेत्र में जानवरों का डॉक्टर बनना चाहते है तो पशु चिकित्सा विज्ञान डिग्री आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। चिकित्सक विज्ञान में छात्रों को पशु और मुर्गी स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में सिखाया जाता है। पशु चिकित्सक जानवरों के डॉक्टर होते है जो पशुओं की बीमारियों की जांच कर उनका इलाज करते है।
पशु चिकित्सक सभी पशुओं के स्वस्थ और हेल्थ का ध्यान रखता है, जिस तरह एक सामान्य डॉक्टर मनुष्य के स्वस्थ और हेल्थ के लिए काम करता है। पशु चिकित्सा विज्ञान में प्रतिस्पर्धा और डिमांड दोनों ही बहुत ज्यादा है। एक पशु चिकित्सक हामरे समाज में बहुत अहम भूमिका निभाता है।
इस लेख में आप विभिन्न डिप्लोमा और ग्रेजुएशन कोर्सेस के बारे में जानेंगे, जिससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि एक पशु चिकित्सक बनने के लिए कौन – सा कोर्स बेहतर रहेगा।
Veterinary Courses पशु चिकित्सा विज्ञान क्या है?
पशु चिकित्सा विज्ञान से आप क्या समझते हैं? पशु चिकित्सा भी एक मेडिकल का क्षेत्र है जिसमे छात्रों को पशु इम्यूनोलॉजी के बारे में सिखाया जाता है और इसके साथ ही पशु चिकित्सक पशुओ में होने बाली व्यापक बीमारी की रोकथाम की निगरानी भी करता है। इसमें प्रजनन पशुधन प्रबंधन, आनुवंशिकी, मांस उत्पाद प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, विकृति विज्ञान, औषध विज्ञान और सर्जरी आदि शामिल हैं।
इसलिए अगर आप 12वीं के बाद पशु चिकित्सक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करना चाहते है तो भारत में ऐसे कई कॉलेज एंव विश्वविद्यालय है जहां से आप सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एंव ग्रेजुएशन स्तर पर पशु चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर सकते है और अपना पशु चिकित्सक बनने का सपना पूरा कर सकते है।
आजकल ज्यादातर लोग कुत्ता पालते है और समय – समय पर उन्हें बीमारियां होती है, जिसके लिए एक पशु चिकित्सक की आवश्यकता होती है और सिर्फ कुत्ता ही नहीं भैंस, गाय आदि की समस्त बीमारियों का इलाज भी एक पशु चिकित्सक के पास होता है।
Veterinary Courses कोर्स के लिए योग्यता
पशु चिकित्सक बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? पशु चिकित्सक विज्ञान में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने 50% अंको के साथ 12वी पास किया हो, इसके साथ ही उम्मीदवार ने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयो के साथ 12वी किया होना चाहिए और अंग्रेजी विषय एक अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए।
आयु सीमा की योग्यतानुसार, उम्मीदवार की बीवीएससी कोर्स में एडमिशन के लिए न्युनतम आयु 18 वर्ष है और जिस वर्ष में आप एडमिशन ले रहे है उस वर्ष की 31 दिसंबर को अधिकतम आयु 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ये भी पढ़े : 12वी के बाद एग्रीकल्चर कोर्स
Veterinary Courses after 12th
12वीं के बाद कौन सा वेटरनरी कोर्स बेस्ट है? भारत में विभिन्न कॉलेज है जिनके माध्यम से आप पशु चिकित्सा विज्ञान में विभिन्न ग्रेजुएशन और डिप्लोमा आदि कोर्सेस कर सकते है। यहां आपको उन सभी कोर्सेस के सूची दी जाएगी, जिन्हे आप 12वी पास करने के बाद कर सकते है।
#1 बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस (बीवीएससी)
बीवीएससी या बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस, पशु चिकत्सा विज्ञान में एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है, जो छात्रों को पशु पोषण, देखभाल और प्रजनन के बारे में विस्तार से सिखाता है। 12वी के बाद इस पशु चिकित्सा विज्ञान कोर्स में एनिमल फिजियोलॉजी एंड एनाटॉमी टू एनिमल थेरेपी एंड ऑपरेशंस की पढ़ाई शामिल होती है।
योग्यता : 12वी में 50% अंक भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयो के साथ।
अवधि : यह 5 वर्ष का एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है।
कॉलेज : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान – बरेली, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय, उड़ीसा कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय – भुवनेश्वर।
#2 बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस – एनिमल हसबेंडरी
बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस एनिमल हसबेंडरी कोर्स जानवरोंं और पक्षियों में विभिन्न बीमारियों की जांचकर उनका इलाज करने के बारे में है। 12वी के बाद छात्र इस कोर्स में एडमिशन ले सकते है और गाय, भैंस और बकरी आदि में विभिन्न बीमारियों के बारे में सीख सकते है।
योग्यता : 12वी पीसीबी वर्ग में 50% अंक होंबा अनिवार्य है।
अवधि : यह 5.5 वर्ष की अवधि का कोर्स है।
कॉलेज : पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय- कोलकाता, राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय- बीकानेर आदि।
ये भी पढ़े : 12वीं के बाद योगा कोर्स
#3 बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस – वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी
वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी भी पशु चिकित्सा विज्ञान में 12वी के बाद किया जाने बाला एक प्रमुख कोर्स है, यह कोर्स पशुओं में बैक्टीरियल और वायरल रोगो से बचाने के लिए सही खाने और प्रोडक्ट की सलाह देता है जिससे पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके।
यह 12वी के बाद किया जाने बाला एक लैब आधारित कोर्स है जिसमें पशुओं की विभिन्न जांच आदि भी शामिल है।
योग्यता : 12वी पीसीबी वर्ग में 50% अंक होंबा अनिवार्य है।
अवधि : इस कोर्स की अवधि 5 वर्ष है।
कॉलेज : सिल्वर ओक विश्वविधालय – अहमदाबाद, आईईएस विश्वविद्यालय – भोपाल, नागपुर वेटेनरी कॉलेज – नागपुर आदि।
#4 बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस – एनिमल नुट्रिशन
12वी के बाद इस पशु चिकित्सक कोर्स में छात्रों को पशुओं से संवधित पोषण, संभोग, प्रजनन, स्वास्थ्य देखभाल, आनुवंशिकी, और राशन संतुलन सहित खेती वाले पशु पोषण के मूल तत्व के बारे सिखाया जाता है। इसके साथ ही घर में पलने वाले पशुओं को किस आहार की आवश्यकता है और किस तरह के आहार लेना पशुओ के लिए फायदेमंद रहेंगे, यह सब इस कुछ का हिंसा है।
योग्यता : किसी भी स्ट्रीम में 50% के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
अवधि : इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष है।
कॉलेज : श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय- तिरुपति, उड़ीसा कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- भुवनेश्वर आदि।
#5 डिप्लोमा इन वेटरनरी एंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट अस्सिस्टेंट
पशु चिकित्सा सहायकों द्वारा किए जाने वाले कार्यों में परीक्षा कक्षों की सफाई और रखरखाव, जानवरों के महत्वपूर्ण अंगों को की देखभाल, घाव की देखभाल करना और चिकित्सा संचालन में सहायता करना शामिल है। उम्मीदवार 12वी के बाद इस डिप्लोमा कोर्स में जानवरो सीखने कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
योग्यता : किसी भी स्ट्रीम में 50% के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
अवधि : इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है।
कॉलेज : इनएसएमसी – लखनऊ, जेएस विश्वविद्यालय – फरीदाबाद, आरजीपीआई – नई दिल्ली।
#6 डिप्लोमा इन वेटरनरी फार्मेसी
वेटरनरी फार्मेसी भी एक पशु चिकित्सक विज्ञान का क्षेत्र है, यह डिप्लोमा कोर्स 12वी के बाद किया जा सकता है। यह डिप्लोमा कोर्स उन छात्रों द्वारा किया जाता है जो जानवरोंं की हेल्थ इंडस्ट्री में काम करना चाहते है। यह मुख्य रूप से जानवरोंं के लिए इस्तेमाल होने बाले मेडिशन से संबधित कार्य सभालते है। इसके साथ ही यह विभिन्न सरकारी और प्राइवेट वेटरनरी फार्मा कम्पनीज में भी काम करते है।
योग्यता : विज्ञान स्ट्रीम (पीसीवी) में 50% के साथ 12वी पास होना अनिवार्य है।
अवधि : इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है।
कॉलेज : इनएसएमसी – लखनऊ, एनआईपीई – दिल्ली, आरजीपीआई – नई दिल्ली आदि।
यहां आपको 12वी के बाद पशु चिकित्सक विज्ञान में विभिन्न कोर्सेस की जानकारी दी गयी है जिनमें आप अपनी रुचि अनुसार कोर्स का चुनाव कर सकते है। इन कोर्सेस में 2 से 6 वर्ष तक की अवधि के कोर्स उपलब्ध है। कॉलेज के आधार पर, भारत में पशु चिकित्सा विज्ञान कोर्स फीस 7,000 से 50,000 रुपये प्रतिवर्ष तक रहता है।
पशु चिकित्सक विज्ञान कोर्स करने के बाद आपको सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में नौकरी के अवसर मिल जायेंगे, जिसमें आप शुरुआती समय में 3 से 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की नौकरी पा सकते है। यह वेतन आपकी स्पेशलाइजेशन और स्किल पर निर्भर करता है। पशु चिकित्सक विज्ञान कोर्स की बहुत डिमांड है इसलिए प्रतिवर्ष अधिक मात्र में छात्र पशु चिकित्सा विज्ञान कोर्स में एडमिशन लेते है।
FAQs
प्रश्न 1: क्या पशु चिकित्सा विज्ञान के लिए NEET आवश्यक है?
उत्तर: पशु चिकित्सा विज्ञान में प्रवेश के लिए NEET score mandatory नहीं है, फिर भी भारत के कई प्रसिद्ध कॉलेज अभी भी पशु चिकित्सा विज्ञान में प्रवेश के लिए NEET स्कोर consider करते हैं।